सैमी ने कहा कि वह वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज़ डेस्मंड हेंस और गॉर्डोन ग्रीनिज को खेलते हुए देखकर बड़े हुए हैं। उनकी पत्नी ने उन्हें बताया कि वह वेस्टइंडीज के बहुत ही प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं। दो बार टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम की कप्तानी करने वाले सैमी इस बार आईपीएल का हिस्सा नहीं हैं, कोई भी आईपीएल में डैरेन सैमी को इग्नोर नहीं कर सकता है। वेस्टइंडीज के कप्तान सैमी इस वक्त कैरेबियाई धरती पर सबसे मशहूर खिलाड़ी हैं। वह एक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी होने के साथ उम्दा एथलीट, आलराउंडर और हमेशा मुस्कुराते रहने वाले इंसान हैं। इन सबके अलावा वह के बेहतरीन कप्तान हैं। वह इस वक्त आईपीएल के 9वें सीजन में बतौर कमेंटेटर जुड़े हैं। वह एसी कमेंट्री बॉक्स को ही आरामगाह बताते हैं। उनका ये फ्रेंडली नेचर ही उन्हें कमाल का बनाता है। लेकिन उनके मन में आईपीएल का हिस्सा बनने की चाहत साफ़ झलक रही है। हम आज आपको सैमी के बारे में कुछ ऐसी बाते रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको पता हो:
वह इस समय की वेस्टइंडीज टीम के प्रेरणास्रोत हैं
सैमी जब 32 साल के थे तो उन्हें साल 2011 में वेस्टइंडीज का टेस्ट कप्तान बनाया गया था। हालाँकि कुछ लोग इसे सैमी बनाम गेल मानकर बहस भी कर रहे थे। लेकिन गेल की कप्तानी में टीम असफल ही साबित हो रही थी। साल 2010 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम की खराब बल्लेबाज़ी उभरकर सामने आई। गेल इस वजह से कप्तानी छोड़ने का मन बनाया था। सैमी उस वक्त कैरेबियाई टीम के उभरते हुए सितारे थे। उन्हें इसीलिए कप्तान बनाया गया। लेकिन सैमी ने अपने मिलनसार व्यक्तित्व के दम पर पूरी टीम को एकजुट कर दिया। वेस्टइंडीज के सीमित ओवरों के स्टार खिलाड़ी मार्लोन सैमुएल्स, ड्वेन ब्रावो और गेल टीम के साथ जुडकर बल्लेबाज़ी को मजबूती प्रदान की।हालाँकि सैमी ने कमाल की लीडरशिप ने टीम को मजबूत बना दिया। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि वेस्टइंडीज के स्टार और पसंदीदा खिलाड़ी इस वक्त टीम में हैं। ब्रावो और गेल को उनके कप्तान ने काफी मोटीवेट किया। इसी वजह से वेस्टइंडीज ने विश्व क्रिकेट में अपनी खोयी पहचान वापस हासिल की है।
वह वेस्टइंडीज के पहले ऐसे कप्तान हैं जो सेंट लूसिया से ताल्लुक रखते हैं
सेंट लूसिया को खूबसूरत बीच के लिए जाना जाता है। उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन हैं। लेकिन हम पीछे देखें तो इस छोटे से कैरेबियाई देश से कई मशहूर क्रिकेटर हुए हैं। क्रेग इम्मानुएल, केड्डी लेस्पोरिस, डाल्टन पोलिउस और कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया है। लेकिन इनमे से कोई भी वेस्टइंडीज का कप्तान नहीं बन पाया है। लेकिन टेस्ट और वनडे के पूर्व कप्तान सैमी सेंट लूसिया के एक मात्र कप्तान बने और उन्होंने अपनी कप्तानी में वह दो बार टी-20 वर्ल्डकप के बादशाह बने।
सीमित ओवर के क्रिकेट में उन्होंने वेस्टइंडीज की तरफ से सबसे तेज अर्धशतक बनाया
इस सबारे में बहुत से लोगों नहीं पता है कि वेस्टइंडीज के लिए सीमित ओवर में सबसे तेज अर्धशतक किसने बनाया है, ये साल 2010 की बात है। जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एंटीगुआ में सैमी ने सबसे तेज अर्धशतक बनाया था। 20 गेंदों में 6 चौके और दो चक्के की मदद से सैमी ने ये कारनामा किया था। ये देखकर सब हैरान रह गये थे। गेल, ब्रावो और सरवन की मौजूदगी में और स्टेन और मोर्केल जैसे बल्लेबाज़ के खिलाफ सैमी का ये तूफ़ान आया था।
वेस्टइंडीज में उनके सम्मान में एक स्टेडियम को उनका नाम दिया गया
सैमी मुस्कुराते हुए और उछलते हुए अपनी विश्व विजेता टीम का नेतृत्व करते रहे हैं। इस दौरान बतौर कप्तान उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। वर्ल्डकप जीतने के बाद कप्तान सैमी एक बार फिर सुर्खियों में आ गये थे। वह एक प्रेरनादायी कप्तान और आलराउंडर हैं उनके उदय से एक बार फिर कैरेबियाई क्रिकेट की लोकप्रियता को वापस ले आया है। इसलिए वहां की सरकार ने उनके नाम पर सेंट लूसिया के एक स्टेडियम का नाम डैरेन सैमी नेशनल क्रिकेट स्टेडियम रखा है। जिसका नाम पहले बेऔसेजौर क्रिकेट ग्राउंड नाम था। इसकी घोषणा हाल ही में वहां के प्रधानमन्त्री केनी डी अंथोनी ने की है। ये स्टेडियम रॉडनी खाड़ी के पास स्थिति है, जहाँ 2002 से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला जा रहा है।
पादरी से क्रिकेटर
हाँ अपने सही पढ़ा है। डैरेन सैमी और आंद्रे फ्लेचर जो हाल ही टी-20 वर्ल्डकप में वेस्टइंडीज टीम के अहम किरदार रहे हैं, दोनों खिलाड़ी पादरी बनने की सोच रहे थे। वह लारा, हायनेस और ग्रीनिज को देखते हुए बढे हुए थे। लेकिन सैमी ने चर्च को हमेशा अपना घर माना था। लेकिन अचानक उन्हें अपने क्रिकेटीय प्रतिभा का आकलन हुआ और वह क्रिकेट फील्ड में आ गये। लेखक-देव त्यागी, अनुवादक-मनोज तिवारी