5 महान खिलाड़ी जो संन्यास के बाद वापस आए

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रिटायरमेंट दुर्भाग्य से ऐसी चीज़ है जिसका सामना हर खिलाड़ी को करना पड़ता है चाहे वो खेल से कितना ही प्यार करें। बहुत क्रिकेटर आगे चलकर कोच बनते हैं या कुछ ऐसा करते हैं जो वे व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कार्यक्रम की वजह से नहीं कर पाये थे। लेकिन इसके बाद कुछ ऐसे हैं जो रिटायर करते हैं लेकिन शानदार तरीके से वापस आते हैं। ऐसा लगता है कि इस भद्रजनों के खेल का आकर्षण ही बहुत ज्यादा है। कुछ के लिए ये बुद्धिमानी भरा फैसला है पर अधिकांश के लिए ये गलत ही होता है। ये रहे रिटायरमेंट के बाद शानदार वापसी करने वाले हमारे पसंदीदा 5 खिलाड़ी:

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#1 शाहिद अफ़रीदी

अफ़रीदी के पास शायद सबसे ज्यादा बार रिटायर होने का रिकॉर्ड है। 2010 में उन्हें पाकिस्तान के टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था लेकिन केवल एक मैच के बाद ही उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया। उनके कारण थे ख़राब फॉर्म और खेल के इस लम्बे संस्करण में खेलने की असमर्थतता। उन्होंने अगली रिटायरमेंट अपने नेतृत्व में 2011 के विश्व कप में पाकिस्तान को सेमी फाइनल में पहुँचाने के बाद ली। ओह, अभी यह ख़त्म नहीं हुआ है। मिस्बाह के कप्तान के रूप में प्रतिस्थापित होने का बाद अफ़रीदी ने कोच वक़ार से मतभेद का हवाला देते हुए फिर से संन्यास की घोषणा करी। वो उसके बाद भी वापस आये। उनके इसी हरकत की वजह से इमरान खान द्वारा आलोचना झेलनी पड़ी। खान ने अफ़रीदी के रिटायरमेंट को एक 'मज़ाक' कहा। सब एक तरफ कर दिया जाए तो अफ़रीदी जबरदस्त खिलाड़ी हैं। उन्हें अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी के अंदाज़ और दायें हाथ के लेग स्पिन के लिए जाना जाता है। उनके पास एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा छक्कों का रिकॉर्ड है और क्रिकेट इतिहास के सबसे लम्बे छक्के का भी रिकॉर्ड इनके नाम है। उन्होंने अब एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और उन्होंने कहा कि अगले वर्ष भारत में होने वाले विश्व कप के बाद वो T-20 से भी संन्यास ले लेंगे।

#2 केविन पीटरसन

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मई 2011 में पीटरसन ने सीमित ओवरों के क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करी। दक्षिण अफ्रीकी में जन्मे इस खिलाड़ी को इंग्लैंड के सबसे सफल रन बनाने वालों में समझा जाता है। उनके पास एकदिवसीय मैचों में 1,000 और 2,000 के आंकड़ों तक,सबसे पहले पहुँचने वाले बल्लेबाज होने का गौरव प्राप्त है। उन्हें द गार्डियन द्वारा "इंग्लैंड के आधुनिक युग का महानतम बल्लेबाज़" कहा गया है। उनकी ECB और कोच पीटर मूर्स के साथ कुछ अनबन थी। उन्होंने अपने रिटायरमेंट के कुछ ही महीनों के बाद यह कहते हुए अपने वापसी की घोषणा करी कि वे क्रिकेट के सभी प्रारूपों में इंग्लैंड की तरफ से खेलने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ECB के साथ उनके सम्बन्ध वास्तव में कभी सही नहीं हुए और उन्हें कह दिया गया कि उनके चयन के लिए विचार नहीं किया जाएगा।

#3 इमरान खान

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इमरान खान को व्यापक रूप से पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान के रूप में स्वीकार किया जाता है। उन्होंने 1987 विश्व कप के बाद संन्यास ले लिया था। पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक उन्हें वापस क्रिकेट खेलते हुए देखना चाहते थे और लोकप्रिय मांग के बाद उन्होंने 1992 में 39 साल की उम्र में वापसी की। इसके बाद उन्होंने टीम का अपनी पहली और एकमात्र विश्व कप जीतने में नेतृत्व किया। उन्हें आईसीसी के हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किया जा चुका है। वह टेस्ट क्रिकेट में 'ऑल राउंडर्स ट्रिपल' प्राप्त करने वाले दुनिया के आठ क्रिकेटरों में से एक है। नेता के रूप में उन्होंने पाकिस्तान में काफी सफलता प्राप्त की है जिसमें ग्लोबल पोस्ट ने साल 2012 में उन्हें दुनिया के शीर्ष 9 नेताओं की सूची में शामिल किया था। उनका नाम बराक ओबामा के ठीक नीचे और हिलेरी क्लिंटन, किम जोंग उन, आंग सां सू की तथा बाकियों के ऊपर था। यह आसानी से क्रिकेट में सबसे सफल वापसी थी।

#4 कार्ल हूपर

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हूपर उन खिलाड़ियों में एक थे जो मैदान पर आने के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के परिदृश्य को बदल देते थे। ब्रायन लारा के पक्ष से शानदार डेब्यू करने के बाद हूपर ने वेस्टइंडीज टीम को काफी मजबूत बना दिया। वे अनिश्चित थे लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उनके पास महान प्रतिभा थी। हूपर दुनिया के पहले क्रिकेटर थे जिन्होंने टेस्ट और एकदिवसीय दोनों में 5000 रन बनाए और साथ ही 100 विकेट, 100 कैच और 100 मैचों का रिकॉर्ड बनाया। इन सभी वर्षों में जैक्स कैलिस के अलावा कोई भी इस उपलब्धि के पास नहीं पहुँच पाया है। इसी वजह से सभी अचंभित थें जब विश्व कप से 3 सप्ताह पहले उन्होंने टीम को छोड़ते हुए संन्यास की घोषणा कर दी। इसके बारे में कई कहानियाँ हैं कि उन्होंने अचानक संन्यास क्यों लिया, लेकिन उन्होंने चयनकर्ताओं को बीच मझदार में ही छोड़ दिया। वह रिटायरमेंट के बाद 2001 में वापस आए जब वेस्ट इंडीज की टीम बहुत ख़राब खेल रही थी। उन्होंने 2003 विश्व कप में वेस्ट इंडीज की टीम का नेतृत्व भी किया। वेस्ट इंडीज अच्छा नहीं खेली और हूपर को बाहर दिया गया।

#5 जावेद मियांदाद

[caption id="attachment_14169" align="aligncenter" width="640"]जावेद मियांदाद कहते हैं कि पाकिस्तान को टी20 वर्ल्ड कप का बहिष्कार कर देना चाहिए जावेद मियांदाद कहते हैं कि पाकिस्तान को टी20 वर्ल्ड कप का बहिष्कार कर देना चाहिए[/caption] मियांदाद को ESPNcricinfo द्वारा "पाकिस्तान का सबसे महानतम् बल्लेबाज़" कहा गया है। उन्होंने कई मौकों पर पाकिस्तान के लिए कप्तानी करी। उनके पास 6 विश्व कप खेलने वाले पहला खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड है (अन्य केवल सचिन तेंदुलकर हैं)। उन्हें पाकिस्तान को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने वाले दिग्गज के रूप में याद किया जाता है। मियांदाद के सबसे यादगार क्षणों में एक था 1986 का भारत के खिलाफ मैच जिसमें पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर 4 रन बनाने थे। मियांदाद के छक्के की बदौलत पाकिस्तान ने शानदार अंदाज़ में जीत हासिल करी। यह शायद वो खिलाड़ी हैं जिसने सन्यास के सबसे काम अंतराल के बाद वापसी कर ली। पाकिस्तान की तात्कालीन प्रधान मंत्री बेनज़ीर भुट्टो से संवाद के बाद सन्यास लेने के महज़ दस दिनों के बाद ही इन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर ली। लेखक: सुरभि ग्रोवर, अनुवादक- अविनाश कुमार सिन्हा

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