इंग्लैंड की सरजमीं टेस्ट मैचों में कप्तान के रूप धोनी के लिए बुरे सपने की तरह थी। उनकी कप्तानी में टीम ने इंग्लैंड में 15 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उसे 9 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है जबकि एक सीरीज में तो इंग्लैंड ने सभी मैच जीतकर 4-0 से श्रृंखला अपने नाम की थी। जब भारत 2014 में इंग्लैंड गयी तो इस बार टीम का प्रदर्शन बेहतर लगा। ट्रेंटब्रिज में हुआ पह ला टेस्ट मैच जहां ड्रा हो गया वहीं लॉर्ड्स में हुए दूसरे टेस्ट में भारत ने ईशांत शर्मा की शानदार गेंदबाजी की बदौलत ऐतिहासिक जीत दर्ज की।लेकिन, उसके बाद सब कुछ भारतीय टीम के विपरीत होने लगा और मेजबान टीम ने सीरीज के बचे बाकी तीनों टेस्ट मैच जीत लिए। भारत के लिए सबसे बड़ी हार आयी ओवल में हुए अंतिम टेस्ट मैच में। टीम की बल्लेबाजी दोनों ही पारियों में असफल रही, पहली और दूसरी पारी में भारतीय टीम ने क्रमशः 148 और 94 रन बनायें। वहीं इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 486 रन बनाए जो काफी साबित हुए और भारत यह मैच पारी और 244 रनों से हार गया। पारी और 244 रनों की हार पारी की अंतर से भारतीय टेस्ट इतिहास की तीसरी सबसे बड़ी हार है। इस जीत के साथ इंग्लैंड ने 3-0 से सीरीज अपने नाम कर लिया और धोनी की कप्तानी में यह इंग्लैंड में लगातार दूसरी सीरीज हार थी। धोनी का टेस्ट करियर इस इंग्लैंड दौरे के कुछ समय के बाद ही हुए ऑस्ट्रेलिया दौरे में समाप्त हो गया और उनके इस संन्यास पीछे के कारणों में एक उनकी कप्तानी में विदेशों में मिल रही हार भी थी।