स्लेजिंग न्यायपूर्ण खेल के लिए एक ख़तरा है। कुछ हद तक यह करना ठीक है पर कहाँ यह ख़त्म होना चाहिए यह सोचना बहुत ज़रूरी है। हर बार स्लेजिंग बुरी सोच से की जाए यह ज़रूरी नहीं है। एक तेज़ गेंदबाज की गेंद जब ठीक से ना हो तो वह कुछ प्रतिक्रिया दे यह स्वाभाविक है। कई लोगों का मानना है कि अगर स्लेजिंग सही तरीके से की जाए तो यह बहुत बढिया नतीजे दे सकती है। लोगों का यह भी मानना है कि तेज गेंदबाज़ी और स्लेजिंग हाथ में हाथ डाले जाती है। उस गर्मजोशी के माहौल में कोई प्रतिक्रिया ना दे, यह असंभव है। कोई भी मर्व ह्यूग्स और उनके खेल को नहीं भूल पाया है। पर एेसे भी कई खिलाडी हैं जो बिना बोले गेंदबाज़ी करते हैं। एक नजर एेसे ही कुछ गेंदबाज़ों पर:
5 -जेसन होल्डर
हाल ही में एक बेहतरीन खिलाडी के रूप में उभरे ये खिलाडी, एक बढिया तेज गेंदबाज और वेस्टइंडीज़ के ओडीआई कप्तान है। लोग उन्हें टीम को तकलीफ़ों के दौरान सही दिशा में ले जाने के लिए तारीफ़ करते हैं। अपने कद और खेल के कारण वह खेल का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। साथ ही अंत में खेलने आने के बाद वे टीम के लिए काफ़ी रन बटोर लेते हैं। उनकी सबसे बड़ी ताक़त उनका शांत स्वभाव है। वो कभी भी अपना आपा नहीं खोते और ना ही गेंदबाज़ी करते हुए किसी से उलझते हैं। 2015 विश्व कप में जब उनकी आख़िरी दो ओवरों में 64 रन ठोक दिए गए तब भी वे शांत थे।4- ट्रेंट बोल्ट
क्रिकेट जगत में उनकी प्रशंसा चोटी पर थी जब उन्होंने 2015 विश्व कप में सबसे ज़्यादा विकेट लिए। बढिया कलाइयों के इस्तेमाल के साथ, बोल्ट काफ़ी तेज़ गेंद करा सकते हैं। गेंदबाज़ी कराते समय जो एेंगल वे विकेट के साथ बनाते हैं उसका कोई जवाब नहीं है। बढिया प्रदर्शन करने के बाद भी आज तक उन्हे कभी भी किसी बल्लेबाज़ के साथ बोलते हुए नहीं देखा गया है। ख़राब गेंद होने के बाद भी जब वे शांत रह जाते हैं तो उन्हें क्रिकेट जगत के साइलेन्ट किलर कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
3- जवागल श्रीनाथ
कपिल देव के रिटायर होने के बाद इन्होंने ही भारत की तेज गेंदबाज़ी को संभाला। 300 से ज़्यादा ओडीआई में खेल चुके एकमात्र भारतीय तेज़ गेंदबाज, श्रीनाथ अपने 90 के दशक के तेज गेंदबाज़ी के लिए याद किए जाते हैं। हालाँकि जब कोई फ़ील्डर सही नहीं खेलता था तो वे उसपे भड़क उठते थे पर वे कभी भी किसी बल्लेबाज पर ग़ुस्सा करते नहीं दिखे। अगर शांत खिलाड़ियों में द्रविड़ का नाम आता है तो शांत गेंदबाज़ों में भी कुंबले और श्रीनाथ का नाम ज़रूर आएगा। 2- शॉन पॉलक वे आज भी एक सफल गेंदबाज के रूप में याद किए जाते हैं। उन्होंने कई सालों तक दक्षिण अफ़्रीका के स्विंग गेंदबाजी आक्रमण को लीड किया था। वो अपने गेंद से ज्यादा बात करते थे। और वे इसको इस हद तक मानते थे कि जब संगकारा ने 2003 विश्व कप में उन्हें कुछ कहा, तब भी वे चुप रहे। नतीजन, आज तक हम उन्हें एक सफल खिलाडी और सही रूप से खेलने वाले खिलाडी के रूप में देखते हैं।
1- लसिथ मलिंगा
करियर की शुरुआत में उनको अपने स्लिंगिग के कारण एक क़यामत माना जाता था। एक दो ओवरों में विकेट निकाल कर गेम बदलने वाले यह खिलाडी कभी किसी बल्लेबाज़ पर नहीं बरसे। यहाँ तक कि जब उन्हें कोहली ने कुछ कहा तब भी वे बस मुस्कुराते ही रहे। आज भी वे एक उम्दा गेंदबाज हैं और उनके खिलाफ टी20 में रन बनाना मुश्किल है। पर फिर भी कभी बुरी गेंद होने के बाद भी शांत रहना उन्हें दूसरों से अलग करता है। लेखक- दीप्तेश सेन, अनुवादक- सेहल जैन