2011 वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द् टूर्नामेंट युवराज सिंह का बल्ला इन दिनों खामोश है। सालों से युवराज सिंह ने गेंद और बल्ले से वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले एक दशक में भारतीय टीम दो वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची और युवराज दोनों ही टीमों का अहम हिस्सा थे। वहीं पहले टी-20 वर्ल्ड कप की जीत में भी उनका काफी योगदान था। लेकिन हर एक खिलाड़ी के करियर में बुरा दौर आता है और वही हो रहा है युवराज सिंह के साथ। 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में युवराज सिंह को टीम में शामिल किया गया था और भारत में हुए टी-20 वर्ल्ड कप में भी वो भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। लेकिन इसके अलावा उन्हें और किसी सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला। 2007 टी-20 वर्ल्डकप की तरह 2016 टी-20 वर्ल्ड कप में भी लोगों को युवराज सिंह के काफी उम्मीदें थी। लेकिन इस बार युवराज कुछ खास नहीं कर पाए। हालांकि रणजी ट्रॉफी में रन बनाकर युवराज ने संकेत दे दिया है कि 35 साल का होने का बावजूद अब भी उनमें रनों की भूख कम नहीं हुई है और वो शानदार फॉर्म में हैं। फिर भी भारतीय टीम में जगह बनाने में वो सफल नहीं हो पा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में युवराज 10,000 से ज्यादा रन बना चुके हैं और लगभग 150 विकेट ले चुके हैं। लेकिन अगर फॉर्म ने उनका साथ नहीं दिया तो हो सकता है 2017 में वो क्रिकेट से संन्यास ले लें।