पिछले कुछ वर्षों में, भारत एक उत्कृष्ट वनडे टीम के रूप में उभरा है। पहले कप्तान धोनी और फिर विराट कोहली के नेतृत्व में भारत के वनडे में जीत प्रतिशत पहले से बेहतर हुआ है। इन दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर भारतीय टीम को वनडे रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंचाया है। भले ही लगभग 950 के करीब वनडे मैचों के भारत के क्रिकेट इतिहास में भारतीय टीम ने कई सफलताएं और असफलताएं देखी हैं लेकिन इस लेख में हम भारतीय टीम के पिछले 15 वर्षों के 5 सर्वश्रेष्ठ रन चेज़ के बारे में जानेंगे: भारत बनाम श्रीलंका - होबार्ट, कॉमनवेल्थ बैंक त्रिकोणीय श्रृंखला 2012, 11वां मैच
इस मैच में भारत को जीतने के लिए 321 रन बनाए गए थे, जो उस समय एक बहुत बड़ा लक्ष्य था। इसके अलावा त्रिकोणीय सीरीज़ को ध्यान में रखते हुए भारत को केवल 40 ओवरों में इस लक्ष्य का पीछा करना था, जिसका मतलब 8 से अधिक की रन रेट। यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन भारत ने यह मैच सिर्फ 36.4 ओवरों में ही जीत लिया। यह वही मैच था जिससे कोहली का टीम इंडिया में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ बनने का सिलसिला शुरू हुआ था। श्रीलंका के खिलाफ इस रोमांचक मैच में 23 वर्षीय कोहली ने सिर्फ 86 गेंदों पर 133 रन बनाकर भारत की सबसे धमाकेदार जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया। होबार्ट में बेलरिव ओवल के मैदान में खेले गए इस मैच में कोहली ने श्रीलंकाई गेंदबाजी को जमकर धोया था। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - एडीलेड, कॉमनवेल्थ बैंक त्रिकोणीय श्रृंखला, 2012 , मैच 4 इसी श्रृंखला में भारत ने एक और सफलतम रन चेज़ किया था। इस मैच का सबसे बड़ा हाई-लाइट वो था जब धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ क्लिंट मैके के खिलाफ आखिरी ओवर में 112 मीटर लंबा गगनचुंबी छक्का लगाया था। 270 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम आखिरी ओवरों में अच्छी स्थिति में थी। क्रीज़ पर रैना और धोनी की जोड़ी मौजूद थी और भारत को जीत के लिए 4 ओवरों में 31 रनों की दरकार थी जिसका मतलब था भारत को अंतिम चार ओवरों में 7.75 की दर से रन बनाने थे। रैना और धोनी के बीच साझेदारी ने भारत को जीत के कगार पर ला खड़ा कर दिया था। लेकिन उसके बाद रैना और फिर जडेजा के जल्दी आउट हो जाने की वजह से सारा दारोमदार कप्तान धोनी पर आ गया। भारत को अंतिम ओवर में जीत के लिए 13 रनों की दरकार थी। मैके द्वारा किये गए अंतिम ओवर की तीसरी गेंद पर धोनी ने छक्का लगाकर और अगली दोनों गेंदों पर 2 और तीन रन लेकर भारत को यह मैच जीता दिया था। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - दूसरा वनडे, जयपुर, ऑस्ट्रेलिया दौरा 2013 2013 में खेली गई सबसे रोमांचक वनडे सीरीज़ में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 7 वनडे मैचों की द्विपक्षीय श्रृंखला खेली थी। भारत ने यह श्रृंखला 3-2 से जीती थी। इस श्रृंखला में रनों की खूब बारिश हुई थी और 350 से ज़्यादा का स्कोर भी सुरक्षित स्कोर नहीं कहा जा सकता था। इस श्रृंखला के दूसरे मैच में जॉर्ज बेली के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को जीतने के लिए 360 रनों का लक्ष्य दिया था, और भारतीय बल्लेबाज़ों ने 8.32 की रन रेट से इस लक्ष्य को 43.3 ओवरों में ही हासिल कर लिया। भारतीय टीम को सलामी बल्लेबाज़ों ने अच्छी शुरुआत दी और शिखर धवन की 95 रनों की धमाकेदार पारी की बदौलत भारत ने बहुत जल्द ही जीत का आधा सफर तय कर लिया था। धवन के आउट होने के बाद बल्लेबाज़ी करने आये विराट कोहली ने रोहित शर्मा के साथ मिलकर रन रेट को कम होने नहीं दिया। कोहली ने 52 गेंदों पर अपने करियर का सबसे तेज़ शतक लगाया था जबकि रोहित शर्मा ने 123 गेंदों में 141 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। भारत बनाम श्रीलंका - पोर्ट ऑफ स्पेन, वेस्टइंडीज, त्रिकोणीय श्रृंखला, 2013, फाइनल एक और त्रिकोणीय श्रृंखला में भारत और श्रीलंका के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। भारत को यह मैच जीतने के लिए केवल 202 रनों की दरकार थी। श्रीलंका के बाद बल्लेबाज़ करने उतरी भारतीय टीम के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ो को सस्ते में ही खो दिया थी। धवन और कोहली जैसे बल्लेबाज़ों के जल्दी आउट हो जाने के बाद भारत का स्कोर 4 विकेट के नुक्सान पर 139 रन हो गया था। इसके बाद बल्लेबाज़ी करने आये धोनी ने रैना के साथ मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन एक समय पर स्कोर 167/8 हो गया था और अब सारा दारोमदार कप्तान धोनी पर आ गया था। धोनी ने कप्तानी पारी खेलते हुए भारत को यह मैच जीता दिया था। आखिरी ओवर में भारत को जीतने के लिए 15 रन चाहिए थे और धोनी ने 2 छक्के और 1 चौका लगाकर भारत को जीत दिला दी। भारत बनाम श्रीलंका - तीसरा वनडे, जयपुर, 2005 श्रीलंका के खिलाफ 2005 में हुए इस मैच में भी कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। उस समय धोनी ने अपने अंतराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी और उनकी शवि एक आक्रमक बल्लेबाज़ की बन गई जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 148 * रन बनाए थे। इसी वजह से उन्हें श्रीलंका के खिलाफ इस मैच में नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत को 299 रनों का लक्ष्य दिया था। सलामी बल्लेबाज़ों के जल्दी आउट हो जाने के बाद, तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए उतरे धोनी ने धमाकेदार नाबाद 183 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली और मैच भारत की झोली में डाल दिया था। इस मैच में उनको छोड़ कर कोई भी बल्लेबाज़ रन नहीं बना पाया। धोनी के अलावा टीम में सबसे अधिक रन वीरेंदर सहवाग (39) ने बनाये थे। आपको बता दें कि धोनी की यह पारी उनके वनडे करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी थी और नाबाद 183 रनों की इस ऐतिहासिक पारी में उन्होंने 15 चौके और 10 शानदार छक्के लगाए थे। कुछ और आंकड़े: विश्व कप फाइनल 2011 भारत बनाम इंग्लैंड - पुणे में पहला वनडे, इंग्लैंड दौरा 2017 भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया - नागपुर में 6वां वनडे, ऑस्ट्रेलिया दौरा 2013 भारत बनाम पाकिस्तान - ढाका, एशिया कप 2012, 5 वां मैच लेखक: रोहित प. अनुवादक: आशीष कुमार