महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 5 महत्वपूर्ण जीत जिन्हें भूला दिया गया

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#4 पहला टेस्ट बनाम न्यूज़ीलैंड (हैमिलटन)- 2009

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टी20 सीरीज 0-2 से हारने के बाद भारतीय ने एकदिवसीय मैचों की सीरीज में जीत हासिल कर अपना दबदबा जमाना शुरू कर दिया था। धोनी की में, भारतीय ने पहली बार न्यूज़ीलैंड की सरजमीं पर द्विपक्षीय सीरीज अपने नाम किया था।

जब टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई तो भारतीय टीम का आत्मविश्वास काफी ऊपर था। भारत को कीवी सरजमीं पर टेस्ट मैच जीते 33 साल हो चुके थे और टीम जीत के इरादे से हैमिलटन के मैदान पर उतरी।

हरी पिच पर भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। पिच और मौसम तेज गेंदबाजों के लिए मददगार थी और भारतीय गेंदबाजों ने इसका काफी फायदा उठाया।ज़हीर खान और इशांत शर्मा ने मेजबानों के बल्लेबाजी को तहस-नहस करते हुए 60 रनों पर ही 6 बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया। हालांकि, उसके बाद जेसी राईडर और डेनियल विटोरी के शतकों की मदद से न्यूज़ीलैंड की टीम 279 तक पहुंच गयी।

जवाब में भारतीय बल्लेबाजों ने न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। सचिन तेंदुलकर के 160 (42वां टेस्ट शतक), गंभीर के 72 और द्रविड़ के 66 रनों की बदौलत भारत ने 520 रन बना डाले।

पहली पारी में 241 रनों से पिछड़ने के बाद दूसरी पारी में भी न्यूज़ीलैंड की शुरुआत कुछ खास नहीं रही और पारी की तीसरी ही गेंद पर मैकन्तोश आउट हो गये। पहला विकेट गिरने का बाद मेजबानों की पारी कुछ सम्भली लेकिन जैसे ही मार्टिन गप्टिल आउट हुए उसके बाद विकेटों की झड़ी लग गयी और पूरी कीवी टीम 279 पर पवेलियन लौट गयी। भारत को जीत के लिए 39 रनों का लक्ष्य मिला जिसे टीम ने आसानी से हासिल कर सीरीज में 1-0 से निर्णायक बढ़त बना लिया। भारत ने इस बढत को बरकरार रखा और सीरीज अपने नाम कर लिया।

संक्षिप्त स्कोर: न्यूज़ीलैंड 279 (विटोरी 118, रायडर 102, इशांत 4-73, मुनाफ 3-60) और 279 (मैकुलम 84, फ्लिन 67, हरभजन 6-63) हारा, बनाम भारत 520 (सचिन 160, गंभीर 72, द्रविड़ 66, ज़हीर 51 नाबाद, मार्टिन 3-98) और 39/0 (गंभीर 30 नाबाद)