भारतीय क्रिकेट इतिहास की शायद सबसे मशहूर कोच और कप्तान की जोड़ी। गैरी कर्स्टन भी स्वभाव में जॉन राइट की ही तरह थे और धोनी के साथ मिलकर उन्होंने भारतीय क्रिकेट में सफलता की नई इबारत लिखी। इंडियन क्रिकेट टीम की कोचिंग और कप्तानी करना कतई आसान नहीं होता है क्योंकि भारतीय टीम से लोगों की उम्मीदें काफी रहती हैं। शुरुआत में दोनों को ज्यादा सफलता नहीं मिली लेकिन थोड़ा समय बिताने के बाद भारतीय टीम ने इतिहास लिखना शुरु कर दिया। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और न्यूजीलैंड को लगातार सीरीज में हराया। 2009 में भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन बनी और तब भारत ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीता। टीम इंडिया के बहुत सारे खिलाड़ियों ने गैरी की कोचिंग की तारीफ की। खिलाड़ियों को उनसे काफी कुछ सीखने का मौका मिला। यहां तक कि धोनी ने भी कर्स्टन को भारतीय क्रिकेट के लिए काफी अच्छा माना। 2007 वर्ल्ड कप में पहले ही दौर से बाहर हो जाने के बाद 2011 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के ऊपर काफी दबाव था। वर्ल्ड कप भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में खेला जा रहा था, ऐसे में भारतीय टीम से उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई थी। टीम के ऊपर काफी दबाव था कि वो वर्ल्ड कप जीते। धोनी और कर्स्टन की अगुवाई में भारतीय टीम ने करोड़ों देशवासियों के 28 साल लंबे इंतजार को खत्म कर दिया। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वानखेड़े स्टेडियम में छक्का लगाकर भारत की झोली में दूसरा वर्ल्ड कप डाल दिया। लेखक-कोव्वली तेजा अनुवादक- सावन गुप्ता