# इरापल्ली प्रसन्ना
प्रसन्ना ने फ्लाइट, लूप और ड्रीफ्ट की मदद से हमेशा यह साबित किया कि एक स्पिनर को कैसे गेंद करना चाहिए। उन्हें हमेशा ही गेंदबाजी करते देखने में काफी मज़ा आता था, खासकर जिस तरह वो बल्लेबाजों को चकमा देते थे।
उनके नाम 49 टेस्ट में 189 विकेट थे, जो उनकी काबिलियत दिखाता है। लेकिन वो ड्रेसिंग रूम में होने वाली राजनीति के कारण कभी भी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए। यही उनकी असल ताकत का पता चला और वो बल्लेबाजों के दिमाग को अच्छे से पढ़ सकते थे।
एक स्पिनर के तौर पर आपको हमेशा ही प्रो एक्टिव होना पड़ता है, जोकि आपको एक अच्छा कप्तान भी बनाता है। लेकिन प्रसन्ना को हमेशा ही श्रीनिवास वेंकटराघवन के बाद ही मौका दिया जाता था, दोनों कप्तान और एक गेंदबाज के तौर पर।
Edited by Staff Editor