अंडर-19 विश्वकप ने हमेशा उभरते क्रिकेटरों को विश्व दर्शकों के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान किया है। भारत इस टूर्नामेंट में सबसे सफल राष्ट्र है, जिसने कुल चार बार 2000, 2008, 2012 और 2018 में रिकॉर्ड खिताबी जीत दर्ज की है। मोहम्मद कैफ ने 2000 में पहले खिताबी जीत के लिए भारत का नेतृत्व किया, जिसके बाद विराट कोहली ने अपनी टीम को 2008 में मलेशिया में खेले गये विश्व कप में जीत दिलायी। जिसके बाद 2012 में उनमुक्त चंद ने भारतीय अंडर 19 टीम को विश्व कप का विजेता बनाया और उसके बाद युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ ने 2018 में न्यूजीलैंड में खेले गये अंडर-19 विश्व कप में खिताब जिताया था। अंडर-19 स्तर पर कई खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय वरिष्ठ टीम का प्रतिनिधित्व किया है। आज हम उन चार मौजूदा भारतीय टीम के सदस्यों पर नजर डालते हैं जो अंडर 19 विश्व कप में खेल चुके हैं लेकिन शायद ही उनके बारें में आप जानते होंगे- प्रतिष्ठित उल्लेख- विराट कोहली #1) रोहित शर्मा रोहित शर्मा ने 2005 के देवधर ट्रॉफी के दौरान वेस्ट ज़ोन के लिए खेलते हुए 142* (126) रन बनाकर अपनी धाक जमाई। रोहित जो सिर्फ 18 वर्ष के थे, ने घरेलू सर्किट में लगातार प्रदर्शन और अपने बल्लेबाजी कौशल के बदौलत श्रीलंका में हुए 2006 के आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में अपनी जगह बनाई। 2006 के अंडर-19 विश्व कप के छह मैचों में खेलते हुए रोहित ने 41.0 के औसत से 205 रन बनाए, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 78 का रहा। रोहित ने गेंदबाजी में हाथ आजमाते हुए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2/15 के साथ टूर्नामेंट में चार विकेट लिए। टीम इंडिया इस टूर्नामेंट में उपविजेता रही और पाकिस्तान ने लगातार दूसरा अंडर-19 खिताब जीत लिया। रोहित ने 2006-07 के सत्र में मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी की शुरुआत की और आखिरकार जून 2007 में आयरलैंड के खिलाफ सीनियर टीम में उनका चयन हो गया। वह उस विजयी भारतीय टीम का भी हिस्सा थे जिसने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में खेले गये 2007 के पहले विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान को हरा कर पहला टी-20 विश्व कप खेला था। रोहित ने टीम इंडिया के लिए इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 की शुरुआत की जिसमें युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के लगाए थे। वह अब भारतीय सीमित ओवरों में एक स्थायी सदस्य हैं और वनडे व टी-20 में कई बल्लेबाजी रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। वह आईपीएल में चार खिताब (कप्तान के रूप में तीन) के साथ सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक है।#2) सुरेश रैना
सुरेश रैना ने 2002 में इंग्लैंड और श्रीलंका के भारतीय अंडर-19 टीम के दौरे के दौरान अपना नाम कमाया। इस खिलाड़ी ने 2003 में उत्तर प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी की शुरुआत की, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान में आयोजित अंडर-19 एशियाई वनडे चैम्पियनशिप के लिए चुना गया। इस टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्होंने 2004 के आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई, जिसकी मेजबानी बांग्लादेश ने की थी। 2004 के आईसीसी अंडर-19 विश्वकप में सात मैचों में खेलने वाले रैना टूर्नामेंट में भारत की ओर से दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, जिसमें उन्होंने 35.28 के औसत से 247 रन बनाये और उनका सर्वोच्च स्कोर 90 रन था। जब वह सिर्फ 19 वर्ष के थे तब उन्होंने 2005 जुलाई में श्रीलंका के खिलाफ टीम इंडिया के लिए अपना वनडे पदार्पण किया। हालांकि पांच साल बाद रैना ने उसी विपक्ष के खिलाफ 2010 में अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की थी। एक दिलचस्प तथ्य यह है कि रैना तीनों प्रारूपों में शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने, जब उन्होंने वेस्टइंडीज में 2010 आईसीसी विश्व टी-20 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक ग्रुप मैच में स्कोर किया। वह अब भारत के सीमित ओवरों के पक्ष में नियमित खिलाड़ी है और आईपीएल में बेहद सफल खिलाड़ियों में से एक हैं व आईपीएल के सर्वाधिक रन स्कोरर है।#3) कुलदीप यादव
घरेलू सर्किट में उत्तर प्रदेश के लिए खेलने वाले कुलदीप यादव ने संयुक्त अरब अमीरात में हुए 2014 के आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। भारतीय टीम कप्तान विजय ज़ोल के नेतृ्त्व में उस टूर्नामेंट में पांचवें स्थान पर रही। दुबई में स्कॉटलैंड के खिलाफ एक ग्रुप मैच में कुलदीप ने एक हैट्रिक ली और इस प्रकार अंडर-19 में ऐसा कारनामा करने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बन गये। कुलदीप निस्संदेह टूर्नामेंट में टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाज थे, जिसमें 4.1 की इकॉनमी के साथ सिर्फ छह मैचों में 14 विकेट लिए थे। हालांकि वह 2012 के संस्करण में मुंबई इंडियंस टीम का हिस्सा थे, फिर भी उन्होंने 2016 में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल में शुरुआत करने का मौका मिला। 2017 आईपीएल में कोलकाता की टीम (12 मैचों में 16 विकेट) के लिए उनके प्रभावशाली प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में स्थान हासिल कराया। उन्होंने मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट मैच की शुरुआत की और वेस्टइंडीज के खिलाफ जून 2017 में उनके वनडे करियर की शुरुआत की। अब, वह खेल के सभी प्रारूपों में टीम इंडिया के लिए मुख्य विकेट लेने वाले गेंदबाज में से एक है।#4) शिखर धवन धवन, जो घरेलू सर्किट में दिल्ली के लिए खेलते हैं, उन्होंने अंडर-17 और अंडर-19 के तहत दोनों स्तरों पर टीम पर टीम का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने बांग्लादेश में हुए 2004 के आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और 84.16 के औसत से सात मैचों में 505 रनों के साथ टीम इंडिया के लिए सर्वाधिक रन-स्कोरर रहे, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 155* रन था। ढाका में खेले गये सेमीफाइल मैच के दौरान भारत पाकिस्तान के हाथों पांच विकेट से हार गया लेकिन धवन को बल्ले के साथ अपनी धमक जमाने के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के पुरस्कार से नवाजा गया। नवंबर 2004 में रणजी ट्रॉफी के लिए शुरुआत करने वाले धवन को दिल्ली की तरफ से खेलते हुए कुछ प्रभावशाली प्रदर्शनों के बावजूद अपने वरिष्ठ टीम में डेब्यू करने के लिए छह साल का समय लगा था। आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स और मुंबई इंडियंस के साथ अपनी पारी की वजह से उन्हें अक्टूबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की। उन्होंने उस सीरीज़ में अपने वनडे करियर की शुरुआत की और जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 के लिए पर्दापण किया। 2012-13 के घरेलू सर्किट में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के चलते उन्होंने मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बहुप्रतीक्षित टेस्ट मैच में शुरुआत करने का मौका मिल गया।#5) सिद्धार्थ कौल
घरेलू सर्किट में अंडर-15, 17 और 19 स्तरों पर पंजाब का प्रतिनिधित्व करने वाले सिद्धार्थ कौल ने 2007 में रणजी ट्रॉफी के लिए शुरुआत की थी। कौल ने 2008 में मलेशिया में आयोजित आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में विजयी भारतीय टीम के लिए खेला था। भारत ने कुआलालंपुर में खेले गये फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 12 रनों (डकवर्थ लुईस नियम) से हराया। टूर्नामेंट में कौल भारत के संयुक्त उच्चतम विकेट लेने वाले गेंदबाज थे, जिसमें 4.2 मैचों की इकॉनमी से पांच मैचों में 10 विकेट लिये थे और यहां तक कि मुश्किल फाइनल में शानदार आखिरी ओवर भी डाला था। हालांकि वह पंजाब टीम में लगातार सदस्य थे लेकिन उन्होंने इस साल तक राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं बनाई। आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के साथ अपने अद्भुत कार्यकाल की वजह से (2017 में 16 विकेट और 2018 संस्करण में 21 विकेट) उन्हें इस साल इंग्लैंड के दौरे के लिए वरिष्ठ टीम से बुलावा आ गया। पंजाब के आशाजनक तेज गेंदबाज ने जून 2018 में इंग्लैंड टीम के खिलाफ अपनी टी-20 करियर की शुरुआत की और वर्तमान में इंग्लैंड में चल रही सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए वनडे में 12 जुलाई, 2018 को अपना पदार्पण किया। लेखक- अश्वन राव अनुवादक- सौम्या तिवारी