महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 5 महत्वपूर्ण जीत जिन्हें भूला दिया गया

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#3 दूसरा टेस्ट बनाम ऑस्ट्रेलिया (बेंगलौर)- 2010
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मोहाली में हुए पहले टेस्ट मैच में मात्र 1 विकेट से रोचक जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा और अंतिम टेस्ट मैच खेलने बैंगलौर पहुंची।

बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर टॉस जीतके पहले बल्लेबाजी करते हुए कंगारू टीम ने पिच का पूरा फायदा उठाया। मार्कस नार्थ के शतक (128), वाटसन (57), पोंटिंग (77) और पैन (59) के अर्धशतकों की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 478 रन बनाये।

जवाब में भारतीय टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही और स्कोर 38/2 हो गया था। पिच पर बल्लेबाजी कर रहे युवा मुरली विजय का साथ देने सचिन तेंदुलकर पहुंचे। इन दोनों ने दवाब से निकलते हुए 308 रनों की साझेदारी निभाई। विजय ने अपने करियर का पहला शतक जमाया वहीं तेंदुलकर ने 214 रनों की यादगार पारी खेली। इन पारियों की बदौलत भारतीय टीम 495 तक पहुँच गयी और उसे 17 रनों की मामूली बढ़त मिली।

भारत की पारी मैच के चौथे दिन दोपहर में खत्म हुए और सभी को लगने लगा कि मैच ड्रा होने वाला है। लेकिन भारत की शानदार गेंदबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 223 पर सिमट गयी और भारत को जीत के लिए 207 का लक्ष्य मिला।

मैच में 77 ओवर बाकि थे और पिच गेंदबाजों को मदद भी दे रही थी। ऐसे में यह काम मुश्किल था लेकिन अपना पहला टेस्ट खेल रहे पुजारा के 72 और सचिन तेंदुलकर के नाबाद 53 भारत ने लक्ष्य हासिल कर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली।

संक्षिप्त स्कोर: ऑस्ट्रेलिया 478 ( नार्थ 128, पोंटिंग 77, ओझा 3-120, हरभजन 4-148) और 223 (पोंटिंग 72, ज़हीर 3-41, ओझा 3-57) हारा बनाम भारत 495 (तेंदुलकर 214, विजय 139, जॉनसन 3-105) और 207/3 (पुजारा 72, तेंदुलकर 53 नाबाद)

Edited by Staff Editor
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