
पुजारा भारतीय टेस्ट टीम के रीढ़ की हड्डी हैं। उनका प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में शानदार रहा है। हालांकि वह तीनों फॉर्मेट में टीम का अंग बनना चाहते हैं। साल 2013 में ज़िम्बाब्वे दौरे के लिए उन्हें टीम में चुना गया था। लेकिन उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। जिसके बाद वह सफ़ेद गेंद के क्रिकेट से दूर ही रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ भी उन्हें टीम में मौका मिला था। लेकिन वह खुद को साबित नहीं कर पाए। लेकिन वह टेस्ट में लगातार भारत के लिए खेलते रहे। हालांकि बीते साल टेस्ट में उनके खेलने पर सवाल उठे। लेकिन उन्होंने शानदार खेल से टीम में अपनी जगह पक्की की और आलोचकों को जवाब भी दिया। सीमित ओवर में भारतीय टीम संतुलित नजर आ रही है। ऐसे में पुजारा की जगह टीम नहीं बन पा रही है। लेकिन अगर कुछ खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो उनके चयन पर विचार हो सकता है।