दक्षिण अफ्रीका के स्ट्राइक गेंदबाज़ डेल स्टेन के कंधे में चोटिल होने के बाद उनकी जगह कौन लेगा ये बड़ा सवाल है। इससे पहले चोटिल होने के कारण इंग्लैंड के साथ हुई सीरिज से भी वह बाहर रहे थे। स्टेन ने पहले टेस्ट के दूसरे दिन वार्नर को आउट किया था। उसके बाद फॉलो थ्रू में गेंद को रोकने के चक्कर में वह चोटिल हो गये थे। दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेट के मेनेजर मोहम्मद मूसाजी ने कहा, “स्टेन की चोट थोड़ी रेयर है, जिसकी सर्जरी करने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में जल्द ही हम इस बात की पुष्टि करेंगे।” स्टेन ऑस्ट्रेलियाई सीरिज से बाहर हो गये हैं। जो प्रोटेस के लिए अच्छी खबर नहीं हैं। मोर्ने मोर्कल भी दूसरी तरफ 100 फीसदी फिट नहीं हैं। जबकि मोरिस और पर्नेल पहले ही चोटिल हैं। ऐसे में किसी अन्य नये चेहरे को टीम में मौका मिल सकता है। आइये एक नजर डालते हैं 5 संभावित गेंदबाजों पर जो स्टेन की जगह टीम में मौका पा सकते हैं:
डूअने ओलिविएर
दक्षिण अफ्रीका में हुए सनफॉयल सीरीज और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ओलिविएर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। साल 2015-16 के सनफॉयल सीजन में ओलिविएर ने हरड्स विल्जोएन के बाद 7 मैचों में 41 लिए थे। जहाँ उनका औसत 16 के करीब था। साथ ही 81 रन देकर 8 विकेट लिए थे। इसके अलावा 3 बार उन्होंने 5 विकेट लिए थे। इसके अलावा अबतक 55 मैचों में उनके नाम 212 विकेट दर्ज हैं। ऐसे में ये 24 वर्षीय गेंदबाज़ फिलांडर और मोर्कल के साथ और निखरेगा। डेन पैटर्सन डॉलफिन के तेज गेंदबाज़ को भी चयनकर्ता टीम में मौका दे सकते हैं। साल 2014-15 सीजन में उनके नाम 42 विकेट दर्ज हैं। उसके बाद चोटिल होने की वजह से वह अगले सीजन में नहीं खेल पाए थे। लेकिन इस सीजन में उन्होंने 5 विकेट लेकर अपने अंदाज में शुरुआत की है। 76 प्रथमश्रेणी मैचों में उनके नाम 253 विकेट दर्ज हैं। उनकी खासियत किसी भी तरह के विकेट के साथ खुद को ढाल लेते हैं। वह गेंद को किसी भी लाइन में स्विंग करा सकते हैं। इस वजह से उनका चयन हो सकता है। हारडस विल्जोएन सन फॉयल सीजन 2015-16 में उनका प्रदर्शन शानदार था। टूर्नामेंट में उन्होंने लायंस की तरफ से 47 विकेट लिए थे। दूसरे सीजन में 39 उन्होंने अपनी निरन्तरता का परिचय दिया। विल्जोएन ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था। लेकिन मोर्कल और ऐबाट की वापसी से उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। मर्चंट डी लांगे डे लांगे एक और बेहतरीन गेंदबाज़ हैं, जिनका प्रदर्शन घरेलु क्रिकेट में काफी बेहतरीन रहा है। साल 2011 में श्रीलंका के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में 81 रन देकर उन्होंने 7 विकेट लिए थे। उनकी खासियत 150 किमी/घंटे की स्पीड से गेंद फेंकते हैं। हाई आर्म एक्शन और छोटे रनअप के साथ उनकी तेज गेंदे किसी बल्लेबाज़ में भी खौफ भर सकते हैं। सीजन 2015-16 में 7 मैचों में 38 विकेट लिए थे। रबादा और डे लांगे को एक टीम की तरफ गेंदबाज़ी करते देखना आकर्षक होगा। लांगे जहां विकेट से बाउंस लेने में सक्षम हैं, तो वहीं रबादा दूसरे छोर से उनका अच्छा साथ दे सकते हैं। डवैन प्रिटोरियस लम्बे कद का ये आलराउंडर घरेलू स्तर पर काफी जबर्दस्त प्रदर्शन कर रहा है। गेंदबाज़ी के अलावा उनकी बल्लेबाज़ भी टीम के लिए मददगार साबित हो सकता है। स्टंप-टू-स्टंप गेंदबाज़ी करने वाले इस गेंदबाज़ में विकेट लेने की क्षमता है। फिलांडर की तरह ही डवैन की स्पीड भी 120 और 130 के बीच है। वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खलाफ डेब्यू कर चुके प्रिटोरियस को टेस्ट में डेब्यू का इंतजार है। क्रिस मोरिस की तरह ही प्रिटोरियस एक अच्छे आलराउंडर हैं। उन्होंने अंतिम 5 मैचों में 4 अर्धशतक और 6 विकेट लिए हैं। ऐसे में स्टेन की जगह पर वह भी मौका पाने के हकदार हैं।