क्रिकेट जगत में कई खिलाड़ी आए और गए, पर उनमें से कुछ ऐसे हैं जिनके कारनामों की वजह से आज भी उनका नाम सबकी ज़ुबान पर रहता है। लेकिन कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिन्होंने क्रिकेट इतिहास में बड़े कारनामे किए लेकिन अपना नाम नहीं बना पाये। क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका नाम तो किसी को याद नहीं होगा पर शायद उनके कारनामे किसी न किसी के तो दिलो दिमाग में ज़रूर होंगे। यहां 5 ऐसे खिलाड़ी जिनका नाम तो लोग भूल गए होंगे पर उनके कारनामे हैं जो शायद आपकी यादों से मिट गए होंगे तो उनपर ज़रा एक नज़र डाल लें। #1 राहुल सांघवी - लिस्ट ए क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी साल 2002 के दिसम्बर में एक मैच के दौरान श्रीलंका के तेज़ गेंदबाज़ चमिंडा वास ने एक बेहतरीन रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने गेंदबाज़ी करते हुए विरोधि टीम द्वारा बनाए गए रनों में आधा रन खुद दिया था। आप ये पढ़कर चौंक ज़रूर रहें होंगे पर आपको बताता चलूँ कि विरोधि टीम ज़िम्बाब्वे उस मैच में मात्र 38 रन ही बना पाई थी। वास ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए टीम पर कहर बरसा दिया था और 8-3-19-8 का बेहतरीन प्रदर्शन किया था। जबकि आखिरी की दो विकटें मुरलीधरण के नाम रही थी। ऐसा ही कुछ कारनामा कुछ कारनाम किया था भारत के राहुल संघवी ने। राहुल ने 1996 में दिल्ली की तरफ से खेलते हुए हिमाचल प्रदेश के विरुद्ध लिस्ट-ए मैच में 15 रन देकर 8 विकेट झटके थे। राहुल ने भारत की तरफ से 1990-2000 के बीच में खेलते हुए एक टेस्ट और 10 वनडे मैच खेले हैं। #2 राजीव नय्यर – समय के अनुसार सबसे लंबी पारी हिमाचल क्रिकेट की तरफ से खेलते हुए घरेलू क्रिकेट में राजीव ने लगभग दो दशक खेले हैं। पर नेशनल सेलेक्टर का आकर्षण नहीं हासिल कर पाये। साल 1999 में जम्मू कश्मीर के विरुद्ध प्रथम श्रेणी क्रिकेट की सबसे लंबी व्यक्तिगत पारी खेली थी। उस मैच में राजीव ने अपने सय्यम का परिचय दिया था। उन्होंने बल्लेबाज़ी करते हुए पिच पर 1000 मिनट से भी ज़्यादा का समय बिताया था। इस विशाल पारी के दौरान राजीव ने 271 रन की पारी खेली थी जिसके लिए उन्होंने 728 गेंदें ली थी। #3 राजेश चौहान – बिना हारे हुए सबसे लंबा टेस्ट करियर अगर कोई समर्थक 90 के दशक के क्रिकेटरों को याद करता होगा तो एक ऐसा खिलाड़ी है जिसे वो चाह कर भी अपने जहां से नहीं निकाल पाया होगा। वो खिलाड़ी है राजेश चौहान जिन्हें भारतीय टीम में बेहतरीन ऑफ स्पिन करने के लिए जाना जाता है। राजेश चौहान को दुनिया भारत और पाकिस्तान के उस मैच के लिए याद करती है जब कराची में उन्होंने आखिरी ओवर में दिग्गज सकलैन मुश्ताक़ को छक्का मार कर भारत को जीत दिलाई थी। इसी के साथ साथ राजेश चौहान के नाम एक और बड़ा रिकॉर्ड दर्ज है। अपने करियर में उन्होंने भारत के लिए कुल 21 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से भारत एक भी मैच नहीं हारा है। इसीलिए चौहान के नाम 100% अपराजित का रिकॉर्ड है। #4 राजा महाराज सिंह प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने और डेब्यू करने वाले सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी शाही घराने से तालुक रखने वाले खिलाड़ी हैं राजा महाराज सिंह। आज़ादी से पहले उन्हें क्रिकेट का गवर्नर बनाया गया था। जिसके बाद उन्होंने अपने बचपन की ख़्वाहिशों को पूरा करने के लिए बेहतरीन टीमों के विरुद्ध क्रिकेट की प्रथम श्रेणी में अपना डेब्यू किया। 1950-51 में जब कॉमनवेल्थ-xi भारतीय दौरे पर आई तो इन्होंने बॉम्बे गवर्नर्स-xi की तरफ से कप्तानी करते हुए खेला। मज़े की बात तो ये है कि ये काम उन्होंने 72 साल की उम्र में किया। इसलिए उनके नाम एक नहीं बल्कि दो रिकॉर्ड शामिल हैं। पहला ये कि सबसे ज़्यादा उम्र में डेब्यू करना और दूसरा कि सबसे ज़्यादा उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना। #5 जोगिंदर सिंह राव – एक ही प्रथम श्रेणी पारी में दो हैट्रिक लेने वाले खिलाड़ी आर्मी में कप्तान रहे राव को अपने पहले मैच में उनके बड़े नाम के कारण टीम के कप्तान ने उनके प्रथम श्रेणी डेब्यू मैच में जम्मू कश्मीर के विरुद्ध गेंदबाज़ी करने के लिए नई गेंद थमा दी। किसी ने उस वक़्त ये नहीं सोचा था कि राव एक घातक गेंदबाज़ के रूप में निकल कर सामने आएंगे और अपने डेब्यू मैच में हैट्रिक विकेट ले पाएंगे। अगले मैच में उन्होंने एक और बेहतरीन प्रदर्शन किया और मैच की एक ही पारी में दो हैट्रिक विकेट झटक कर इतिहास बना दिया। उस पारी में उन्होंने कुल 7 विकेट लिया था। एक हादसे के कारण वो अपने करियर में कुल 5 प्रथम श्रेणी मैच ही खेल पाये।