पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश ने क्रिकेट जगत पर अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है और इनकी शुरुआत 2015 विश्वकप में इंग्लैंड पर मिली जीत को माना जा सकता है। विश्वकप के क्वाटर फाइनल मुकाबले में भी भारत के खिलाफ इस टीम ने जमकर मुकाबला किया लेकिन रोहित शर्मा के आउट को नो बॉल करार दे दिया गया और उनके शतक की मदद से भारत ने मैच अपने नाम कर लिया। उसके कुछ महीने बाद ही भारत की टीम 3 एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेलने बांग्लादेश गयी और उसी सीरीज में मुस्तफिजुर रहमान ने एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया। उनकी शानदार गेंदबाजी के बदौलत बांग्लादेश ने सीरीज अपने नाम कर लिया। धोनी की कप्तानी में अपनी सबसे मजबूत टीम लेकर उतरी भारत पहले दोनों मैच हार गई और यह सीरीज धोनी की कप्तानी का सबसे खराब सीरीज में गिना जाता है। पहला मैच हारने के बावजूद दूसरे मैच में टीम ने उससे कोई सीख नहीं ली। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम मात्र 200 रन ही बना पाई। बांग्लादेश की तरफ से अपना दूसरा ही मैच खेल रहे युवा मुस्तफिजुर ने 6 विकेट हासिल किए। लेकिन भारतीय गेंदबाज ऐसा कोई भी कारनामा नहीं कर पाए और मेजबान टीम ने 6 विकेट बाकी रहते आसानी से लक्ष्य को हासिल कर लिया। इस बाद धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के हाथों भी हार का सामना करना पड़ा। धोनी की कप्तानी में भारत की हार का सिलसिला न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टूटा, जिसे भारतीय टीम ने 3-2 से हराकर एकदिवसीय सीरीज अपने नाम किया।