फिलहाल चेतेश्वर पुजारा टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज हैं। जिस तरह से वह रन बटोर रहे हैं, उससे उनकी रनों की भूख साफ जाहिर होती है। साथ ही, यह भी पता चलता है कि वह क्रिकेट के अधिक लोकप्रिय प्रारूपों के लिए भी खुद को साबित करना चाह रहे हैं। पुजारा उन बल्लेबाजों में से नहीं है, जो अपनी मर्जी के मुताबिक शॉट्स खेलने की कोशिश करते हैं और बोलर की तरफ आक्रामकता दर्शाते हैं। बल्कि वह ऐसे बल्लेबाज हैं, जो सही समय का इंतेजार करता है और विकल्पों को पूरी सूझ-बूझ के साथ चुनता और भुनाता है। 2010 में उनके पदार्पण के साथ ही हम देख रहे हैं कि उन्होंने कई मैच निर्धारित करने वाली पारियां खेली हैं। उन्होंने बहुत जल्द ही टीम के सामने राहुल द्रविड़ का विकल्प प्रस्तुत किया है। वह द्रविड़ जिन्हें भारतीय क्रिकेट की ‘दीवार’ मान जाता है। आइए याद करते हैं पुजारा की 5 सबसे बेहतरीन पारियां: #1) 135, दूसरा टेस्ट, मुंबई, इंग्लैंड का भारत दौरा, 23 नवंबर-26 नवंबर, 2012 4 मैचों की सीरीज का वह दूसरा टेस्ट था। भारत पहले टेस्ट में जीत चुका था। मुंबई में इंग्लैंड हिसाब बराबर करने के इरादे से उतरा था। उन्होंने शानदार बोलिंग के बल पर भारत को पहली पारी में 169/6 की कमजोर स्थिति तक ला खड़ा किया। लेकिन एक छोर पर खड़े पुजारा किसी उपयुक्त साझेदार का इंतेजार कर रहे थे। सहवाग के साथ 48 रन, कोहली के साथ 58 रन और धोनी के साथ 50 रनों की साझेदारी कर चुके थे। लेकिन उन्हें इंतजार था, ऐसे साथी का जो उनके साथ लंबी पारी खेल सके। पुजारा का साथ देने आए अश्विन। पुजारा ने उनके साथ मिलकर इंग्लिश गेंदबाजों को खूब छकाया। दूसरे छोर पर अश्विन तेजी से रन बटोर रहे थे। उनके साथ के बल पर पुजारा ने 350 गेंद पर 135 रनों की धीरज भरी पारी खेली। पुजारा ने पिच पर 451 मिनट बिताए। उनके विकेट के साथ ही भारतीय पारी भी 327 रनों पर सिमट गई। जवाब में इंग्लैंड ने 413 रन बनाए। दबाव में भारत दूसरी पारी में 142 रन पर ही सिमट गया। इंग्लैंड के पास 10 विकेट थे और उन्हें सिर्फ 57 रन बनाने थे। भारत मैच जरूर हार गया, लेकिन पुजारा की पारी सबको याद रह गई। #2) 145, तीसरा टेस्ट, कोलंबो, भारत का श्रीलंका का दौरा, 28 अगस्त-1 सितंबर, 2015 भारत-श्रीलंका की भिड़त के इतिहास में पुजारा की यह 145 रनों की पारी, किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। सीरीज 1-1 से बराबर थी। सीरीज इस टेस्ट से ही निर्धारित होनी थी। श्रीलंका ने भारतीय पारी को 173/6 के स्कोर पर रोक दिया था। उनके पास सभी भारतीय बल्लेबाजों का तोड़ था, पुजारा के अलावा। पुजारा कोहली के साथ 50 रन, रोहित शर्मा के साथ 55 रन और नमन ओझा के साथ 54 रनों की साझेदारी कर चुके थे। मैच का रुख तो तब बदला, जब उन्होंने अमित मिश्रा के साथ मिलकर 104 रनों की साझेदारी की और भारत को मजबूत स्थिति तक पहुंचाया। 57 रन बनाकर मिश्रा भी पवेलियन लौट गए, लेकिन पुजारा (145 रन, 289 गेंद) नाबाद रहे। उनकी पारी की बदौलत भारत ने 117 रनों से मैच और 2-1 से सीरीज जीत ली। #3) 87, दूसरा टेस्ट, कोलकाता, न्यूजीलैंड का भारत दौरा, 30 सितंबर-3 अक्टूबर, 2015 3 मैचों की सीरीज थी। पुजारा ने इस मैच में कोई शतकीय पारी नहीं खेली। लेकिन 219 गेंद पर उनकी 87 रनों की धैर्य भरी पारी ने भारत को दूसरे टेस्ट में जीत दिलाई, जिसके साथ ही भारत ने सीरीज पर भी कब्जा कर लिया। एक वक्त पर भारत शिखर धवन, विराट कोहली और मुरली विजय के विकेट खो चुका था। भारत का स्कोर था 46/3। पुजारा की कोशिश थी, विकेटों का पतन रोकने की। पुजारा रक्षात्मक खेल दिखा रहे थे और भारत का किला बचाने की कोशिश में जुटे थे। उन्हें अजिंक्य रहाणे का साथ मिला और दोनों ने मिलकर टीम के चौथे विकेट के लिए 141 रन जोड़े। इस साझेदारी में कुल 17 बाउंड्री पड़ीं। भारत ने पारी में 316 रन बनाए और बाद में 178 रनों से मैच भी जीत लिया। भारत की गेंदबाजी भी शानदार रही। #4) 92, दूसरा टेस्ट, बेंगलुरु, ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा, 4 मार्च-7 मार्च, 2017 यह पारी भी पुजारा की शतकीय पारियों में शामिल नहीं है। वह सिर्फ 8 रनों से सेंचुरी से चूक गए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बोलिंग अटैक के खिलाफ अकेले ही संघर्ष किया। पहली पारी में वह कुछ खास नहीं कर सके थे, लेकिन दूसरी पारी में 92 रन (221 गेंद) बनाकर हिसाब चुकता कर लिया। पहली पारी में भारत सिर्फ 189 रन ही बना सका था और उसमें पुजारा का महज 17 रनों का योगदान था। जवाब में कंगारुओं ने 276 रन बनाए। पिच बल्लेबाजों का साथ नहीं दे रही थी। पुजारा (92) और रहाणे (52) को छोड़कर बाकी सभी भारतीय बल्लेबाज नाकाम रहे। इनकी बदौलत भारत ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के सामने 188 रनों का लक्ष्य रखा। भारत ने शानदार गेंदबाजी की और विरोधियों की पारी को महज 112 रनों पर समेट दिया। पुजारा के बेबाक खेल की बदौलत भारत ने कंगारुओं से 1-1 से सीरीज बराबर कर ली। #5) 202, तीसरा टेस्ट, रांची, ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा 16 मार्च-20 मार्च, 2017 यह पुजारा की न सिर्फ यादगार बल्कि सर्वश्रेष्ठ पारियों में से भी एक है। पुजारा ने 525 गेंदों का सामना किया और 202 रनों की पारी खेली। यह किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा एक पारी में खेली गई सबसे ज्यादा गेंदें हैं। उनकी यह पारी इस मायने में भी अहम थी कि कंगारुओं ने पहली पारी में भारत के सामने 451 रनों का पहाड़ खड़ा किया था। पुजारा की मजबूत पारी की बदौलत भारत ने पहली पारी में 9 विकेट पर 603 रन बनाकर पारी घोषित की। आखिरकार मैच ड्रॉ हो गया। मैच ड्रॉ जरूर रहा, लेकिन पुजारा की पारी की बदौलत सीरीज का रोमांच बना रहा। लेखकः प्रसेनजीत, अनुवादकः देवान्श अवस्थी