5 भारतीय घरेलू कीर्तिमान जो शायद कभी नहीं टूटे

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#2 भाऊसाहब निम्बालकर- 443 नाबाद, पारी का सर्वाधिक व्यकिगत रणजी ट्रॉफी स्कोर
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भाऊसाहब विश्व के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जो प्रथम श्रेणी मैचों में 400 से ज्यादा रन के बावजूद टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं बन पायें 1948 में पूना क्लब मैदान में खेले मैच में मेहमान टीम काठियावाड़ पहले दिन 238 पर ऑलआउट हो गई। भाऊसाहब की नाबाद 443 रनों की बदौलत महाराष्ट्र की टीम में 826 रन बना दिया थे। उस समय प्रथम श्रेणी मैचों का सर्वाधिक स्कोर 452 रन डॉन ब्रैडमैन के नाम था और महाराष्ट्र का यह बल्लेबाज उस कीर्तिमान को तोड़ने के बिल्कुल करीब खड़ा था, लेकिन काठियावाड़ की टीम ने बोरियत का हवाला देते हुए मैच खेलने से मना कर दिया और यह कीर्तिमान टूटते-टूटते बच गया। भाऊसाहब निम्बालकर के इस पारी के आज लगभग 70 साल हो गये हैं लेकिन आज तक कोई भी बल्लेबाज इसे नहीं तोड़ पाया और भविष्य में भी इस कीर्तिमान के टूटने के काफी कम आसार मालूम पड़ते हैं।