जब लैंगर ने साल 2000 में हैमिल्टन में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ चौथी पारी में शतक जड़ा तो स्टीव वॉ ने लैंगर की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि वो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं। अपनी गजब की बल्लेबाज़ी के झलकियां कई बार पेश करने के बावजूद ,लैंगर हमेशा अपने से ज्यादा टैलेंटेड साथियों की परछाई में ही रहे। लैंगर की भी शुरुआत काफी मुश्किल रही – और 1993 में एडिलेड में अपना पहला टेस्ट खेल रहे लैंगर को इयान बिशोप की गेंद बाउंसर सिर पर लगी , लेकिन लैंगर ने हार नहीं मानी और लड़ते हुए बेहद महत्वपूर्व अर्धशतकीय पारी खेली। ऐसा लगता था की एक बुरी सीरीज़ लैंगर को टीम से बाहर का रास्ता दिखा देगी लेकिन अपनी निरंतरता के बल पर वो 13 साल तक ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य रहे। लैंगर अपने करियर की उच्चतम औसत 46.65 पर अपने 83वें टेस्ट में पहुंचे (बनाम पाकिस्तान,पर्थ,दिसंबर 2004)। लैंगर ने उस मैच में 191 रन बनाए और साल 2004 का अंत का 1481 रन के साथ किया जो कि ऑलटाइम लिस्ट में एक साल में सबसे ज्यादा रन बनाने की लिस्ट में पांचवे नंबर पर था ( उस वक्त)। लैंगर की औसत 50 कभी भी नहीं हुई लेकिन इससे उनके कद पर रत्ती भर भी असर नहीं पड़ता।