किसी भी मैच का नतीजा क्या निकलेगा ये काफ़ी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि वहां कि पिच किस तरह की है। मैच के दौरान कई वजहों से पिच का मिज़ाज बदलता रहता है। बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी करते हुए क्या रिकॉर्ड बनता है ये इस बात से भी तय होता कि पिच कितना साथ दे रही है।
जब पिच पर थोड़ी हरियाली हो, यानि थोड़ी घास उगी हुई तो तब ये बल्लेबाज़ों को फ़ायदा पहुंचाती है, क्योंकि ऐसे हालात में बल्ले के पास गेंद अच्छी तरह आती है। लेकिन वही पिच बल्लेबाज़ों के लिए बेहद ख़तरनाक हो जाती है जब उस पर दरारें पड़ जाती हैं।
दुनिया में कई ऐसी क्रिकेट पिच देखने को मिली हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खरी नहीं उतरती। इसकी वजह से कई बल्लेबाज़ो को चोट का सामना करना पड़ा है। हम यहां ऐसी 5 पिच की बात कर रहे हैं जो क्रिकेट इतिहास में सबसे ख़तरनाक हैं।
#5 ईडन गार्डन (1996)
ईडन गार्डन में साल 1996 वर्ल्ड कप का सेमीफ़ाइनल मैच खेला गया था। यहां मेज़बान भारत का सामना श्रीलंका से था। इस मैच में श्रीलंका की जीत की सबसे बड़ी वजह बनी यहां की पिच। जब भारत अपने लक्ष्य का पीछा कर रहा था तब पिच काफ़ी टर्न ले रही थी और गेंद बाउंस भी कर रही थी।
इस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंकाई टीम ने 251 रन बनाए थे। जब भारत बल्लेबाज़ी करने उतरा तब पिच का मिज़ाज अच्छा था। भारत ने 1 विकेट खोकर 98 रन बना लिए थे। पिच पर महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर मौजूद थे और टीम इंडिया मज़बूत स्थित में दिख रही थी
सब कुछ भारतीय टीम के काबू में लग रहा था, तभी अचानक पिच का मिज़ाज बदल गया। भारत के बल्लेबाज़ों के लिए गेंद की दिशा का पता लगाना मुश्किल होने लगा। अजीब तरीके से टर्न और बाउंस होने के कारण भारत का स्कोर 120/8 हो गया। स्टेडियम के दर्शक हिंसक हो गए और मैच को बीच में ही रोकना पड़ा। श्रीलंका ने डकवर्थ लुईस-नियम के ज़रिए जीत हासिल की।