गेंदबाजों के 5 खराब प्रदर्शन जिसकी वजह से उनका करियर लगभग खत्म हो गया

jade-dernbach-1467111331-800

याद करिये जब क्रिकेट के मैदान पर गेंदबाजों का चेहरा उतरा हुआ और असहाय नजर आता है। गेंदबाजों के साथ ऐसा अक्सर होता रहता है। बीते कई वर्षों से क्रिकेट के छोटे प्रारूप में ये बात आम हो गयी है। लेकिन अब गेंदबाज़ भी इस बात को समझने लगे हैं, कि उन्हें इस दबाव में भी गेंदबाज़ी रनअप पर जाना ही पड़ेगा। वहीं बल्लेबाज़ अगली गेंद के आने का इन्तजार बड़े ही रौब से करता है। कई बार ऐसा होता है कि गेंदबाज़ ऐसे दबाव में भटक जाता है। उनके इस निराशाजनक प्रदर्शन का प्रभाव उनके करियर पर भी पड़ता है। गेंदबाजों के कई खराब प्रदर्शन तो उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर के खात्मे की वजह भी बने हैं। वे घरेलू क्रिकेट खेलने पर मजबूर हुए हैं। चलिये आज हम आपको उन गेंदबाजों के बारे में बता रहे हैं, जिनका एक खराब प्रदर्शन उनके करियर को खत्म कर गया: #5 जेड डर्नबैक बनाम दक्षिण अफ्रीका अंग्रेज खिलाड़ियों के ये बहुत बड़ी दिक्कत है कि वह बहुत कम समय में खूब वाहवाही पाते हैं। लेकिन बहुत जल्द ही वह अपनी लय खो देते हैं। ऐसा उनके कई प्रतिभावान खिलाड़ियों के साथ हो चुका है। जिस वजह से जेड को अपवाद नहीं हैं। इस खिलाड़ी ने बतौर विशेषज्ञ गेंदबाज़ के रूप में छोटे प्रारूप में टीम में शामिल किया गया था। लेकिन उनका करियर टी-20 वर्ल्डकप 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 ओवर में 44 रन दिए थे। और इंग्लैंड इस मैच को 3 रन से हार गया था। जेड करियर इस खराब प्रदर्शन से बुरी तरह प्रभावित हुआ। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने उनकी जमकर धुनाई की। इस मैच के बाद जेड को एक भी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने को नहीं मिला। हालाँकि वह अभी भी घरेलू क्रिकेट में सक्रिय हैं। वनडे में उनका 6.35 और टी-20 में 8.71(सबसे खराब) का इकॉनमी रेट रहा, जिसकी वजह से वह दोबारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाए। #4 विनय कुमार बनाम ऑस्ट्रेलिया vinay-kumar-1467112567-800 विनय कुमार ने कर्नाटक क्रिकेट को एक नया आयाम दिया है। लेकिन उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर भारत के लिए बहुत ही खराब रहा है। कुमार ने 9 ओवर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7वें और अंतिम वनडे मैच में 102 रन दिए थे। बंगलौर में हुआ ये मैच कुमार का नीली जर्सी में आखिरी मैच साबित हुआ। भारत ने इस मैच में रोहित शर्मा के दोहरे शतक की मदद से 383 रन बनाये थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में भारत को करारा जवाब देते बेहतरीन बल्लेबाज़ी की थी। कुमार ने खराब लाइन-लेंथ से गेंदबाज़ी की जिसकी वजह से ग्लेन मैक्सवेल, शेन वाटसन और जेम्स फाकनर ने उनकी खूब धुनाई की। इस मैच में उनका गेंदबाज़ी विश्लेषण 9-0-102-1 था। हालाँकि भारत ने इस मैच को जीत लिया था। साथ ही सीरीज भी 3-2 से अपने नाम की थी। #3 ब्रेस मैकगेन बनाम दक्षिण अफ्रीका bryce-mcgain-1467112676-800 इस ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर को मात्र एक टेस्ट मैच खेलने को मिला था। जबकि इस खिलाड़ी का नाम घरेलू स्तर पर काफी लोकप्रिय था। 36 साल की उम्र में ब्रेस ऑस्ट्रेलिया के सबसे उम्रदराज डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बने। इससे पहले बॉब हॉलैंड का नाम आता था। हालाँकि इस लेग स्पिनर ने अपने पहले मैच में विकेट के लिए काफी संघर्ष किया और बिना विकेट के 149 रन खर्च किया थे। उनका नाम बंगलादेश के शहादत हुसैन 8.41 की इकॉनमी रेट के बाद 8.27 के साथ दूसरे क्रम पर दर्ज है। हुसैन ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 2005 में ये अनचाहा रिकॉर्ड बनाया था। ऑस्ट्रेलिया ये मैच एक पारी और 20 रन से हार गया और मैकगेन को दोबारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। #2 टीनो बेस्ट बनाम न्यूज़ीलैंड tino-best-1467112727-800 वेस्टइंडीज के इस तेज गेंदबाज़ को आक्रामकता और उर्जा के लिए जाना जाता था। हालाँकि बेस्ट ने कभी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं किया। साल 2014 के बाद से वह टीम में वापसी भी नहीं कर पाए। वेस्टइंडीज के इस गेंदबाज़ ने अपने आखिरी टी-20 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 3 ओवर में 37 रन दिए थे। उनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था। न्यूज़ीलैंड ने इस मैच को 4 विकेट से जीत लिए था। साथ ही बेस्ट कभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए नजर नहीं आये। #1 मिक लेविस बनाम दक्षिण अफ्रीका mick-lewis-1467112812-800 मैं उस ऐतिहासिक मैच का अंग था जिसमें 872 रन बने थे। लेकिन मेरा ये आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच था। अंदाजा लगाइए मैं कौन हूँ? हाँ, मैं मिक लेविस हूँ, ऑस्ट्रेलिया के इस तेज गेंदबाज़ ने एक वनडे में 113 रन खर्च किए। इस वजह से उनके नाम ये अनचाहा रिकॉर्ड जुड़ गया। ये बीते दशक का महान मैच था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच मुकाबला हुआ था। जिसमें प्रोटेस ने 434 रन के लक्ष्य को हासिल करके सीरिज 3-2 से अपने नाम कर लिया था। इस मैच में विशेष रूप से हर्शल गिब्स, ग्रेम स्मिथ, मार्क बाउचर ने कमाल की बल्लेबाज़ी करते हुए विपक्षी टीम के गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी थी। लेविस उनमे से एक थे। कोई भी गेंदबाज़ जब इस तरह से अपने करियर की शुरुआत करता है, तो उसे वापसी करने में बहुत कठिनाई हो जाती है। लेविस को अब सिर्फ एक वनडे में सबसे ज्यादा रन देने के लिए याद किया जाता जाता है।

Edited by Staff Editor
App download animated image Get the free App now