भारतीय टीम में ये माना जाने लगा था कि दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले की जगह कोई नहीं ले सकता है, लेकिन हरभजन सिंह ने लोगों की इस धारणा को गलत साबित कर दिया। उन्होंने मैच दर मैच भारतीय टीम के लिए लगातार अच्छी गेंदबाजी की और गुच्छों में विकेट निकाले। कई बार अकेले दम पर उन्होंने टीम को मैच जिताया। वो लगातार अच्छा प्रदर्शन करते गए जिसके बाद लोगये कहने लगे की टीम में हरभजन सिंह की जगह कोई नहीं ले सकता। उस जमाने में कुंबले और हरभजन को जोड़ी काफी मशहूर हुआ करती थी। इन दोनों में से किसी भी एक गेंदबाज के चलने का मतलब था भारतीय टीम की जीत। इन दो दिग्गजों की परंपरा को अब रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा आगे बढ़ा रहे हैं। अश्विन और जडेजा ने हरभजन और कुंबले की कमी नहीं खलने दी और ये सुनिश्चित किया कि भारतीय टीम का स्पिन अटैक सुरक्षित हाथों में है। लेकिन हरभजन सिंह के लिए समस्या अश्विन और जडेजा का शानदार प्रदर्शन नहीं है, बल्कि जयंत यादव का टीम में शामिल होना है। जयंत यादव को हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में टीम में शामिल किया गया था और उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से अच्छा प्रदर्शन कर सबको प्रभावित कर लिया। वहीं घरेलू क्रिकेट में यूपी के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव भी लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। कुलदीप गेंद और बल्ले से अपना कौशल दिखाकर टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से लगता नहीं है कि अब हरभजन सिंह की भारतीय टीम में वापसी हो पाए। ऐसे में वो 2017 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं।