जब केविन पीटरसन ने ट्वीट किया कि कोहली के आउट होने का मतलब है, टीवी बंद कर देना तो बहुत सारे क्रिकेट फैंस को 90 का दशक का वो दौर याद आ गया होगा, जब सचिन तेंदुलकर टीम इंडिया की सबसे बड़ी उम्मीद हुआ करते थे। सचिन के आउट होते ही लोग अपने चैनल स्विच कर लिया करते थे। जाहिर तौर पर भारतीय टीम कोहली पर जरूरत से ज्यादा निर्भर है। कोहली के आउट होते ही भारतीय बैटिंग लाइन अप भी लड़खड़ा जाती है। पुणे टेस्ट में भारतीय मिडिल ऑर्डर उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया था। कोहली के ना चलते की सूरत में सीरीज के बाकी टेस्ट मैचों में मध्य क्रम के बल्लेनबाजों में कम से कम एक को बड़ी पारी खेलनी होगी। अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, चेतेश्वधर पुजारा या फिर करुण नायर में से किसी को शतकीय पारी खेलकर भारत को बड़े स्कोर तक पहुंचाना होगा। अजिंक्य रहाणे का बल्ला पिछले कुछ मैचों से खामोश है। उन्हें अपने बल्ले से आलोचकों का मुंह बंद करना होगा। इन सभी बल्लेबाजों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी क्योेंकि विराट पर ज़रूरत से ज्यादा निर्भरता टीम इंडिया के लिए खतरे की घंटी है।