क्रिकेट इतिहास की 5 सबसे ख़तरनाक पिच

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#4 ब्रेबोर्न स्टेडियम, मुंबई (2006)

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मुंबई में ज़्यादातर मैच वानखेड़े स्टेडियम में खेले जाते हैं, हांलाकि कुछ मैच ब्रेबॉर्न स्टेडियम में भी आयोजित किए जाते हैं। साल 2006 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी के कुछ मैच ब्रेबॉर्न में ही खेले गए थे। इस टूर्नामेंट के 2 लीग मैच के बाद ही पिच पर दरारें आ गईं थीं। ये दरारें वक़्त के साथ बड़ी होती जा रहीं थीं। हालात ऐसे हो गए थे कि इस पर बल्लेबाज़ी करना नामुमकिन सा हो गया था।

हांलाकि मैदान में मौजूद पिच क्यूरेटर एंडी एटकिंसन की तत्परता की वजह से इस पिच को बचाया जा सका। एंडी ने इस परेशानी का हल तुरंत खोज निकाला। उन्होंने जल्द ही पिच पर पॉलिविनाइल एसिटेट का छिड़काव किया और दरारों को भर दिया। इस तकनीक की मदद से पिच खेलने लायक बन गई। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी का अगला मैच इस मैदान में बिना किसी परेशानी के खेला गया।


#3 फ़िरोज़शाह कोटला, दिल्ली (2009)

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फ़िरोज़शाह कोटला का मैदान 1883 में तैयार किया गया था। साल 1948 में यहां पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया था। ये मैच वेस्टइंडीज़ और भारत के बीच आयोजित किया गया था। ये भारत को दूसरा सबसे पुराना मैदान है जो आज भी इस्तेमाल में है।

इस मैदान के साथ कुछ विवाद भी जुड़े हैं। साल 2009 में श्रीलंका और भारत के बीच मैच खेला गया था। मैच के दौरान पिच में टर्न और बाउंस देखने को मिली। हालात इतने बदतर हो गए कि मैच को रद्द करना पड़ा। मैच रद्द होने से पहले श्रीलंका ने 5 विकेट खोकर 83 रन बना लिए थे।

Edited by Naveen Sharma