5 पूर्व कैरेबियाई खिलाड़ी जो टी20 में शानदार प्रदर्शन कर सकते थे

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क्रिकेट जितनी तेज़ी से दुनिया के सभी कोनों में लोकप्रिय होता चला जा रहा है शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो इससे अनजान हो या इसे फॉलो ना करता होगा। लोग क्रिकेट के इतने दीवाने हो चुके हैं कि इसे देखने के लिए दूर दूर से स्टेडियम में जमा हो जाते हैं वो भी बड़ी मात्रा में। बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ के बीच की जंग क्रिकेट के इस खेल को और भी रोमांचक बना देती है। देखा जाए तो क्रिकेट में बल्लेबाजी और गेंदबाज़ी दोनों ही अहम भूमिका निभाती है पर क्रिकेट के छोटे फ़ॉर्मेट में लोग चौकों और छक्कों की बारिश देखना ज्यादा पसंद करते हैं। बल्लेबाजों द्वारा रनों की इन बारिश का समर्थक खुल कर मज़ा लेते हैं। क्रिकेट जगत में ऐसे बहुत से बल्लेबाज़ हैं जो चौकों और छक्कों की बारिश करते नज़र आते हैं। वैसे तो क्रिकेट के सभी प्रारूपों में रनों की बारिश होती है लेकिन इसके सबसे छोटे फ़ॉर्मेट जिसे हम टी20 के नाम से जानते हैं, चक्कों और चौकों की बारिश से झमाझम रहता है। देखा जाए तो विश्व क्रिकेट में कई सारे खिलाड़ी हैं जो इस टी20 के महारथी हैं पर विश्व में एक टीम ऐसी भी है जिसका हर खिलाड़ी इस छोटे फ़ॉर्मेट का बादशाह है। मेरा इशारा है टी20 वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज़ की ओर जिसके किसी भी खिलाड़ी को तारीफ़ की ज़रुरत नहीं। हां और ये भी कहना कतई ग़लत नहीं होगा इस टीम के पूर्व खिलाड़ी भी जो अब क्रिकेट से दूर हो चुके हैं अगर खेलते होते तो क्रिकेट के इस छोटे फ़ॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन कर सकते थे। वेस्ट इंडीज़ टीम में तो मौजूदा दौर में क्रिस गेल, मार्लन सैमयुल्स, काईरन पोलार्ड, ड्वेन ब्रावो जैसे दिग्गज हैं जो टी20 के बेहतरीन खिलाडी हैं पर कुछ पूर्व कैरेबियाई खिलाड़ी भी इस सूची में आ सकते थे। यहां ऐसे ही पांच पूर्व कैरेबियाई खिलाड़ी हैं जो टी20 में शानदार प्रदर्शन आर सकते थे: #5 क्लाइव लॉयड क्लाइव लॉयड वेस्टइंडीज़ के उन दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार होते हैं जिनके नाम क्रिकेट इतिहास में ना जाने कितने रिकॉर्ड दर्ज होंगे। वहीं लॉयड पहले ऐसे कप्तान थे जिंक नाम वर्ल्डकप जीत दर्ज है। ये आने ज़माने के सबसे बेहतरीन और इज्ज़तदार क्रिकेट थे। मैदान पर जब ये बल्लेबाज़ी करने आते थे तो अपने बड़े फ्रेम वाले चश्मों की वजह से ये क्रिकेटर कम एक प्रोफ़ेसर ज्यादा लगते थे। लेकिन जब इनके हाथ में बल्ला होता था तो किसी भी गेंदबाज़ की खैर नहीं होती थी। इनकी बादशाहत वेस्टइंडीज़ क्रिकेट में दो दशकों तक चली है। 1975 के वर्ल्डकप में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध लगाया गया उनका शतक अब भी वनडे क्रिकेट की सबसे बेहतरीन परियों में शुमार किया जाता है। उस दौर में जब दुसरे बल्लेबाजों को अपना स्ट्राइक रेट 60 के पार ले जाने में सोचना पड़ता था लॉयड ने 85 गेंदों में शतक जड़ा था। बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज़ ने कुल 87 वनडे मैच खेले हैं जिनमें 39 के औसत से 1977 रन बनाये हैं इसी के साथ साथ उनका स्ट्राइक रेट भी 81 का रहा है। लॉयड के इस बेहतरीन रिकॉर्ड को देखते हुए ये कहना बिल्कुल भी ग़लत नहीं होगा कि टी20 में वो काफी कामयाब होते। #4 डेज़मंड हेन्स haynes4-1472661242-800 वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के एक और विस्फोटक बल्लेबाज़ जिनके मैदान में आते ही गेंदबाजों के पसीने निकलने लगते थे वो थे हाइन्स। अपने ज़माने के वनडे क्रिकेट में हाइन्स काफी तेज़ी से रन बनाया करते थे और गेंदबाज़ इन्हें देखकर नए नए पैतरे आजमाने की कोशिश किया करता था। हाइन्स ने साल 1978 में वेस्टइंडीज़ के लिए अपना डेब्यू किया था। सलामी बल्लेबाज़ी के तौर पर उतरने वाले इस बल्लेबाज़ के पास किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को तहस नहस करने की काबिलियत थी। अपने डेब्यू मैच में ही इन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 148 रनों की शानदार पारी खेली थी जो अब भी वनडे क्रिकेट में किसी डेब्यूटेंट द्वारा बनाया गया सबसे सर्वाधिक स्कोर है, साथ ही साथ इनके नाम किसी भी डेब्यूटेंट द्वारा लगाया गया सबसे तेज़ शतक का भी रिकॉर्ड दर्ज है। हाइन्स उन दो खिलाडियों में से एक हैं जिनके नाम अपने पहले और आखिरी वनडे में शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है। हाइन्स के साथ ये रिकॉर्ड इंग्लैंड के डेनिस ऐमिस के नाम दर्ज है। #3 गॉर्डन ग्रीनिज greenidge-1472661279-800 बार्बाडॉस का रहने वाला ये खिलाड़ी एक बेख़ौफ़ बल्लेबाज़ के रूप में जाना जाता था। हाइन्स के साथ ये बल्लेबाज़ जब सलामी बल्लेबाज़ी करने उतरता था तो किसी भी गेंदबाज़ के लिए वो वक़्त एक बुरे सपने से भी भयंकर होता था। इनकी बेख़ौफ़ बल्लेबाज़ी की वजह से गेंदबाजों को अलग अलग पितरों का सहारा लेना पड़ता था पर वो गेंदबाज़ उसमें भी नाकाम हो जाया करते थे। ग्रीनिज ने साल 1974 में भारत के खिलाफ बैंगलोर में अपना डेब्यू किया था। अपने डेब्यू मैच में उन्होंने भारत के खिलाफ पहली पारी में शतक लगाया था और दूसरी पारी में 90 रन बनाये थे । लॉर्ड्स में इंग्लैंड के विरुद्ध खेली गई उनकी वो आखिरी दिन की 214 रनों वाली पारी को कोई बी चाह कर नहीं भुला पायेगा। इनकी इस पारी की बदौलत वेस्टइंडीज़ मैच के आखिरी दिन 342 रन का विशाल स्कोर बनाने में कामयाब हो पाई थी। ग्रीनिज ने 1979 के वर्ल्डकप के दौरान वनडे क्रिकेट में अपन पहला शतक जड़ा था, इसके बाद इनके नाम दस शतक और भी हैं। ग्रीनिज ने अपने वनडे करियर में 45.03 के औसत से 5,134 रन बनाये हैं जो एक टी20 खिलाड़ी की झलक भी दर्शाता है। #2 सर गारफील्ड सोबर्स gary-sobers-1472661356-800 अपने ज़माने के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ी रहे सौबर्स एक टी20 फ़ॉर्मेट के लिए सबसे उपयोगी खिलाड़ियों में से एक हैं। हालांकि उन्होंने एक ही वनडे मैच खेला है पर टेस्ट क्रिकेट में वो जिस अंदाज़ में बल्लेबाजी करते थे इसमें कोई शक नहीं कि टी20 में उन्हें जगह ना मिले। अपने छोटे से करियर में उन्होंने कई बेहतरीन पारियां खेली हैं और उन्हें ऑफ साइड का बादशाह भी कहा जाता था। बल्लेबाज़ी के साथ साथ सौबर्स बाएँ हाथ के स्पिन गेंदबाज़ भी थे। सौबर्स ने अपना पहला शतक पकिस्तान के खिलाफ 1958 में लगाया था। सौबर्स के नाम 93 टेस्ट मैचों में 57.78 के औसत से 8,032 रन दर्ज है। #1 सर विवियन रिचर्ड्स viv एक ऐसा खिलाड़ी जो क्रिकेट से बहुत समय पहले ही संन्यास ले चुका है पर अगर वो आज भी मैदान में उतर जाए तो किसी भी टीम में उसे काफी आसानी से जगह मिल जाएगी, इसे लोग सर विवान रिचर्ड्स के नाम से जानते हैं। क्रिकेट जगत के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक रिचर्ड्स का नाम ही किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को बिखेरने के लिए काफी था। रिचर्ड के नाम वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड था जिसमें उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 1984 में 189 रनों की नाबाद पारी खेली थी। रिचर्ड्स के इस रिकॉर्ड को 13 साल बाद 1997 में पकिस्तान के सईद अनवर ने 194 रन बनाकर तोड़ा था। रिचर्ड्स ने अपना आखिरी वनडे इंग्लैंड क विरुद्ध 1991 में खेला था। अपने करियर में उन्होंने 47 के बल्लेबाज़ी औसत से 6721 रन बनाये हैं जिनमें उनका स्ट्राइक रेट 90.20 का रहा है। रिचर्ड्स का ये शानदार रिकॉर्ड किसी भी टी20 टीम में जगह बनाने के लिए काफी है।