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डीआरएस के मामले में टीम इंडिया का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है। कई मौकों पर खिलाड़ियों ने बिना सोचे-समझे ही रिव्यू की मांग की। जरूरत है कि कोहली की सेना डीआरएस को लेकर एक ठोस प्लान बनाए। खासकर रिव्यू लेने के लिए जल्दबाजी दिखाई जाती है। उस पर खास ध्यान देना होगा। खिलाड़ी अगर पूरी तरह आश्वस्त हों तो ही रिव्यू के लिए हाथ उठाएं। पिछले मैच में दोनों ही ओपनर्स ने 6 ओवर के भीतर ही दोनों रिव्यू खराब कर दिए। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया ने डिसीजन रिव्यूं सिस्टम को स्वीकार किया था। अब तक सात टेस्ट में टीम इंडिया ने बैटिंग या बॉलिंग करते हुए 55 बार इस सिस्टम की मदद ली। जिसमें से केवल 17 बार उसके पक्ष में फैसला हुआ। जाहिर है टीम इंडिया को DRS के उपयोग में ज्यादा चतुराई दिखानी होगी।
Edited by Staff Editor