1980 के दशक में मार्टिन क्रो न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ी की आधारशिला हुआ करते थे। संन्यास के वक्त न्यूज़ीलैंड के लिए टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन और शतक बनाने के साथ साथ एक पारी में सर्वाधिक स्कोर बनाने का रिकॉर्ड क्रो के ही नाम था (299 vs श्रीलंका , वेलिंगटन, 1991)। उस वक्त जब वसीम अकरम और वकार योनिस अपनी स्विंग से उस दौरे के सभी बल्लेबाज़ों को हैरान कर रहे थे , तब शायद क्रो ही इकलौते ऐसे बल्लेबाज़ थे जो रिवर्स स्विंग को आसानी से साथ खेलने में सक्षम थे। क्रो ने अपने समय की दिग्गज टीमों के खिलाफ भी कई बड़े शतक जड़े हैं जैसे कि ऑस्ट्रेलिया , वेस्टइंडीज़ और पाकिस्तान। शायद यही कारण है कि वसीम की राय में आज भी मार्टिन क्रो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक हैं जिनको वसीम ने गेंदबाज़ी की। न्यूज़ीलैंड का ये बल्लेबाज़ कभी 50 की औसत तक तो नहीं पहुंचा लेकिन इनकी 48.41 की बेस्ट औसत 61वें टेस्ट में आई। बहरहाल , जो भी हो क्रो एक ऐसे मापदंड बन गए जिससे न्यूज़ीलैंड को पहले और आज भी नापा जाता है। अपने शरीर में कैंसर पाय जाने से कुछ महीने पहले डोमेस्टिक क्रिकेट में क्रो ने वापसी की और 20000 फर्स्ट क्लास रन पूरे किए। उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी लेकिन उनकी आत्मा हमेशा जीती रहेगी।