जैसे ही हम पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों की दहशत का दौर याद करते हैं, वैसे ही हमारे जहन में वसीन अकरम, वकार यूनिस और शोएब अख्तर के नाम आते हैं। लेकिन अगर हम ऐसा सोच रहे हैं कि उस दौर को खत्म हुए वक्त हो गया है और अब पाक गेंदबाजों में वह धार नहीं है, तो हम गलत हैं। चैंपियन्स ट्रॉफी में पाक गेंदबाजों ने अपने प्रदर्शन से इन बातों को गलत साबित कर दिया है। मोहम्मद आमिर अपने रंग में वापस आ चुके हैं और फाइनल मुकाबले में भारत के खिलाफ उनका स्पेल अभी तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। जुनैद खान ने भी औसत से अधिक का प्रदर्शन दिखाया। ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले हसन अली ने बीच के आवरों में विकेट लेकर मैच को कई बार अपनी टीम के पक्ष में कर दिखाया। चैंपियन्स ट्रॉफी की दो सबसे बड़ी दावेदार मानी जा रही टीमों (भारत और इंग्लैंड) को पाकिस्तान ने अपनी धुआंधार गेंदबाजी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अगले विश्व कप में पाक की तेज गेंदबाजी विरोधी टीमों के लिए चिन्ता का सबब बनी रहेगी।