वनडे क्रिकेट इतिहास में कीर्तिमान स्थापित करने से पहले ही इन 5 दिग्गज गेंदबाज़ों ने लिया संन्यास

क्रिकेट के खेल में गेंदबाजों की भूमिका काफी अहम होती है। यह गेंदबाज ही होता है जो अपनी गेंदबाजी के दम पर बल्लेबाज के मन में खौफ पैदा कर सकता है। क्रिकेट इतिहास में कई शानदार गेंदबाज पैदा हुए हैं जिन्होंने अपनी गेंदबाजी के दम पर विश्व क्रिकेट में अपनी छवि कायम की है। अपनी गेंदबाजी के जरिए भी कई गेंदबाजों ने बेहतरीन रिकॉर्ड कायम किए हैं। लेकिन कुछ गेंदबाज ऐसे भी हुए हैं जो गेंदबाजी में नया कीर्तिमान बना सकते थे लेकिन उससे पहले ही उन्होंने संन्यास ले लिया। आइए यहां जानते हैं कुछ ऐसे ही गेंदबाजों के बारे में जिन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में एक शानदार रिकॉर्ड को अपने नाम करने से पहले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया।

#5 डेनियल विटोरी

श्रीलंकाई खिलाड़ी सनथ जयसूर्या अपनी आतिशी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं लेकिन गेंदबाजी में भी जयसूर्या का जवाब नहीं था। सनथ जयसूर्या के नाम एकदिवसीय क्रिकेट में बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज के तौर पर सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। 445 मैचों में उन्होंने 323 विकेट हासिल किए थे। वहीं न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान डेनियल विटोरी इस रिकॉर्ड के करीब जरूर पहुंचे थे। डेनियल विटोरी 300 विकेट से ज्यादा हासिल कर चुके थे लेकिन विटोरी ने साल 2015 के आईसीसी विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करने के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने 295 एकदिवसीय मैचों में 4.12 की इकॉनमी रेट और 31.71 की औसत से 305 विकेट हासिल किए थे और सनथ के रिकॉर्ड को तोड़ने से 19 विकेट पीछे रह गए।

#4 शाहिद आफ़रीदी

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद आफरीदी एक ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं जो गेंद और बल्ले दोनों से ही शानदार खेल दिखाने में माहिर हैं। ऐसे कई मौके देखने को मिले हैं जब शाहिद ने किसी मैच में पाकिस्तान को सिर्फ अपने बूते ही जीत नसीब करवा दी हो। वहीं एकदिवसीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले पांचवे गेंदबाज के तौर पर जाने जाते हैं। शाहिद आफरीदी ने अपने करियर का अंत साल 2015 के विश्व कप में पाकिस्तान के अभियान के खत्म होने पर किया। उन्होंने अपने करियर में 398 मैच खेले हैं और 34.51 की औसत से 395 विकेट हासिल किए हैं। इसके साथ ही वो एक शानदार बल्लेबाज भी थे और 8064 रन अपने करियर में स्कोर किए थे। हालांकि संन्यास लेने से पहले वो एक रिकॉर्ड के काफी करीब पहुंच चुके थे। दरअसल, शाहिद आफरीदी ऐसे पहले ऑलराउंडर बन सकते थे जिनके नाम 50 ओवर फॉर्मेट के क्रिकेट खेल में 8000 रन और 400 विकेट दर्ज हों। लेकिन शाहिद आफरीदी इस रिकॉर्ड को अपने नाम नहीं कर पाए और सिर्फ पांच विकेट के फासले से इस रिकॉर्ड को बनाने से चूक गए।

#3 ब्रेट ली

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में ब्रेट ली अपनी शानदार और तेज रफ्तार गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। अपनी तेज गेंदों से ब्रेट ली अच्छे से अच्छे बल्लेबाज को भी हैरत में डाल चुके हैं। साल 2000 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने एकदिवसीय क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले ब्रेट ली ने 12 सालों तक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में अपनी भूमिका अदा की। वहीं ब्रेट ली के नाम कई मैचों में शानदार स्पैल डालने का कारनामा भी दर्ज है। गेंदबाजी में रफ्तार के मामले में ब्रेट ली 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार भी पकड़ चुके हैं। ब्रेट ली ने अपने एकदिवसीय क्रिकेट में 221 मुकाबले खेलते हुए 23.36 की औसत से 380 विकेट हासिल किए हैं। हालांकि अगर ब्रेट ली कुछ विकेट और हासिल कर लेते तो एकदिवसीय क्रिकेट में ग्लेन मैक्ग्रा को पछाड़कर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लीडिंग विकेट टेकर के तौर पर अपना नाम दर्ज करवा लेते, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो सका और ब्रेट ली ने संन्यास ले लिया।

#2 शॉन पोलॉक

421 टेस्ट विकेट और 393 एकदिवसीय विकटों के साथ शॉन पोलॉक दक्षिण अफ्रीका के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के तौर पर जाने जाते हैं। शॉन पोलॉक अपने समय के बेहतरीन गेंदबाजों में से एक थे। शॉन पोलॉक ने अपना आखिरी एकदिवसीय मुकाबला साल 2008 में खेला था और इसके बाद उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। हालांकि शॉन पोलॉक भी एकदिवसीय क्रिकेट में एक रिकॉर्ड अपने नाम करने से चूक गए। दरअसल, शॉन पोलॉक एकदिवसीय क्रिकेट में 400 विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम कर सकते थे और इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका के ऐसे पहले गेंदबाज बन सकते थे जिनके नाम एकदिवसीय क्रिकेट में 400 विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज हो लेकिन इससे सात विकेट पहले ही शॉन पोलॉक ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया और एक बेहतरीन कीर्तिमान स्थापित करने से चूक गए।

#1 शेन वॉर्न

1993 में एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद से ही ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया था। शेन वॉर्न को आज क्रिकेट की दुनिया में महान गेंदबाज के तौर पर जाना जाता है। टेस्ट क्रिकेट से लेकर एकदिवसीय क्रिकेट तक शेन वॉर्न ने अपनी गेंदबाजी का लोह मनवाया है और अपनी स्पिन गेंदबाजी से बेहतरीन बल्लेबाजों को भी चकमा दिया है। उन्होंने अपने एकदिवसीय क्रिकेट में 194 मुकाबले खेलते हुए 293 विकेट हासिल किए। हालांकि शेन वॉर्न एक रिकॉर्ड की तरफ कदम बढ़ा ही रहे थे कि उससे पहले ही उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। दरअसल, शेन वॉर्न ऐसे पहले ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज होते जो 300 विकेट के आंकड़े को छू लेते लेकिन शेन वॉर्न 7 विकेट से चूक गए। लेखक: राम कुमार अनुवादक: हिमांशु कोठारी

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