हालांकि मोहिंदर अमरनाथ अपने भाई सुरिंदर अमरनाथ से दो साल छोटे थे, लेकिन उन्हें भारत के लिए टेस्ट खेलने का मौका अपने भाई से पहले मिला। वह अपने समय के साहसी और मजबूत इच्छाशक्ति वाले बल्लेबाज थे और वेस्टइंडीज के खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण के सामने उनके रिकॉर्ड अद्भुत थे। 1983 के विश्वकप के फाइनल में मोहिंदर अमरनाथ ने ही जीत दिलाई थी और मैन ऑफ द मैच बने। अपने छोटे भाई के विपरीत सुरिंदर एक बाएं हाथ के बल्लेबाज थे। उन्होंने अपने टेस्ट कैरियर की शानदार शुरूआत की थी, लेकिन वे सिर्फ 10 टेस्ट ही खेल पाए। इन 10 में से 8 टेस्ट उन्होंने मोहिंदर के साथ खेले थे। तीनों भाइयों में से सबसे छोटे राजिंदर अमरनाथ ने भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला। आपको बता दें कि अमरनाथ बंधुओं के पिता लाला अमरनाथ भी एक टेस्ट क्रिकेटर थे और वह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज थे।