5. जनवरी 1979, ईडन गार्डन्स, कोलकाता, वेस्टइंडीज के साथ मैच ड्रॉ हुआ
70 का दशक भारतीय टीम के लिए बेहद शानदार समय था। भारत ने इस दौरान विदेशी सरजमीं पर कई मशहूर जीत दर्ज की। हालांकि गावस्कर की टीम मेहमान वेस्टइंडीज़ टीम के खिलाफ ,जिसके पास एलविन कालीचरण जैसा कप्तान था , एक एतिहासिक जीत से चूक गई। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम ने 300 रन बनाए और इंडीज़ टीम ने बासिल विलियम्स की 111 रन की पारी की बदौलत 27 रन की बढ़त बना ली। भारत ने दूसरी पारी में सुनील गावस्कर (182*)और दिलीप वेगसरकर (157*) की 344 रन की साझेदारी की मदद से 1 विकेट खोकर विराट 361 रन बनाए। वेस्टइंडीज़ के लिए भारत ने 335 का लक्ष्य रखा और वेस्टइंडीज़ की पारी एक समय पर 133/2 से फिसल कर 183 रन पर 8 विकेट तक पहुंच गई। निचले क्रम ने कुछ प्रतिरोध दिखाया और 11वें खिलाड़ी सिल्वेस्टर क्लार्क ने 8 कीमती गेंदे खेली जिससे वेस्टइंडीज़ का स्कोर 105.1 ओवर में 9 विकेट पर 197 रन रहा। भारत के पास एस वेंकटराघवन और बिशन बेदी के रूप में सिर्फ दो ही स्पिनर्स थे जिनके साथ कपिल देव ने नई गेंद ली । अंतत: वेस्टइंडीज़ डेविड मरे और खुद कप्तान कालीचरण की बेशकीमती पारियों की बदौलत जिन्होंने 1 दिने से ज्यादा तक बल्लेबाजी की, टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल रही .जो भारतीय उपमहाद्वीप में पांचवे दिन बेहद कम होता है।