एक साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले 5 लोकप्रिय क्रिकेट बंधु

अपने भाई या बहन के साथ कोई भी खेल किसी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर खेलना एक सुखद अनुभव होता है। यह ना सिर्फ खिलाड़ियों के लिए सुखद होता है बल्कि दर्शकों में भी यह उत्साह का संचार करता है। एक साथ दो भाईयों को मैदान पर खेलता हुआ देख दर्शक और समर्थक भी रोमांच से भर उठते हैं। तो आज चर्चा एक साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले 5 लोकप्रिय क्रिकेट बंधुओं की- वॉ बंधु : स्टीव वॉ और मार्क वॉ' निःसंदेह और निर्विवाद रूप से स्टीव वॉ और मार्क वॉ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस खेल को एकसाथ खेलने वाले सबसे अच्छे और लोकप्रिय जोड़ीदार हैं। 18000 से अधिक टेस्ट रन और 52 शतक जैसे प्रभावशाली आंकड़े 90 और 2000 के दशक में विश्व क्रिकेट पर ऑस्ट्रेलिया के प्रभुत्व के सबसे महत्वपूर्ण कारण थे। जब तक मार्क वॉ ने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत की, तब तक स्टीव वॉ 42 टेस्ट मैच खेल चुके थे। लेकिन 1990-91 में स्टीव वॉ को खराब फॉर्म की वजह से टीम से बाहर जाना पड़ा और आश्चर्यजनक रूप से टीम में उनके स्थान पर उनके जुड़वे भाई मार्क वॉ ही शामिल हुए। इसके बाद अच्छे प्रदर्शन के बल पर दोनों ने खुद को ऑस्ट्रेलियाई टीम में स्थापित कर लिया और साथ रहकर कुल 108 टेस्ट मैच खेले। इनमें से 40 मैचों में स्टीव वॉ ने कप्तानी की। चैपल बंधु : इयान चैपल, ग्रेग चैपल, ट्रेवर चैपल Ian Chappell Greg Chappell 1981 में एक वन डे मैच के दौरान जब न्यूजीलैंड को एक गेंद पर छह रन चाहिए थे, तब ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ग्रेग चैपल ने अपने छोटे भाई ट्रेवर चैपल को अंडर-आर्म गेंदबाजी करने को कहा था। इस घटना की क्रिकेट जगत में खूब निंदा हुई थी। यहां तक ग्रेग के बड़े भाई इयान चैपल ने भी उनसे सारे पारिवारिक रिश्ते खत्म कर लिए। हालांकि, इस घटना के अलावा अनेक अच्छी यादें चैपल भाइयों की विरासत में थी। सभी तीन चैपल भाइयों ने ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला और सफलता के नए मानक स्थापित किए। जहां इयान अपने समय के तकनीक रूप से सक्षम खिलाड़ियों में से एक थे, वहीं ग्रेग ने खुद को सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में स्थापित किया। इन दोनों ने एक साथ 43 टेस्ट मैच खेला और 22 में जीत हासिल की। हालांकि ट्रेवर सफेद कपड़ों में केवल तीन मैच ही खेल पाए। फ्लावर बंधु : एंडी फ्लावर और ग्रांट फ्लावर Grant Flower Andy Flower जिम्बाब्वे की पूरी बल्लेबाजी लाइन अप अक्सर फ्लावर भाईयों के कंधों पर टिकी रहती थी और इसी जिम्मेदारी को लेकर एंडी फ्लावर और ग्रांट फ्लावर ने जिम्बाब्वे के लिए एक साथ 61 टेस्ट मैच खेले। हालांकि उनकी टीम इन 61 मैचों में से केवल 6 मैच जीतने में ही सफल रही थी, लेकिन फ्लावर बंधुओं ने अपनी अद्भुत बल्लेबाजी से 8000 से अधिक रन बनाए। एंडी ने विकेट के पीछे 151 शिकार किए जबकि बाएं हाथ के स्पिनर ग्रांट ने भी अपनी आलराउंड क्षमता की बदौलत 25 टेस्ट विकेट हासिल किए। भले ही इन दोनों को रिटायर हुए अधिक समय हो गया हो, लेकिन एक-दूसरे के लिए इनका स्नेह और सम्मान अब भी बना हुआ है। इसकी झलक हमें अभी हाल में ही देखने को मिली जब विश्व एकादश की टीम का हिस्सा बनकर पाकिस्तान का दौरा करने के लिए ग्रांट ने अपने बड़े भाई एंडी को राजी कराया था। अमरनाथ बंधु : मोहिंदर अमरनाथ और सुरिंदर अमरनाथ  Mohinder Amarnath Surinder Amarnath हालांकि मोहिंदर अमरनाथ अपने भाई सुरिंदर अमरनाथ से दो साल छोटे थे, लेकिन उन्हें भारत के लिए टेस्ट खेलने का मौका अपने भाई से पहले मिला। वह अपने समय के साहसी और मजबूत इच्छाशक्ति वाले बल्लेबाज थे और वेस्टइंडीज के खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण के सामने उनके रिकॉर्ड अद्भुत थे। 1983 के विश्वकप के फाइनल में मोहिंदर अमरनाथ ने ही जीत दिलाई थी और मैन ऑफ द मैच बने। अपने छोटे भाई के विपरीत सुरिंदर एक बाएं हाथ के बल्लेबाज थे। उन्होंने अपने टेस्ट कैरियर की शानदार शुरूआत की थी, लेकिन वे सिर्फ 10 टेस्ट ही खेल पाए। इन 10 में से 8 टेस्ट उन्होंने मोहिंदर के साथ खेले थे। तीनों भाइयों में से सबसे छोटे राजिंदर अमरनाथ ने भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला। आपको बता दें कि अमरनाथ बंधुओं के पिता लाला अमरनाथ भी एक टेस्ट क्रिकेटर थे और वह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज थे। मार्श बंधु : शॉन मार्श और मिशेल मार्श Shaun Marsh Mitchell Marsh वर्तमान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सर्किट में शॉन और मिशेल मार्श संभवत: सबसे मशहूर और प्रभावशाली भाइयों की जोड़ी है। जहां शॉन मार्श ने अब तक 23 टेस्ट मैचों में चार शतक लगाए हैं, वहीं मिशेल मार्श ने अब तक 21 मैच खेला है पर कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए है। मार्श बंधुओं ने साथ में अब तक सात टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें आस्ट्रेलिया को चार मैचों में जीत मिली है। दिलचस्प बात यह है कि उनके पिता ज्योफ मार्श भी 50 टेस्ट का अनुभव रखते हैं। ज्योफ अपने दोनों बेटों के डेब्यू के गवाह बने। उत्साहित ज्योफ कहते हैं कि यह मेरे और मेरे पत्नी के लिए गर्व का क्षण था और हमें उम्मीद है कि ये जोड़ी आने वाले समय में हमें जश्न मनाने का कई और मौका देगी। मूल लेखक - राम कुमार अनुवाद और संपादक - सागर