गौतम गंभीर क्रिकेट के तीनों प्रारुपों को मिलाकर 10,000 से भी ज्यादा रन बना चुके हैं। ऐसे में उन्हें भारत का सफल सलामी बल्लेबाज कहने में कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। दिल्ली के इस बल्लेबाज ने कई मौकों पर अपनी पारियों से भारतीय टीम को जीत दिलाई है। 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में उनकी 97 रनों की संघर्षपूर्ण पारी को कौन भूल सकता है। अपनी इस पारी से गंभीर ने भारतीय टीम की जीत की नींव रख दी थी। पर अब टीम में काफी युवा बल्लेबाज आ गए हैं और वो अच्छा खेल रहे हैं ऐसे में गंभीर की वापसी मुश्किल ही दिखती है। हालांकि गंभीर का शानदार फॉर्म अभी बरकरार है और हाल ही में घरेलू क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने इस बात का संकेत दे दिया है कि अभी उनके बल्ले की धार कम नहीं हुई है। वहीं आईपीएल में भी उन्होंने अच्छे रन बनाए थे। जिसकी वजह से उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में संपन्न हुए टेस्ट सीरीज में भी शामिल किया गया। लेकिन गंभीर को ये मौका नियमित सलामी बल्लेबाजों के चोटिल होने की वजह से मिला। टेस्ट मैचों में भारत के नियमित सलामी बल्लेबाज के एल राहुल और मुरली विजय लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं पार्थिव पटेल ने भी 8 साल के लंबे अंतराल के बाद अच्छी वापसी की है। ऐसे में गौतम गंभीर की वापसी टीम में मुश्किल ही लगती है। दूसरी तरफ अभिनव मुकुंद और पीके पांचाल जैसे युवा खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से नेशनल टीम में जगह बनाने के लिए दस्तक दे रहे हैं। हो सकता है अगली बार सलामी बल्लेबाजों के चोटिल होने पर इन्ही युवा खिलाड़ियों को मौका मिल जाए। ऐसे में गंभीर का इंतजार और बढ़ सकता है। हालांकि