धोनी का टेस्ट मैचों में विदेशी सरजमीं पर भले ही रिकॉर्ड काफी खराब रहा हो लेकिन घर में उनका रिकॉर्ड काफी जबरदस्त रहा है। उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में खेले सभी 8 टेस्ट मैचों में भारत ने जीत हासिल की है।लेकिन, इंग्लैंड की टीम में भारत के घर में आकर भी टेस्ट मैचों में अपनी बादशाहत सिध्द की है। 2012/13 के दौरे पर 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में इंग्लैंड ने 2-1 से जीत हासिल की, जिसमें वानखेड़े स्टेडियम पर मिली 10 विकेटों की जीत भी शामिल है। सीरीज का पहला मैच भारत के लिए काफी शानदार रहा और टीम ने इस मैच में 9 विकेट से जीत हासिल की। दूसरे मैच में धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। हालांकि पुजारा ने 135 रन बनाए फिर भी पूरी भारतीय पारी 327 पर सिमट गई। जवाब में खेलने उतरी इंग्लैंड की टीम ने एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन के शतकों के मदद से पहली पारी के आधार पर 86 रनों की बढ़त बना ली। भारतीय दर्शकों को दूसरी पारी में बल्लेबाजों से काफी उम्मीदें थी लेकिन पूरी टीम 142 रनों पर पवेलियन लौट गई। सिर्फ गौतम गंभीर और रविचन्द्रन अश्विन ही दहाई का आंकड़ा छू पायें। जीत के लिए मिले 58 रनों के लक्ष्य को इंग्लैंड की टीम ने बिना विकेट खोए हासिल कर लिया। उसके बाद कोलकाता में हुए तीसरे टेस्ट को भी इंग्लैंड ने भारत को हरा दिया, जबकि अंतिम टेस्ट मैच ड्रा पर छूट गया। इस तरह इंग्लैंड ने भारत को घर में हराकर 2-1 से सीरीज जीत गयी।