3 मैचों की सीरीज थी। पुजारा ने इस मैच में कोई शतकीय पारी नहीं खेली। लेकिन 219 गेंद पर उनकी 87 रनों की धैर्य भरी पारी ने भारत को दूसरे टेस्ट में जीत दिलाई, जिसके साथ ही भारत ने सीरीज पर भी कब्जा कर लिया। एक वक्त पर भारत शिखर धवन, विराट कोहली और मुरली विजय के विकेट खो चुका था। भारत का स्कोर था 46/3। पुजारा की कोशिश थी, विकेटों का पतन रोकने की। पुजारा रक्षात्मक खेल दिखा रहे थे और भारत का किला बचाने की कोशिश में जुटे थे। उन्हें अजिंक्य रहाणे का साथ मिला और दोनों ने मिलकर टीम के चौथे विकेट के लिए 141 रन जोड़े। इस साझेदारी में कुल 17 बाउंड्री पड़ीं। भारत ने पारी में 316 रन बनाए और बाद में 178 रनों से मैच भी जीत लिया। भारत की गेंदबाजी भी शानदार रही।
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