घरेलू क्रिकेट के ये 5 प्रतिभावान गेंदबाज हो सकते हैं टीम इंडिया का भविष्य

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इसमें कोई दो राय नहीं कि पिछले 2 सालों में हर प्रारूप में टीम इंडिया की शानदार सफलताओं का सहरा विशेष रूप से बल्लेबाजों के सिर आता है, जिन्होंने हर परिस्थिति में टीम के लिए रन जोड़े। लेकिन साथ ही, तेज गेंदबाजों को भी उनका श्रेय मिलना चाहिए, जिन्होंने मौका पड़ने पर प्रभावी प्रदर्शन किया। घरेलू जमीन पर भारत का दबदबा बनाए रखने में तेज गेंदबाजों का खास योगदान रहा है, जिन्होंने नई बॉल से जरूरी विकेट झटके और रिवर्स स्विंग से विरोधियों पर नकेल कस कर रखी। चैंपियन्स ट्रॉफी 2017 के फाइनल तक पहुंचने में तेज गेंदबाजों की अहम भूमिका रही। 2019 विश्व कप करीब है और उससे पहले भारत को विदेशी जमीन पर काफी क्रिकेट खेलना है। ऐसे में तेज गेंदबाजों की भूमिका और भी निर्णायक हो जाती है। भारत को अपने पेस डिपार्टमेंट को मजबूत रखने की खास जरूरत है। तेज गेंदबाजों के चोटिल होने की अधिक संभावना होती है, इसलिए अपने तरकश में वैकल्पिक और कारगर तीरों को तैयार रखना भी जरूरी है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए आइए देखते हैं घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे युवाओं में से कौन हो सकता है टीम इंडिया के लिए सबसे उपयुक्तः

#5 बेसिल थम्पी

12 मैचों में 9.49 के इकॉनमी रेट के साथ महज 11 विकेट लेने के बावजूद थम्पी को आईपीएल 2017 का इमर्जिंग प्लेयर अवॉर्ड मिला। आंकड़ों से इतर देखें तो यह तेज गेंदबाज बेहद प्रतिभावान है और आईपीएल के दसवें एडिशन की बड़ी खोजों में से एक है। उनका ऐक्शन, गति और फ्लैट पिच से भी मदद ले लेने की क्षमता, सभी तारीफ-ए-काबिल हैं। आईपीएल में उनकी उपलब्धि को देखते हुए उन्हें साउथ अफ्रीका A और अफगानिस्तान A के साथ होने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला के इंडिया A में चुना गया। वह 4 मैचों में सिर्फ 2 विकेट ही ले सके, लेकिन उनकी बेबाक गेंदबाजी ने खूब तारीफ बटोरी। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। वह 20 पारियों में सिर्फ 18 विकेट ही ले सके। उनका स्ट्राइक रेट 77.1 का रहा है। लेकिन इन सबके बावजूद थम्पी की तारीफ की वजह है, उनका पेस और बेखौफ गेंदबाजी। वह आखिरी ओवरों के लिए बड़े ही प्रभावी गेंदबाज हैं। #4. मोहम्मद सिराज 80c54-1503073087-800 आईपीएल नीलामी में इस प्रतिभावान खिलाड़ी के लिए 2.6 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई। इससे जाहिर होता है कि इस खिलाड़ी में लोगों को कितनी क्षमता दिखती है। सिराज के पिता ऑटो चलाते हैं। सिराज हैदराबाद रणजी टीम के मुख्य तेज गेंदबाज हैं। 2016 सीजन में उन्होंने टीम की ओर से 41 विकेट लिए और टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज बने। आईपीएल में महंगी बोली को सही ठहराते हुए सिराज ने सनराइजर्स हैदराबाद के लिए 6 मैचों में 10 विकेट झटके। 23 वर्षीय यह खिलाड़ी अपनी गति और बाउंस से पहले ही फैन्स और क्रिकेट विशेषज्ञों का दिल जीत चुका है। रणजी 2016 के क्वॉर्टर फाइनल में सिराज ने मुंबई के 9 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। आईपीएल-10 में गुजरात लायन्स के खिलाफ 4 विकेट का शानदार स्पेल डाला। ये दोनों बड़े प्रदर्शन सिराज की असाधारण योग्यता पर मुहर लगाते हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट के 12 मैचों में भी उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। उनका स्ट्राइक रेट 45.3 का है और उन्होंने अपने खाते में कुल 49 विकेट जोड़े हैं। अगर आने वाले समय में वह चोटिल होने से बचे रहे और इस तरह का प्रदर्शन जारी रख पाए, तो उनके टीम इंडिया में शामिल होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। #3. सिद्धार्थ कौल 9f060-1503073195-800 आईपीएल के 2 सीजन्स में खेले गए 11 मैचों में सिद्धार्थ सिर्फ 11 विकेट ले सके। लेकिन टूर्नामेंट के पिछले सीजन में इस गेंदबाज ने बाजी पलट कर रख दी और सनराइजर्स हैदराबाज के सबसे प्रभावी तेज गेंदबाज के रूप में उभरकर सामने आए। आईपीएल 2017 में उन्होंने 10 मैचों में 16 विकेट चटकाए और उनका स्ट्राइक रेट (13.37) भी कमाल का रहा। 2017 आईपीएल में अपने प्रदर्शन के बल पर कौल की लोकप्रियता जरूर बढ़ी, लेकिन यह पहली बार नहीं था जब उन्होंने अपनी गेंदबाजी का कमाल दिखाया था। इस दाएं हाथ के गेंदबाज ने 2007/08 में पदार्पण किया था और तब से वह पंजाब के स्ट्राइक बोलर रहे हैं। उनके नाम पर 45 फर्स्ट क्लास मैचों में 163 विकेट दर्ज हैं। 2016 रणजी सीजन उनके लिए खास साबित हुआ क्योंकि उन्होंने 8 मैचों में 35 विकेट चटकाए और उन्हें ईरानी कप के लिए शेष भारत की टीम में भी चुना गया। इस मैच में कौल ने 8 विकेट चटकाए। मैच की पहली पारी में कौल ने 5 विकेट का स्पेल डाला। हालिया त्रिकोणीय श्रृंखला में भी वह इंडिया A के स्टार परफॉर्मर रहे। उन्होंने 4 मैचों में 8 विकेट लिए। पिछले 2 सत्रों से कौल बेहतरीन फॉर्म में हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका देना बुरा सौदा नहीं है।

#2 जयदेव उनादकट

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आईपीएल के 6 सीजन खेलने के बाद अंततः उनादकट को 2017 में एक अच्छा सीजन मिला, जब 12 मैचों में उन्होंने 24 विकेट अपने नाम किए। 2010 अंडर-19 विश्व कप में अपने प्रदर्शन के बल पर उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स तक का सफर तय किया। दिग्गज वसीम अकरम ने उनकी जमकर तारीफ की। भारत की ओर से पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट उन्होंने सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। डेब्यू मैच में वह कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके और उन्हें घरेलू क्रिकेट में वापस लौटना पड़ा। तब से वह सौराष्ट्र के पेस डिपार्टमेंट का नेतृत्व कर रहे हैं। 2013 में उन्हें कुछ एकदिवसीय मैचों में भी मौका दिया गया, लेकिन वह उसे भुना नहीं सके। 2017 आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद अब उनकी लय वापस आ गई है। संभावना है कि उन्हें वनडे या टी-20 टीम में जगह मिल जाए। 57 फर्स्ट क्लास मैचों में 181 विकेट का आंकड़ा किसी आम खिलाड़ी का नहीं माना जा सकता। #1. अश्विन क्रिस्ट 3415a-1503073387-800 क्रिस्ट तमिलनाडु की ओर से 4 घरेलू सत्र खेल चुके हैं और हर मौके पर टीम के पेस डिपार्टमेंट को लीड किया है। 35 विकेट के साथ वह रणजी में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। साथ ही, विजय हजारे ट्रॉफी में 20 विकेट के साथ वह पहले नंबर पर रहे। इस प्रदर्शन के बल पर उन्हें इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट 2016 के लिए अंडर-23 टीम में चुना गया। क्रिस्ट 23 फर्स्ट क्लास मैचों में 69 विकेट ले चुके हैं। उनका औसत 29.89 का रहा है। रणजी 2016 के क्वॉर्टर फाइनल में 6 विकेट लेकर क्रिस्ट ने कर्नाटक के बैटिंग लाइनअप की धज्जियां उड़ा दीं। टीम महज 88 रनों पर सिमटकर रह गई। आखिरी रणजी सत्र के बाद दिग्गज मैक्ग्रा ने क्रिस्ट और उनके साथी के. विग्नेश की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘अश्विन बेहद क्षमतावान हैं और वह अच्छी स्विंग गेंदबाजी कर सकते हैं। यह अच्छी बात है कि रणजी के इस सीजन में उन्होंने पर्याप्त ओवर डाले और पर्याप्त विकेट भी लिए। तेज गेंदबाजों की तैयारी ऐसी ही होनी चाहिए।’

Edited by Staff Editor
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