5 पूर्व भारतीय दिग्गज जो बीसीसीआई के अध्यक्ष बन सकते हैं

लोढ़ा कमिटी के सुझाव पर सुप्रीम के फैसले के बाद एक तरफ जहां अनुराग ठाकुर की बोर्ड अध्यक्ष की पदवी जा चुकी है। ऐसे में बोर्ड के अगले अध्यक्ष का चुनाव दिलचस्प हो गया है। अनुराग ठाकुर को हटाने से पहले लोढ़ा पैनल का जो सुझाव है, वह कुछ इस तरह का है:

  1. बीसीसीआई और राज्य के अध्यक्ष की उम्र 70 साल से कम होनी चाहिए।
  2. कोई भी अधिकारी लगातार तीन टर्म बीसीसीआई में काम नहीं कर सकता है। इसके अलावा जो भी अधिकारी बोर्ड में रहे। उसकी समय सीमा 9 तक ही होनी चाहिए।
  3. इसके अलावा कोई भी राजनीतिक व्यक्ति क्रिकेट बोर्ड में नहीं आ सकता है।

भारतीय क्रिकेट में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए ही लोढ़ा पैनल के सुझाव को सुप्रीम कोर्ट लागू कर रहा है। जिसके तहत क्रिकेट में प्रशासन का काम भी पूर्व क्रिकेटरों के हाथ में होगा। भारत जैसे देश का सौभाग्य है, क्योंकि यहां बहुत से पूर्व खिलाड़ी इस पद के प्रबल दावेदार हैं। ये हैं वह 5 पूर्व क्रिकेटर, आइये डालते हैं एक नजर: मोहिन्दर अमरनाथ अमरनाथ का उपयोग भारतीय क्रिकेट में ऑफफील्ड बहुत अच्छे से नहीं हुआ है। उसके अपने कारण रहे हैं। ऐसे में उन्हें अध्यक्ष बनाकर उनका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। वह बड़े ही साफगोह शख्स हैं, इसलिए भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने का काम वह कर सकते हैं। उनका करियर विविधता से भरा रहा है, इसलिए उन्हें पता है कि भारतीय क्रिकेट के उत्थान के लिये उन्हें क्या करना है। किसी भी बोर्ड अध्यक्ष के लिए जमीनी स्तर की जानकारी खेल के लिए अच्छी बात है। जो जिम्मी से बेहतर किसी के पास नहीं है। जवागल श्रीनाथ पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज़ श्रीनाथ नेचुरल एडमिनिस्ट्रेटर हैं। अनिल कुंबले के साथ मिलकर कर्नाटक क्रिकेट के लिए काम कर चुके हैं। मौजूदा वक्त में श्रीनाथ आईसीसी के मैच रेफरी हैं। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और उसके सेटअप की बेहतर समझ है। जो भारतीय क्रिकेट के लिए मददगार साबित हो सकता है। श्रीनाथ एक बेहतरीन वक्ता हैं, उनका अपना एक खास अंदाज है। इसके अलावा अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ जो उनके साथी रह चुके हैं बतौर कोच अपना काम शानदार तरीके से कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें अजमाया जा सकता है। कपिल देव पूर्व कप्तान कपिल देव भारतीय क्रिकेट के सबसे अहम किरदार हैं। ऐसे में उन्हें बीसीसीआई का बॉस बनाया जा सकता है। 1983 में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने पहला वर्ल्डकप जीता था। जिसके बाद भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ी थी। साथ ही उनकी बात पर हर कोई ध्यान देता है। इसलिए उन्हें ये जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह भारतीय टीम को कोचिंग भी डे चुके हैं, साथ ही उनका अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से बेहतर तालमेल रहता है। उन्हें खिलाड़ियों की जरूरत और भारतीय क्रिकेट के भविष्य का अच्छा अंदाजा है। ऐसे में वह अध्यक्ष के तौर पर अच्छा काम कर सकते हैं। रवि शास्त्री रवि शास्त्री का नाम आते ही लोगों की भौंहें तन जाती हैं, लेकिन शास्त्री का खिलाड़ियों के साथ अच्छा तालमेल है। शास्त्री के बारे में सोचने पर ऐसा लगता है कि वह इस पद पर रहते हुए अच्छा काम कर सकते हैं। क्योंकि उन्हें खिलाड़ियों की जरूरतों का बेहतरीन अंदाजा है। इसके अलावा उन्हें पता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट को कैसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। टीम के डायरेक्टर के तौर पर शास्त्री काम कर चुके हैं। जिसकी वजह से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट के खिलाड़ियों की अच्छी समझ है। शास्त्री लम्बे समय से कमेंट्री पैनल से जुड़े हुए हैं। जिससे उन्हें पता है कि क्रिकेट संघ कैसे काम करते हैं। सौरव गांगुली पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली हमेशा से क्रिकेट के दीवानों की पहली पसंद रहे हैं। ऐसे में वह सबसे बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बंगाल के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली की अगुवाही में पिछले साल टी-20 वर्ल्डकप का फाइनल ईडन गार्डन में आयोजित हुआ था। इसके अलावा भारत का पहला दिन-रात्रि टेस्ट मैच गांगुली ने ही आयोजित करवाया था। जिस तरह से पूरे समर्पण के साथ गांगुली काम कर रहे हैं, ऐसे में मौजूदा परिस्थिति में वह बाकी दिग्गजों के मुकाबले सबसे बेहतरीन विकल्प हैं। क्योंकि वह एक नैसर्गिक लीडरशिप क्षमता रखते हैं।