यह पारी भी पुजारा की शतकीय पारियों में शामिल नहीं है। वह सिर्फ 8 रनों से सेंचुरी से चूक गए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बोलिंग अटैक के खिलाफ अकेले ही संघर्ष किया। पहली पारी में वह कुछ खास नहीं कर सके थे, लेकिन दूसरी पारी में 92 रन (221 गेंद) बनाकर हिसाब चुकता कर लिया। पहली पारी में भारत सिर्फ 189 रन ही बना सका था और उसमें पुजारा का महज 17 रनों का योगदान था। जवाब में कंगारुओं ने 276 रन बनाए। पिच बल्लेबाजों का साथ नहीं दे रही थी। पुजारा (92) और रहाणे (52) को छोड़कर बाकी सभी भारतीय बल्लेबाज नाकाम रहे। इनकी बदौलत भारत ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के सामने 188 रनों का लक्ष्य रखा। भारत ने शानदार गेंदबाजी की और विरोधियों की पारी को महज 112 रनों पर समेट दिया। पुजारा के बेबाक खेल की बदौलत भारत ने कंगारुओं से 1-1 से सीरीज बराबर कर ली।