भारत को क्रिकेट की दुनिया में स्पिन आधारित देश माना है, जहां तेज गेंदबाजों से ज्यादा स्पिनरों का बोलबाला रहा है और इस देश ने खेल को कई महान स्पिनर प्रदान किये हैं। साठ के दशक से ही भारत ने लगातार सर्वोच्च गुणवत्ता वाले स्पिनरों का निर्माण किया है जो देश में सभी घरेलू सर्किट में अपनी बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत राष्ट्रीय टीम में जगह बना पाये हैं।
देश का प्रतिनिधित्व करना प्रत्येक क्रिकेटर का सपना होता है लेकिन चुनौतियों को पार करके उस स्तर तक केवल कुछ ही खिलाड़ी पहुंच पाते हैं।
हालांकि पीढ़ियों से कुछ दिग्गज स्पिनरों ने अच्छे प्रदर्शन के माध्यम से रणजी ट्राफी में जगह बनायी और फिर भी उन्हें राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर नहीं मिला।
आईये ऐसे स्पिनरों पर नजर डालते हैं जिन्हें घरेलू श्रेणी में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद टीम में जगह बनाने का मौका नहीं मिला-
#1 राजिन्दर गोयल
हरियाणा के नरवाना में जन्में राजिन्दर गोयल अपने 20 साल के करियर के दौरान हरियाणा और दिल्ली की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेले। बाएं हाथ के स्पिनर गोयल ने रणजी ट्रॉफी में 637 विकेट लेकर एक विशाल रिकॉर्ड बनाया, यह एक रिकॉर्ड आज भी कायम है।
भारतीय क्रिकेट में गोयल का उदय बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना, श्रीनिवास वेंकटराघवनंद, भगवत चंद्रशेखर की महानतम स्पिन चौकड़ी के साथ हुआ।
53 बार एक मैच में पांच विकेट और 17 बार एक मैच में दस विकेट का जादुई आंकड़ा छूने वाले गोयल को इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद एक बार फिर राष्ट्रीय टीम की कैप पहनने का मौका हासिल नहीं हुआ। गोयल को हाल ही में बीसीसीआई ने सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के प्राप्तकर्ता के रूप में नामित किया है, महान स्पिनर करियर को सम्मानित करने के लिए।
गोयल एक भारतीय क्रिकेट के अनगिनत नायकों में से एक है और उन्हें इतिहास में सबसे बड़े घरेलू खिलाड़ियों में से एक के रूप में जाना जाएगा। साथ ही ऐसे महान खिलाड़ी के रूप में भी जो कभी अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर सका।