5 महान टेस्ट बल्लेबाज जिनका औसत 50 से कम रहा

Cricket World Cup Final 1975

जिन्होंने एल्विन कालीचरण को बल्लेबाज़ी करते देखा है वो उन्हें1970 के दशक के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक मानते हैं।1975 वर्ल्ड कप में खेली अपनी प्रेरणादायक पारी में कालीचरण ने डेनिस लिली को खूब धोया । अपने करियर की शिखर पर चल रहे डेनिल लिली ने तब कालिचरण को अपनी विविधता से चकमा देने की खूब कोशिश की लेकिन कालीचरण अपने एक अलग ही ज़ोन में थे। लिली ने कालीचरण को 10 गेंदें डाली और 35 रन दिए । कालीचरण ने अपने करियर में 44.43 की औसत से 66 टेस्ट में4399 रन बनाए। हर लिहाज़ से कालीचरण का रिकॉर्ड सम्मानजनक रहा लेकिन उनमें जितना टैलेंट था और जिस सम्मान को वो हकदार है वो उन्हें कभी मिल न सका । शायद ये इसलिए क्योंकि उनकी करियर औसत 50 के पार नहीं थी हालांकि 66 मैचों में से 38 में उनकी औसत 50 से ज्यादा रही थी , लेकिन आज 50 से ऊपर की औसत वाले खिलाड़ियों को ही महान माना जाता है। कालीचरण के साथ कई ऐसे दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं जो इस आंकड़े को नहीं छू सके (5000 रन और 45 से ज्यादा की औसत)। #1 रोहन कन्हाई हुक शॉट के रचिता रोहन कन्हाई की तारीफ करते हुए सुनील गावस्कर ने अपनी किताब में लिखा " ये कहना की रोहन कन्हाई से बड़ा बल्लेबाज़ मैंने नहीं देखा भी काफी कम है"। 1960 के दशक में रोहन दुनिया के टॉप बल्लेबाज़ों में शुमार थे। जो उनके साथ खेले हैं वो उनकी तुलना रोहन के हमवतन सर गैरी सोबर्स से करते हैं या सोबर्स के बराबर मानते हैं । कन्हाई के करियर की शुरुआत निराशाजनक पारियों से हुई और अपने 13 टेस्ट में रोहन ने पहले भारत के खिलाफ कोलकाता में शतक जमाया फिर उस पारी को आगे बढ़ाते हुए 256 रन की पारी खेली। तब से उनके करियर ने नई ऊंचाईयां छूई। रोहन ने उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और हर टीम के खिलाफ और हर जगह रन बनाए । रोहन के पास वो हर गुण था जो उन्हें महान बल्लेबाज़ बनाता है सिवाए की उनकी औसत 50 के पार नहीं है, जो उन्हें इस लिस्ट से बाहर करता है। कन्हाई 50 की औसत के बेहद करीब अपने 62वें टेस्ट में रहे जब उनकी औसत 49.71 थी। #2 वीवीएस लक्ष्मण Indian player V.V.S. Laxman (R) watches कलाई के जादूगर होने के साथ साथ वीवीएस के पास इनती काबिलियत भी थी जिसने 2001 में भारतीय टीम का भाग्य ही पलट कर रख दिया और लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए ईडन गार्डन्स पर 281 रन बनाए। लक्ष्मण का उतार चढ़ाव से बरा करियर वहां से एक नई दिशा में बढ़ा और वो संन्यास के वक्त तक टीम के पर्मानेंट मेंमबर थे जिसने भारतीय टीम का भाग्य बेहद कलात्मक और पेशेवर रूप से बदला। लेकिन लक्ष्मण अपने जमाने के टॉप बल्लेबाज़ों में नहीं गिने जाते , एक्सपर्ट्स कहते हैं क्योंकि वो अर्धशतकीय पारियों को बड़े शतकों में तबदील नहीं करते थे। लेकिन असलीयत ये भी है कि लक्ष्मण से पहले सहवाग, गंभीर , द्रविड़ और तेंदुलकर जैसे बल्लेबाज़ आते थे, जिससे वीवीएस के पास ज्यादा देर तक खेलने और रन बनाने का मौका भी नहीं होता था। लक्ष्मण ने अपने करियर में 46 की औसत से रन बनाए , जो कि नंबर 5 और 6 पर बल्लेबाज़ी करने वाले बल्लेबाज़ के लिए बेहद सम्माननीय है । वीवीएस ने अपने करियर की बेस्ट औसत 47.79 अपने 116 टेस्ट में हासिल की । हालांकि इतनी ऊंचाई छूने के बाद भी वीवीएस महान बल्लेबाज़ों की लिस्ट में शुमार नहीं हो सके। #3 गैरी किर्स्टन gary-kirsten-test-1476727529-800 शायद गैरी ने 1992/2000 में इंग्लैंड के खिलाफ डर्बन टेस्ट में सबसे ज्यादा चुभने वाली पारी खेली थी जब साउथ अफ्रीका तीसरी पारी में 210 रन पीछे थी। साउथ अफ्रीकी टीम को उस वक्त किसी से बचाव करने वाली पारी की दरकार थी और वो गैरी से बेहतर कौन हो सकता था। अपने धैर्य और एकाग्रता का परिचय देते हुए गैरी ने 878 मिनट बल्लेबाज़ी की और 275 रन बनाए। जो कि टेस्ट क्रिकेट दूसरी सबसे लंबी पारी है ( समय के आधार से)। गैरी का करियर परेशानियों से शुरु हुआ , लेकिन वो आगे जागे साउथ अफ्रीका के लिए 100 से ज्यादा टेस्ट खेले। साउथ अफ्रीका का ये पूर्व ओपनर कभी भी खेलता हुआ बांय हाथ के बल्लेबाज़ की तरह सुंदर तो नहीं लगा ( अलग तकनीक के चलते ) लेकिन उनके संकल्प के चलते वो अपने करियर को नई ऊंचाई पर ले जाने में सफल रह । असल में गैरी करियर की बेस्ट औसत पर अपने करियर के अंत में पहुंचे जो दिखाता है कि जब गैरी ने संन्यास लेने का फैसला किया तब भी वो बेहतर हो रहे थे। #4 जस्टिन लैंगर  जब लैंगर ने साल 2000 में हैमिल्टन में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ चौथी पारी में शतक जड़ा तो स्टीव वॉ ने लैंगर की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि वो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं। अपनी गजब की बल्लेबाज़ी के झलकियां कई बार पेश करने के बावजूद ,लैंगर हमेशा अपने से ज्यादा टैलेंटेड साथियों की परछाई में ही रहे। लैंगर की भी शुरुआत काफी मुश्किल रही – और 1993 में एडिलेड में अपना पहला टेस्ट खेल रहे लैंगर को इयान बिशोप की गेंद बाउंसर सिर पर लगी , लेकिन लैंगर ने हार नहीं मानी और लड़ते हुए बेहद महत्वपूर्व अर्धशतकीय पारी खेली। ऐसा लगता था की एक बुरी सीरीज़ लैंगर को टीम से बाहर का रास्ता दिखा देगी लेकिन अपनी निरंतरता के बल पर वो 13 साल तक ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य रहे। लैंगर अपने करियर की उच्चतम औसत 46.65 पर अपने 83वें टेस्ट में पहुंचे (बनाम पाकिस्तान,पर्थ,दिसंबर 2004)। लैंगर ने उस मैच में 191 रन बनाए और साल 2004 का अंत का 1481 रन के साथ किया जो कि ऑलटाइम लिस्ट में एक साल में सबसे ज्यादा रन बनाने की लिस्ट में पांचवे नंबर पर था ( उस वक्त)। लैंगर की औसत 50 कभी भी नहीं हुई लेकिन इससे उनके कद पर रत्ती भर भी असर नहीं पड़ता। #5 मार्टिन क्रो Martin Crowe 1980 के दशक में मार्टिन क्रो न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ी की आधारशिला हुआ करते थे। संन्यास के वक्त न्यूज़ीलैंड के लिए टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन और शतक बनाने के साथ साथ एक पारी में सर्वाधिक स्कोर बनाने का रिकॉर्ड क्रो के ही नाम था (299 vs श्रीलंका , वेलिंगटन, 1991)। उस वक्त जब वसीम अकरम और वकार योनिस अपनी स्विंग से उस दौरे के सभी बल्लेबाज़ों को हैरान कर रहे थे , तब शायद क्रो ही इकलौते ऐसे बल्लेबाज़ थे जो रिवर्स स्विंग को आसानी से साथ खेलने में सक्षम थे। क्रो ने अपने समय की दिग्गज टीमों के खिलाफ भी कई बड़े शतक जड़े हैं जैसे कि ऑस्ट्रेलिया , वेस्टइंडीज़ और पाकिस्तान। शायद यही कारण है कि वसीम की राय में आज भी मार्टिन क्रो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक हैं जिनको वसीम ने गेंदबाज़ी की। न्यूज़ीलैंड का ये बल्लेबाज़ कभी 50 की औसत तक तो नहीं पहुंचा लेकिन इनकी 48.41 की बेस्ट औसत 61वें टेस्ट में आई। बहरहाल , जो भी हो क्रो एक ऐसे मापदंड बन गए जिससे न्यूज़ीलैंड को पहले और आज भी नापा जाता है। अपने शरीर में कैंसर पाय जाने से कुछ महीने पहले डोमेस्टिक क्रिकेट में क्रो ने वापसी की और 20000 फर्स्ट क्लास रन पूरे किए। उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी लेकिन उनकी आत्मा हमेशा जीती रहेगी।