कई खिलाड़ी आए और चले गए, लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे हैं जो फैंस के दिलों में अपना खास मुकाम बनाने में कामयाब रहे। क्रिकेट के बारे में कोई भी चर्चा सचिन तेंदुलकर के बिना पूरी नहीं हो सकती।सचिन तेंदुलकर ने अपने लंबे करियर में असाधारण बल्लेबाज़ी की है। भारत में प्रशंसक न केवल सचिन के मुरीद हैं बल्कि वे उन्हें 'क्रिकेट का भगवान' मानते हैं और वह करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करते हैं, तो आइये, सचिन तेंदुलकर द्वारा खेली गईं पांच सबसे प्रमुख वनडे पारीयों पर :
#5) 140* बनाम केन्या, ब्रिस्टल, 1999
प्रशंसकों की यादों में सचिन की यह पारी आज भी ताज़ा होगी। उन्होंने यह पारी अपने पिता के देहांत के बाद खेली थी। उन्होंने केन्या के खिलाफ 140 रनों की शानदार पारी खेलकर अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। खेल और देश के प्रति उनका समर्पण और जुनून उस मैच में प्रदर्शित हुआ था। केन्या के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरी भारतीय टीम में तेंदुलकर तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। उन्होंने केन्या के गेंदबाजों के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की। सचिन ने 101 गेंदों में 140 रनों की नाबाद पारी खेली। अपना शतक पूरा करने के बाद उन्होंने अपना हेल्मेट हटाया और आकाश की ओर देखकर अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। यह मैच भारत ने 94 रनों से मैच जीता और तेंदुलकर को 'मैच ऑफ़ द मैच' चुना गया।
#4) 98 बनाम पाकिस्तान, सेंचुरियन, 2003
सचिन तेंदुलकर ने 2003 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ 98 रनों की शानदार पारी खेली थी। उस समय पाकिस्तान की टीम में वसीम अकरम, वकार यूनुस, शोएब अख्तर और अब्दुल रज्जाक जैसे बेहतरीन गेंदबाज़ थे, लेकिन तेंदुलकर को रोकना किसी के बस बात नहीं थी। सचिन ने वसीम अकरम की गेंद पर एक्स्ट्रा कवर में चौका लगाकर अपनी पारी की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने शोएब अख्तर को थर्ड मैन की दिशा में शानदार छक्का लगाकर अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए थे। सचिन को शोएब अख्तर ने 98 रनों पर आउट किया।
#3) 175 बनाम ऑस्ट्रेलिया, हैदराबाद, 2009
हारने के बावजूद सचिन की यह शानदार पारी उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी। 2009 में हैदराबाद में खेले गए इस मैच में सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी। 351 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को सचिन ने एक छोर से संभालते हुए जीत की दहलीज़ पर लाकर खड़ा कर दिया था लेकिन उनके अलावा अन्य किसी बल्लेबाज़ ने उनका साथ नहीं दिया। सचिन ने अपनी पारी में 140 गेंदों का सामना करते हुए 19 चौकों और 4 छक्कों की मदद से शानदार 175 रन बनाए। भारत ने यह मैच तीन रनों से गंवा दिया, लेकिन सचिन के शानदार शतक के लिए उन्हें 'मैच ऑफ़ द मैच' चुना गया। हालांकि उन्हें साथी खिलाड़ियों से भी साथ मिला होता तो यह मैच भारत जीत सकता था।
#2) 200* बनाम दक्षिण अफ्रीका, ग्वालियर, 2010
24 फरवरी, 2010 को, ग्वालियर में सचिन तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी पारी में 200 रन बनाकर सईद अनवर का 13 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था। एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में यह किसी खिलाड़ी का पहला दोहरा शतक था। तेंदुलकर ने अपनी ऐतिहासिक पारी में 25 चौके और तीन छक्के लगाए थे और भारत का कुल स्कोर 401 तक पहुंचाने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। पारी के बारे में सबसे विशेष बात यह थी कि खेल के सीमित प्रारूपों में पहले कभी भी किसी ने दोहरा शतक नहीं लगाया था और शायद किसी इसकी उम्मीद भी नहीं थी। यह पारी खेलकर उन्होंने अपने आलोचकों को बता दिया कि उनमें अभी काफी क्रिकेट बची हुई है। भले ही, रोहित शर्मा, वीरेंद्र सहवाग और मार्टिन गुपटिल जैसे खिलाडियों ने भी दोहरे शतक जमाए, लेकिन सचिन तेंदुलकर की ग्वालियर में खेली गई यह पारी आज भी मिसाल है।
#1) 143 बनाम ऑस्ट्रेलिया, शारजाह, 1998
'मास्टर ब्लास्टर' सचिन तेंदुलकर ने 1998 में एक यादगार तूफानी पारी खेली थी जिसे "डेज़र्ट स्टॉर्म" का नाम दिया गया था। उनकी यह पारी बाकि सभी पारियों से अलग थी। 46 ओवरों में मिले 276 रनों के विशाल स्कोर करने उतरे सलामी बल्लेबाज़ सचिन ने शारजाह के फैंस का भरपूर मनोरंजन किया। सचिन ने क्रिकेट फैंस की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों को मैदान के चारों ओर शॉट्स लगाए। उस सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले ही भारत को एक बार हरा चुकी थी। इसी वजह से भारत के लिए यह मैच जीतना बहुत ज़रूरी था। सचिन ने इस मैच में धमाकेदार बल्लेबाज़ी करते हुए ताबड़तोड़ 146 रनों की पारी खेली थी और भारत ने यह मैच आसानी से जीत लिया था। उनकी इस पारी की कमेंटेटर टोनी ग्रेग ने बहुत तारीफ की थी। लेखक: सागनिक मोंगा अनुवादक: आशीष कुमार