इंग्लैंड और भारत के बीच होने वाली सीरीज़ का इंतज़ार हर क्रिकेट प्रेमी को है। चूंकि आईसीसी वर्ल्ड कप अगले साल इंग्लैंड में ही होने वाला है, ऐसे में इस वनडे सीरीज़ को वर्ल्ड कप की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। भारत का इंग्लैंड दौरा 3 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, टीम इंडिया इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 3 टी-20 अंतरराष्ट्रीय, 3 वनडे और 5 टेस्ट मैच खेलेगी। इससे पहले भारत ने 2014 में इंग्लैंड 5 वनडे मैच की सीरीज़ 3-1 से जीती थी, सीरीज़ का 1 मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया था। अगर आंकड़ों की बात करें तो दोनों टीम के बीच अब तक 96 वनडे मैच खेले गए हैं। भारत ने इनमें से 52 मैच जीते हैं जब्कि इंग्लैंड ने 39 मैच में जीत दर्ज की थी। 2 मैच टाई हो गया था और 3 मैच का कोई नतीजा नहीं निकला था। पिछले 2 दशकों में दोनों टीम के बीच बेहतरीन मुक़ाबले देखने को मिले हैं। यहां हम उन 5 वनडे मैच की चर्चा करेंगे जब टीम इंडिया ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ यादगार जीत दर्ज की थी।
#5 राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह ने लॉर्ड्स में जीत दिलाई- 2002 नैटवेस्ट सीरीज़
ये 2002 की नैटवेस्ट सीरीज़ में भारत का पहला मैच था। लॉर्ड्स के मैदान में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया। इंग्लैंड ने 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 271 रन बनाए। मार्कस ट्रेस्कोथिक ने 78 गेंदों में 86 रन की पारी खेली और कप्तान नासिर हुसैन ने 82 गेंदों में 54 रन बनाए। युवराज सिंह ने इस मैच में 3 विकेट लिए। जवाब में भारतीय ओपनर सहवाग और गांगुली ने पहले विकेट के लिए 109 रन जोड़े। इसके बाद इंग्लैंड के गेंदबाज़ एश्ले जाइल्स ने क़हर बरपाना शुरू किया और भारत का स्कोर 27.4 ओवर में 4 विकेट खोकर 141 रन हो गया। इसके बाद युवराज सिंह और राहुल द्रविड़ ने संभल कर खेलना शुरू किया और जब दोनों पिच पर जम गए तो आक्रामक शॉट लगाना शुरू कर दिया। दोनों ने मिलकर 5वें विकेट के लिए 131 रन की साझेदारी की और भारत को हार के मुंह से बाहर निकाल लिया। द्रविड़ ने 86 गेंदों में नाबाद 73 रन की पारी खेली, वहीं युवराज ने 65 गेंदों में नाबाद 64 रन बनाए नतीजा : भारत ने ये मैच 7 गेंद शेष रहते 6 विकेट से जीत लिया युवराज सिंह को उनके हरफ़नमौला खेल के लिए ‘मैन ऑफ़ द मैच’ अवॉर्ड दिया गया।
#4 रॉबिन उथप्पा की शानदार पारी ने टीम इंडिया को ओवल में जीत दिलाई - 2007
साल 2007 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टीम इंडिया 7 मैचों की सीरीज़ का छठा मैच खेल रही थी। भारत सीरीज़ में 2-3 से पिछड़ रहा था और उसे सीरीज़ में बने रहने के ये मैच हर हाल में जीतना था। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया। कप्तान कॉलिंगवुड की टीम ने 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 316 रन बनाए। ओवैस शाह ने 95 गेंदों में नाबाद 107 रन बनाए थे। इसके जवाब में सचिन और गांगुली की जोड़ी ने शानदार शुरुआत की और पहले विकेट के लिए 150 रन जोड़े। इसके बाद गांगुली 53 रन पर आउट हो गए। इसके बाद सचिन भी 94 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन वापस लौट गए। भारत को स्कोर अब 26 ओवर में 156 रन था। भारत का विकेट लगातार गिरता रहा, अब भारत को जीत के लिए 58 गेंदों पर 83 रन की ज़रूरत थी और क्रीज़ पर रॉबिन उथप्पा और धोनी मौजूद थे। दोनों ने मिलकर भारत को जीत की दहलीज़ पर पहुंचा दिया। धोनी 48वें ओवर में आउट हुए। अंत में भारत को 4 बॉल पर 8 रन बनाने थे, फिर उथप्पा ने लगातार 2 चौके जड़े और टीम इंडिया को जीत दिला दी। नतीजा: भारत ने ये मैच 2 गेंद शेष रहते 2 विकेट से जीत लिया रॉबिन ने 44 गेंद में 47 रन बनाए थे, हांलाकि सचिन को 94 रन की पारी खेलने की वजह से ‘मैन ऑफ़ द मैच’ अवॉर्ड दिया गया।
#3 गेंदबाज़ों ने टीम इंडिया को लॉर्ड्स में जीत दिलाई – 2004 नैटवेस्ट चैलेंज
साल 2004 की वनडे सीरीज़ में टीम इंडिया पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 10 विकेट खोकर 204 रन ही बना। ये इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 3 मैचों की वनडे सीरीज़ का आख़िरी मैच था और भारत पहला 2 मैच हार चुका था। कप्तान सौरव गांगुली 119 गेंदों में 90 रन बनाए थे। इंग्लैंड के गेंदबाज़ स्टीव हारमिसन ने 22 रन देकर 4 विकेट हासिल किए थे। लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड टीम ने दूसरे ओवर में ट्रेस्कोथिक का विकेट गंवाया। टीम इंडिया के गेंदबाज़ आशीष नेहरा, हरभजन सिंह और इरफ़ान पठान ने क़हर बरपाना शुरू किया। मैच का टर्निंग प्वाइंट तब आया जब विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भज्जी की गेंद पर माइकल वॉन को 74 रन पर स्टंप आउट कर दिया। इंग्लैंड की टीम 49वें ओवर में 181 रन पर ऑल आउट हो गई थी। नतीजा : टीम इंडिया ने ये मैच 23 रन से जीता कप्तान गांगुली को 90 रन बनाने की वजह से ‘मैन ऑफ़ द मैच’ अवॉर्ड दिया गया।
#2 चैंपियंस ट्रॉफ़ी फ़ाइनल – 2013
ये मैच एजबेस्टन में खेला गया था, बारिश की वजह से ये मैच 50 ओवर की जगह 20-20 ओवर का कर दिया गया था। इंग्लैंड ने चॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया। ओपनर रोहित और शिखर सस्ते में निपट गए और टीम इंडिया का स्कोर 8.2 ओवर में 50 रन हो गया। विराट कोहली ने 34 गेंदों में 43 रन बनाए। इस तरह टीम इंडिया ने 20 ओवर में 129/7 का स्कोर खड़ा किया। इंग्लैंड टीम बल्लेबाज़ी करने को आई और दूसरे ओवर में एलिस्टर कुक ने अपना विकेट गंवा दिया। इंग्लैंड के विकेट लगातार गिरते रहे। हांलाकि रवि बोपारा और ईयॉन मॉर्गन ने पारी को संभाला। अब आख़िरी 15 गेंदों में इंग्लैंड को जीत के लिए 20 रन बनाने थे। आख़िरकार भारत ने ये मैच 5 रन से जीत लिया। नतीजा : भारत ने ये मैच 5 रन से जीता और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा जमाया रवींद्र जडेजा को हरफ़नमौला खेल के लिए ‘मैन ऑफ़ द मैच’ अवॉर्ड दिया गया। जडेजा ने 25 गेंद में 33 रन बनाए थे और 2 विकेट भी हासिल किए थे।
#1 नैटवेस्ट सीरीज़ फ़ाइनल – 2002
13 जुलाई 2002 के दिन को टीम इंडिया के फ़ैंस कभी नहीं भूल सकते, इस दिन भारत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ नैटवेस्ट सीरीज़ पर कब्ज़ा जमाया था। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए इंग्लैंड ने 50 ओवर में 325/5 का स्कोर खड़ा किया। मारकस ट्रेस्कोथिक ने 109 और नासिर हुसैन ने 115 रन बनाए। ओपनर वीरेंदर सहवाग और सौरव गांगुली ने पहले विकेट के लिए 106 रन जोड़े। फिर सौरव गांगुली आउट हो गए, इसके बाद भारत का विकेट गिरता रहा और एक वक़्त टीम इंडिया का स्कोर 146/5 हो गया। ऐसे में भारत में ज़्यादातर दर्शकों ने टीवी सेट बंद कर दिया। फिर युवराज सिंह और मोहम्मद क़ैफ़ ने ऐसी साझेदारी की जो सदियों तक याद की जाएगी। दोनों ने मिलकर छठे विकेट के लिए 123 रन जोड़े। इसके बाद युवराज 63 गेंद में 69 रन बनाकर आउट हो गए। मोहम्मद कैफ़ भारतीय पारी का आख़िर तक ले गए। अंतिम ओवर में जीत के लिए 2 रन की ज़रूरत थी और पिच पर क़ैफ़ और ज़हीर ख़ान मौजूद थे। कैफ़ ने दौड़कर 2 रन पूरे किए और टीम इंडिया को असंभव लगने वाली जीत दिला दी। कप्तान सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी से अपनी जर्सी उतारकर लहरानी शुरू कर दी। नतीजा: भारत ने ये मैच 3 गेंद शेष रहते 2 विकेट से जीता मोहम्मद कैफ़ को 75 गेंद में 87 रन बनाने की वजह से ‘मैन ऑफ़ द मैच’ अवॉर्ड दिया गया। लेखक- ध्रुव पी अनुवादक- शारिक़ुल होदा