पहले टी-20 वर्ल्डकप में अपनी टीम को चैंपियन बनाने से चूकने वाले मिस्बाह-उल-हक के साथ ये मैच ताउम्र जुड़ा रहेगा। जिसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी। लेकिन मिस्बाह की उम्र इस समय 42 साल की है। लेकिन वह लगातार पाकिस्तान के लिए अच्छा खेल रहे हैं। उनके नेतृत्व में पाक टीम टेस्ट में नम्बर एक भी बन चुकी है। मिस्बाह को बतौर बल्लेबाज़ देखना आपकी भूल हो सकती है। उनकी कप्तानी में असद शफीक, सरफराज अहमद और अज़हर अली जैसे खिलाड़ियों का उदय हुआ है। इसके अलावा युनिस खान का भी उन्होंने काफी साथ दिया है। मिस्बाह ने 27 साल की उम्र में अपना डेब्यू किया था। लेकिन 5 टेस्ट मैचों के बाद वह 4 साल तक टीम से बाहर रहे और साल 2007 में उनकी टीम में वापसी हुई। जहां उन्होंने 2 शतक लगाये। लेकिन कम लोगों को पता है कि मिस्बाह को उसके बाद 14 महीने टीम से बाहर रहना पड़ा था। उसके बाद वह टीम के अभिन्न अंग बने। मिस्बाह ने 69 टेस्ट में 47 के औसत से 4875 रन बनाये हैं, जिनमें 10 शतक और 36 अर्धशतक बनाये हैं। इसके अलावा 162 वनडे मैचों में मिस्बाह ने 43 के औसत से 5122 रन बनाये हैं।