वाटलिंग एक बेहतरीन बल्लेबाज़ के साथ साथ एक अच्छे विकेटकीपर भी हैं, पर दिग्गज बल्लेबाज़ ब्रेंडन मैकुलम की मौजूदगी में वाटलिंग के प्रदर्शन को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। अफ़सोस की बात ये है कि मैकुलम के संन्यास के बाद भी वाटलिंग टीम में जगह बनाने में असमर्थ रहे और केन विलियमसन को उनकी जगह टीम में शामिल किया गया। साल 2009 में अपना डेब्यू करने वाले वाटलिंग एक बेहतरीन बल्लेबाज़ थे और एक से ज्यादा मौकों पर उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को संकट से उभारा है। साल 2015 में वाटलिंग ने श्रीलंका के विरुद्ध बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 124 रन और 142 रनों की पारी खेली थी और दूसरे टेस्ट में भी अपनी टीम को संकट से निकाला था। इंग्लैण्ड के विरुद्ध भी वाटलिंग ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और शानदार 120 रनों की पारी खेली थी। इन सब के बावजूद वाटलिंग टीम में जगह बनाने में असमर्थ रहे हैं।