इनमें कई कीर्तिमान तो 50 सालों से ज्यादा पुराने भी हैं पर आज तक बरकरार है
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क्रिकेट में एक बात हमेशा बोली जाती है “कीर्तिमान टूटने के लिए बनते हैं” और यह बात ज्यादातर मौकों पर सही साबित होती है। क्रिकेट में हर दूसरे दिन कीर्तिमान टूटते और बनते रहते हैं और यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।
अगर आंकडों के अनुसार बात करें तो सभी कीर्तिमान टूट सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी कीर्तिमान हैं जिनका टूटना लगभग नामुमकिन ही लगता है। जिसमें एक है जिमी लेकर द्वारा एक टेस्ट में 19 विकेट लेने का कीर्तिमान, जो शायद ही कभी टूट पाये।
आज हम आपको इसी तरह के 5 भारतीय घरेलू मैचों के कीर्तिमान के बारे में बताएँगे जो शायद कभी नहीं टूट पाये
#5 राजिंदर गोयल- 637 विकेट, रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट
अगर उन दुर्भाग्यपूर्ण खिलाड़ियों की सूची बनाई जाये जो अपने जबरदस्त प्रदर्शन के बाद भी टेस्ट मैच नहीं खेल पायें तो उसमें राजिंदर गोयल का नाम सबसे ऊपर होगा। वह अपने समय के सबसे सबसे प्रतिभाशाली स्पिनर में एक थे लेकिन पहले से मौजूद बड़े स्पिनरों की वजह से उन्हें कभी भी भारतीय एकादश में स्थान नहीं मिल पाया।
उसके बाद भी गोयल लगातार रणजी ट्रॉफी खेलते रहे और जब उन्होंने संन्यास लिया तो रणजी इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने अपने पूरे रणजी करियर में 637 विकेट हासिल लिए और दूसरे स्थान पर काबिज एस. वेंकटराघवन के खाते में 530 विकेट ही हैं।
राजिंदर गोयल के इस कीर्तिमान का टूटना नामुमकिन ही लगता है क्योंकि किसी भी खिलाड़ी के लिए निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना काफी मुश्किल काम होता है। इस कीर्तिमान को टूटने में एक और बाधा है, जब कोई खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसे भारतीय टीम में जगह मिल जाती है और उसके बाद वो शायद ही कभी रणजी ट्रॉफी की तरफ ध्यान देता है। इसलिए राजिंदर गोयल का यह कीर्तिमान निकट भविष्य में टूटना नामुनकिन ही लगता है।