क्रिकेट इतिहास में अभी तक कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा और प्रदर्शन से पूरी दुनिया में नाम कमाया है। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, रिकी पोंटिंग, वीरेंदर सहवाग, स्टीव वॉ, कपिल देव, इमरान खान, वसीम अकरम, ब्रायन लारा, कर्टनी वॉल्श, विव रिचडर्स, आप नाम लेते जाएंगे लेकिन ये लिस्ट कभी खत्म नहीं होगी।
क्रिकेट इतिहास में जब भी इन क्रिकेटरों का नाम लिया जाता है तो बड़े ही आदर के साथ लिया जाता है। इन्होंने लंबे समय तक अपने देश के लिए क्रिकेट खेला और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। हालांकि कुछ दुर्भाग्यशाली क्रिकेटर ऐसे भी थे जो काफी प्रतिभाशाली थे लेकिन चोट की वजह से उनका करियर समय से पहले ही समाप्त हो गया। इस लिस्ट में कई दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ियों के नाम हैं। हम आपको क्रिकेट इतिहास के 5 ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिनका करियर चोट की वजह से काफी पहले ही खत्म हो गया और फिर ये आगे नहीं खेल पाए।
क्रिकेट इतिहास के 5 ऐसे खिलाड़ी जिनका करियर चोट के कारण पहले ही खत्म हो गया
1.फिल ह्यूज
फिल ह्यूज वो खिलाड़ी थे जिनके नाम सबसे कम उम्र में एक ही टेस्ट मैच में दो शतक लगाने का रिकॉर्ड है। उन्होंने ये कारनामा महज 20 साल की उम्र में कर दिखाया था। फिल ह्यूज 25 नंवबर को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में जबरदस्त तरीके से बैटिंग कर रहे थे और स्टैंड्स में उनकी मां और बहन बैठकर उनके खेल का लुत्फ भी उठा रहे थे। जब वो 63 रन पर थे, तभी एक बाउंसर गेंद उनके सिर पर आकर लगी। वो तुरंत वहीं गिर पड़े और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां पर उनकी सर्जरी हुई लेकिन इसके बावजूद उनकी मौत हो गई।
महज 25 साल की उम्र में ही फिल ह्यूज ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया और 63 रन पर वो हमेशा के लिए नाबाद रह गए। इस घटना से पूरा क्रिकेट जगत सकते में आ गया था। आज भी जब ऑस्ट्रेलियाई टीम सिडनी में कोई क्रिकेट मैच खेलती है तो वो फिल ह्य़ूज को श्रद्धांजलि जरुर देती है। डेविड वॉर्नर ने एससीजी में ही तिहरा शतक लगाकर उसे फिल ह्यूज को समर्पित किया था।
2. मार्क बाउचर
मार्क बाउचर को क्रिकेट इतिहास के सबसे महान विकेटकीपरों में गिना जाता है। वो दक्षिण अफ्रीका की उस आइकॉनिक टीम का हिस्सा थे, जिसके कप्तान ग्रीम स्मिथ थे। उनके नाम अभी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शिकार करने का रिकॉर्ड है।
हालांकि इतने शानदार क्रिकेटर के करियर का अंत काफी दुखद तरीके से हुआ। 2012 में इंग्लैंड के दौरे पर मार्क बाउचर अपना 150वां टेस्ट मैच खेल सकते थे और अंतर्राष्ट्रीय करियर में अपने 1 हजार शिकार भी पूरे कर सकते थे। हालांकि उससे पहले समरसेट के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में इमरान ताहिर की एक गुगली स्टंप पर जाकर लगी और फिर स्टंप की गिल्ली उड़कर बाउचर की बाई आंख में जाकर लग गई और वो चोटिल हो गए। उनके आंख की चोट इतनी गहरी थी कि उन्हें उसके बाद संन्यास लेना पड़ा और 467 मैच में वो सिर्फ 998 शिकार पर रह गए
3. जोनाथन ट्रॉट
मिचेल जॉनसन ने 2013-14 के सीजन में जो गेंदबाजी की थी उसे लोग पेस बॉलिंग का एक आर्ट मानते हैं। जॉनसन ने उस सीजन में काफी घातक गेंदबाजी की थी लेकिन इस शानदार गेंदबाजी का दूसरा पहलू ये भी था कि कई बल्लेबाजों का करियर उस गेंदबाजी की वजह से दांव पर लग गया था।
इसका सबसे ज्यादा नुकसान इंग्लैंड के नंबर 3 बल्लेबाज जोनाथन ट्रॉट को हुआ था। उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में रनों का अंबार लगाकर इंग्लैंड की टीम में जगह बनाई थी। इंग्लैंड के लिए अपने छोटे से करियर में वो काफी भरोसेमंद बल्लेबाज बन गए थे लेकिन मिचेल जॉनसन की जबरदस्त तेज गेंदबाजी ने उन्हें मानसिक तौर पर हिला दिया था।
जोनाथन ट्रॉट को एशेज सीरीज बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा, और इसके बाद वो लगातार इससे संघर्ष करते रहे। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में रन बनाए उसकी बदौलत एक बार फिर से इंग्लैंड टीम में वापसी की, लेकिन वो पहले वाले जोनाथन ट्रॉट नहीं रहे। साल 2015 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। हालांकि कई लोगों का मानना है कि उनका संन्यास सिर्फ एक फॉर्मेलिटी थी, क्योंकि असल में एशेज सीरीज के उस मशहूर ब्रिस्बेन टेस्ट मैच के बाद ही उनका करियर खत्म हो गया था।
4.नाथन ब्रैकन
एक समय नाथन ब्रैकन ऑस्ट्रेलिया की वनडे टीम का प्रमुख हिस्सा हुआ करते थे। लंबे कद और बालों की वजह से उनकी एक अलग ही पहचान थी। 2008 में वो वनडे में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज थे। हालांकि 2009 में घुटने में लगी चोट और डॉक्टरों के गलत इलाज की वजह से उनके करियर का समय से पहले ही अंत हो गया। इसके बाद उन्होंने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से हर्जाने की मांग की और लगभग 10 साल बाद उन्हें हर्जाना मिल भी गया। लेकिन इन सबके बीच ऑस्ट्रेलिया ने अपना एक होनहार गेंदबाज गंवा दिया।
5.क्रेग कीसवेटर
क्रेग कीसवेटर इंग्लैंड की 2010 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल मैच के हीरो थे, जिसे जीतकर इंग्लिश टीम ने खिताब पर कब्जा किया था। वो टॉप ऑर्डर के शानदार विस्फोटक बल्लेबाज थे और बेहतरीन विकेटकीपिंग भी करते थे। वो अपने करियर में काफी ऊंचाईयां हासिल कर सकते थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
नॉर्थैम्प्टनशायर के खिलाफ मैच में एक गेंद उनके हेलमेट से होती हुई सीधा उनके मुंह पर जाकर लगी। इसकी वजह से उनकी नाक टूट गई और उनकी आंखों को भी गहरी चोट पहुंची। इसके बाद कीसवेटर ने कई बार मैदान में वापसी की लेकिन उस चोट की वजह से वो शारीरिक और मानसिक तौर पर पहले वाले खिलाड़ी नहीं रह गए थे। आखिर में 2015 में अपने डेब्यू के महज 5 साल बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया।