5 ऐतिहासिक टेस्ट मैच जो भारत हर हाल में जीत सकता था

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3) जनवरी 1997, जोहानसबर्ग, साउथ अफ्रीका के साथ मैच ड्रॉ हुआ

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ये भारत के लिए विदेशी जमीन पर सबसे शानदार जीत में से एक हो सकती थी। टेस्ट की सबसे मजबूत टीमों में से एक के खिलाफ और सीरीज़ में 2-0 से पिछड़ने के बावजूद भारत ने युवा राहुल द्रविड़ की पारी की बदौलत पहली पारी में 410 रन बनाए, जिन्होंने 148 रन की पारी खेली और सौरव गांगुली के साथ चौथी विकेट के लिए 145 रन जोड़े , गांगुली ने 73 रन बनाए। आखिरी 4 विकेट के लिए 144 रन जोड़कर राहुल आउट होने वाले आखिरी खिलाड़ी थे। एक समय पर 147 पर 5 विकेट गंवाने के बाद भी साउथ अफ्रीका 321 रन बनाने में कामयाब हुई। भारत ने अपनी दूसरी पारी 266 रन पर घोषित कर दी, गांगुली और द्रविड़ ने फिर अर्धशतक जड़े। भारत ने साउथ अफ्रीका के सामने 356 रन का लक्ष्य रखा और पहले 78 पर 6 विकेट और फिर 95 पर 7 विकेट झटक कर भारत में प्रोटियाज टीम को दबाव में डाल दिया। मैच पूरी तरह से भारत की पकड़ में था लेकिन बारिश ने काम खराब कर दिया। भारी बारिश के चलते भारतीय टीम के पास साउथ अफ्रीका को ऑलआउट करने के लिए सिर्फ 72 ओवर ही बचे और फिर डैरल कलिनन ने 122 रन की शानदार पारी खेलकर क्लूजनर के साथ आठवें विकेट के लिए 127 रन जोड़े एलन डोनाल्ड ने 16 गेंद तक संघर्ष किया और फिर खराब रोशनी के कारण 4 ओवर रहते ही खेल रोक दिया गया। हैंसी क्रोन्ये की टीम के घर में एक जीत भारत के 1990 के खराब दौर की एक बड़ी और यादगार जीत हो सकती थी।