वह बहुत ज्यादा सोचते नही हैं, वह सिर्फ सरलता से मैदान पर अपना काम करते है और शांत दिमाग से अपने आप पर काबू रखते हुए एक आक्रामक और बेहद खतरनाक खिलाड़ी बनकर उभरते है। वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली गेंदबाजी आक्रमणों तक को अपने बल्लेबाज़ी कौशल से टुकड़े टुकड़े कर देते हैं। एबी डीविलियर्स के हाथ मे जब बल्ला हो तो वह एक योद्धा में बदल जाते हैं। जब दक्षिण अफ्रीका का यह बल्लेबाज पूरे लय में होता है तो किसी भी गेंदबाज के पास कोई मौका नहीं होता है। हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि 33 वर्षीय यह खिलाड़ी सीमित ओवरों के क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं, पर कई लोग मानते हैं कि डीविलियर्स को खेल के सबसे लंबे प्रारूप में अपनी योग्यता साबित करने की आवश्यकता है। टेस्ट क्रिकेट में धैर्य और धीरज का एक खिलाड़ी के पास होना बेहद जरुरी है। डीविलियर्स के धीरज और ताकत की कई बार परीक्षा ली गयी, लेकिन वह कभी भी फेल नहीं हुए, उन्होंने अपने आलोचकों को गलत साबित करते हुए कठिन बल्लेबाजी परिस्थितियों में कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट पारी खेली। यहाँ हम उनकी ऐसी ही पांच शानदार परियों पर नजर डाल रहे हैं जो साबित करती हैं कि अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स पांच दिवसीय प्रारूप में एक कम आंके जाने वाले बल्लेबाज है और एक टेस्ट बल्लेबाज के रूप में जितना आदर उन्हें मिलता है उससे अधिक आदर के योग्य हैं।
दिसंबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को वाका में तीन मैचों की श्रृंखला का पहला टेस्ट जीतने के लिए 414 रन का लक्ष्य दिया। कप्तान ग्रीम स्मिथ ने आउट होने से पहले 108 रनों की पारी खेली और लक्ष्य का पीछा करने के लिए एक ठोस नींव रखी। हाशिम अमला (53) के आउट होने के बाद 179 रन पर तीन विकेट के स्कोर पर डीविलियर्स मैदान पर उतरे। डीविलियर्स जो कि वहां लगातार खड़े रहे थे, दो 100 से ज्यादा रन वाली साझेदारी में शामिल थे, पहले जैक्स कैलिस (57) के साथ 124 रनों और फिर जेपी डुमिनी (50 *) के साथ 111 रन की साझेदारी में शामिल रहे और मेजबान टीम के खिलाफ 6 विकेट से जीत हासिल करने में सफल रहे। यह टेस्ट इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य का पीछा करते मिली जीत थी। डीविलियर्स के शानदार नाबाद 106 रनों के बूते दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने में सफल रहा।
# 4 83 बनाम न्यूज़ीलैंड, हैमिल्टन (2012)
83 का स्कोर भले ही उतना बड़ा न नज़र आये, मगर इस स्कोर के पीछे का संघर्ष इन आकड़ों में दिखाई नही देता, लेकिन इस पारी के दौरान एबी डीविलियर्स ने खुद को एक छोर पर बनाये रखा, वो भी तब जब मार्क गिलेस्पी ने दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाज़ी क्रम को 59 पर 5 विकेट ले हिला दिया था। इसमें कोई दो राय नही कि दक्षिण अफ्रीका के 2012 के न्यूज़ीलैंड दौरे का दूसरा टेस्ट एक कम स्कोरिंग मैच था। डीविलियर्स ने दक्षिण अफ्रीका के लड़खड़ाते बल्लेबाज़ी क्रम को सम्भालते हुए हैमिल्टन में पहली पारी में देर तक क्रीज पर टिके रहे और 88 पर 6 से 253 रन तक मेहमानों को लेकर गये। एक ऐसी पिच पर जहाँ दोनों टीमों में से किसी भी टीम का खिलाड़ी टिक न सका था, डीविलियर्स की पारी एक प्रशंसनीय प्रयास थी। दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी के इस नायक की दूसरी पारी में आवश्यकता नहीं पड़ी थी क्योंकि उन्होंने चौथे पारी में 9 विकेट से मैच जीत लिया था।
# 3 33 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड (2012)
एक ऐसी पारी, जिसमें एबी डीविलियर्स ने 220 गेंदों में 33 रन बनाए थे, उसका यहाँ उल्लेख तो होना ही है। एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे टेस्ट के दौरान उनकी ये पारी उनकी छवि के विपरीत थी, लेकिन जब आप मैच के संदर्भ से इसे देखेंगे, तो यह एक अविश्वसनीय पारी थी। हालाँकि 2012 का यह टेस्ट अपने पहले ही टेस्ट में शतक लगाने वाले फ़ाफ़ डू प्लेसी की पारी के लिये ज्यादा याद किया जाता है,लेकिन यह भी एक सच है कि डीविलियर्स के बिना स्ट्रोक के खेली गयी 33 रन की पारी के बिना यह संभव नही था। जीत के लिए निर्धारित 430 रन का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका पांचवे दिन की शुरुआत पर 77/4 के स्कोर के साथ संघर्ष करता नज़र आ रहा था, लेकिन डीविलियर्स ने 220 गेंदों का सामना कर, डू प्लेसी के साथ एक 89 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की। इसके साथ ही श्रृंखला में जीवित रहने के लिए एक मुश्किल ड्रा सुरक्षित किया।
# 4 278 * बनाम पाकिस्तान, अबू धाबी (2010)
इसमें कोई संदेह नहीं है कि एबी डीविलियर्स का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर एक फ्लैट पिच पर आया, फिर भी, यह एक उत्साही पारी थी जैक्स कैलिस (105) और हाशिम अमला (62) को छोड़कर किसी भी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज ने उस मैच में पचास का स्कोर भी पार नहीं किया। एक लजावाब पारी में डीविलियर्स ने 418 गेंदों पर दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर 278 रन बना डाला। नवंबर 2010 में अबू धाबी में शेख ज़ायेद स्टेडियम में डीविलियर्स ने पाकिस्तान के खिलाफ 23 चौके और 6 छक्के लगाए और 2003 में इंग्लैंड के खिलाफ कप्तान ग्रीम स्मिथ द्वारा बनाये गये 277 रनों के स्कोर को पार किया था। डीविलियर्स के पास अपना पहला तिहरा शतक बनाने के लिए यह एक शानदार अवसर था, लेकिन अपनी टीम के हित में मैच से परिणाम निकालने के लिए, पहली पारी 584/9 के स्कोर पर घोषित कर दी थी। एक पाटा सतह के कारण, मैच आखिरकार ड्रा हो गया था, लेकिन एबी डीविलियर्स की मैराथन पारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत साबित होगी।
# 5 65 और 35 बनाम भारत, केप टाउन (2018)
पिछले साल, जून में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान एबी डीविलियर्स हैमस्ट्रिंग के खिचाव से पीड़ित थे और इससे उबरने के लिए समय की आवश्यकता थी। इसलिए, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने खेल के सबसे लंबे प्रारूप से ब्रेक लिया, लेकिन कई लोगों का मानना था कि उनका टेस्ट करियर खत्म हो गया। 13 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बावजूद जब डीविलियर्स केप टाउन में भारत के खिलाफ चल रही श्रृंखला के पहले टेस्ट में बल्लेबाजी करने उतरे, तो उन्हें बहुत कुछ साबित करना था। लेकिन, इस सुपरमैन ने किसी भी प्रकार की शिकन नहीं दिखायी और भारतीय गेंदबाजों के उपर आते ही प्रहार करते हुए 84 गेंद पर 65 रन बनाये। भुवनेश्वर कुमार के बेहतरीन गेंदबाज़ी स्पेल के चलते मेजबानों की स्थिति गंभीर थी और पहले पांच ओवरों में 12/3 का स्कोर था, लेकिन 34 वर्षीय डीविलियर्स ने भुवनेश्वर पर एक जवाबी हमला शुरू किया, और घरेलू टीम पहली पारी में 286 रन के एक सम्मानजनक स्कोर पर पहुंच गई। दूसरी पारी में भी, डीविलियर्स ने अकेले लड़ाई लड़ी और 50 गेंदों में 35 रन बनाये, इससे की पहले मेहमान टीम 130 रन पर निपटती। अंत में उनकी टीम लक्ष्य का पीछा न कर सकी और मैच 72 रनों से हार गयी, मगर एबी डीविलियर्स एक कम स्कोर वाले मैच में दोनों टीमों के बीच अंतर साबित हुए। इस पारी के साथ ही इस खिलाड़ी ने इस तथ्य को भी सर्वमान्य कर दिया कि वह अभी भी दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजी क्रम का एक प्रमुख केंद्र है और अभी भी उनके बल्ले से कई करिश्माई पारियाँ भविष्य में आने वाली हैं। लेखक: तान्या रूद्र अनुवादक: राहुल पांडे