चैंपियंस ट्रॉफी शुरु होने में महज कुछ ही दिन बचे हैं। दुनिया की 8 चैंपियन टीमें इस ट्रॉफी पर कब्जा जमाने के लिए तैयारियों में जुटी हुई हैं। कई दिग्गज प्लेयर चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी-अपनी टीमों की तरफ से जोर लगाते नजर आएंगे। इनमें से कई खिलाड़ी वर्ल्ड क्रिकेट में काफी नाम कमा चुके हैं। हर क्रिकेटर का एक सपना होता है कि अपने क्रिकेट करियर में वो एक बार वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा जरुर रहे। कई सारे खिलाड़ियों को ये सौभाग्य मिलता है तो कई महान खिलाड़ियों के जीवन में ये मौका नहीं आ पाता है। हालांकि चैंपियंस ट्रॉफी को मिनी वर्ल्ड कप माना जाता है। जिसमें दुनिया की 8 बेस्ट टीमें आपस में टकराती हैं। चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर भी लगभग वर्ल्ड कप जैसी फीलिंग आती है। आइए आपको बताते हैं उन 5 महान क्रिकेटरों के बारे में जिनके करियर में उनकी टीम भले ही वर्ल्ड कप नहीं जीत पाई हो लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जरुर जीता। 5. स्टीफन फ्लेमिंग विस्फोटक बल्लेबाज स्टीफन फ्लेमिंग को न्यूजीलैंड के सबसे बेहतरीन कप्तानों से एक थे। उनकी कप्तानी में न्यूजीलैंड की टीम के खेल में काफी निखार आया और टीम ने दुनिया की दिग्गज टीमों को टक्कर दी। फ्लेमिंग की अगुवाई में कीवी टीम ऑलराउंडरों से सुसज्जित टीम थी। टीम के बल्लेबाज और गेंदबाज भी काफी अच्छे थे। अक्टूबर 2000 में फ्लेमिंग की अगुवाई में न्यूजीलैंड की टीम ने अपना पहला आईसीसी खिताब जीता। केन्या में खेले गए आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी में भारत को हराकर न्यूजीलैंड ने खिताब अपने नाम किया। हालांकि फ्लेमिंग की अगुवाई में एक मजबूत टीम होने के बावजूद कीवी टीम कफी वर्ल्ड कप का खिताब नहीं जीत पाई। 3 मर्तबा वो इसके करीब जरुर पहुंचे लेकिन टाइटल नहीं हासिल कर सके। 1999 और 2007 के वर्ल्ड कप में फ्लेमिंग की कप्तानी में न्यूजीलैंड की टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। 4. क्रिस गेल 2004 में इंग्लैंड में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी में वेस्टइंडीज की टीम ने इंग्लैंड को हराकर खिताब पर कब्जा किया था। विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल भी वेस्टइंडीज टीम की उस विनिंग टीम का हिस्सा थे। हालांकि क्रिस गेल के 19 साल के करियर में कैरेबियाई टीम कभी वर्ल्ड कप नहीं जीत पाई। टीम को 4 मौके मिले लेकिन वो इसे भुना नहीं सके। 3. राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के बारे में कहा जाता है कि उनके करियर के दौरान भारतीय टीम ने कोई अहम कंपटीशन नहीं जीता। लेकिन शायद बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि 2002 के चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम संयुक्त रुप से विजेता रही थी। उस मैच में बारिश की वजह से दोनों दिन खेल बाधित हुआ था। एक मैच वाले दिन और रिजर्व डे भी बारिश की भेंट चढ़ गया था। अपने 16 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में राहुल द्रविड़ 3 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में खेले। इस दौरान टीम का सबसे बढ़िया प्रदर्शन 2003 के वर्ल्ड कप में रहा, जब भारतीय टीम टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंची थी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के हाथों उसे फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। 2. ब्रायन लारा वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन चार्ल्स लारा के 16 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर के दौरान कई ऐतिहासिक लम्हे आए। लेकिन शायद उनकी जिंदगी का सबसे यादगार लम्हा वो रहा होगा जब उन्होंने अपनी कप्तानी में 2004 में वेस्टइंडीज को चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया था। रोमांचक फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को हराकर वेस्टइंडीज की टीम ने खिताब पर कब्जा किया था। हालांकि लारा की कप्तानी एक मजबूत और युवा टीम होने के बावजूद टीम कभी वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी। लारा ने अपने करियर के दौरान कुल 4 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया। इनमें से खिताब के सबसे नजदीक वो 1996 के वर्ल्ड कप में पहुंचे थे। लेकिन मोहाली में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम ऑस्ट्रेलियाई टीम से मुकाबला करते हुए दबाव में बिखर गई और मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा। 1.जैक कैलिस अपने 18 साल के करियर में जैक कैलिस ने 4 वर्ल्ड कप खेले। लेकिन साउथ अफ्रीका की टीम कभी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी। हालांकि जैक कैलिस प्रोटियाज की उस विनिंग टीम का हिस्सा जरुर थे जिसने 1998 का विल्स इंटरनेशनल कप या चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। चैंपियंस ट्रॉफी को उस वक्त विल्स इंटरनेशनल कप के नाम से जाना जाता था। फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका की टीम ने वेस्टइंडीज को मात देकर खिताब पर कब्जा जमाया था। लेखक- शंकर नारायण अनुवादक- सावन गुप्ता