वास्तव में सचिन तेंदुलकर इतिहास के सबसे बड़े बल्लेबाज है। बल्लेबाजी के दौरान उनके नाम पर कई रिकॉर्ड हैं, जिसमें वनडे और टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड भी शामिल है। हालांकि लगभग 24 साल के उनके करियर में सिर्फ एक चीज उनके लिए जो नकारात्मक थी वो थी उनकी कप्तानी के तहत भारतीय टीम का प्रदर्शन। सचिन तेंदुलकर दो बार टीम के कप्तान । उनका पहला कार्यकाल 1996 में था, तब टीम को सफलता नहीं मिली और उन पर काफी सवाल खड़े किए गए। इसके बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी। इसके बाद जब मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कप्तानी छोड़ी तब फिर उन्हे कप्तान बनाया गया लेकिन इस बार भी वो सफल नहीं हो पाए और सचिन को कप्तानी छोड़नी पड़ी। हालांकि उनकी बल्लेबाजी में कोई कमी नहीं थी, लेकिन मास्टर ब्लास्टर अपनी टीम को जीत के लिए प्रेरित करने के लिए काफी कुछ नहीं कर सके। जब 2007 में राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम की कप्तानी छोड़ी तब भी सचिन को कप्तान बनने का ऑफर दिया गया लेकिन उन्होंने इसे विनम्रता से खारिज कर दिया। ,इसके बदले, उन्होंने एमएस धोनी का नाम आगे किया। सचिन ने 25 टेस्ट में भारत का नेतृत्व किया, जिसमें से टीम केवल 4 मैचों में जीती। टेस्ट में, टीम का नेतृत्व करते हुए, मास्टर-ब्लास्टर ने 2054 रन बनाए जिसमें 7 शतक शामिल थे। ये रन 51.35 के एक प्रभावशाली औसत से बनाए गए थे। उनके शेष 13,867 रन तब बने, जब वह टीम के कप्तान नहीं थे।