अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स 21 वीं शताब्दी के क्रिकेट के छोटे प्रारूपों के सबसे खतरनाक खिलाड़ियों में से एक हैं। क्रिकेट मैदान में उनके कुछ कारनामे संभवतः कभी भी क्रिकेट क्षेत्र में दोहराना मुश्किल है। एक बल्लेबाज जो विशेष रूप से सफेद बॉल वाली क्रिकेट के लिए बना था उसे एक और सफल आईपीएल अभियान के बाद 23 मई 2018 को अपने करियर को अलविदा कह दिया। हालांकि उनकी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर नॉकआउट में पहुंचने में कामयाब नहीं रही फिर भी उन्होंने कुछ लुभावनी पारी खेली और संभवतः सबसे महान कैच में से एक लेकर एक जादुई कारनामा किया। हम सब यह बात हमेशा जानते है कि क्रिकेट क्षेत्र में ऐसा कुछ भी नहीं है जो एबीडी नहीं कर सकते हैं। चाहे बात सफेद बॉल वाले प्रारूप की हो या फिर लाल गेंद से खेले जाने वाले सबसे लंबे प्रारूप की। लाल गेंद वाले क्रिकेट में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन इस महान खिलाड़ी की महानता की गवाही देते हैं। 2004 में डेब्यू करने के बाद उन्होंने 50.66 की अविश्वसनीय औसत से 114 मैचों में 8765 रन बनाये। इस दौरान उनके खाते में 22 शतक और 46 अर्धशतक शामिल हुए और 278* रन एबी का उच्चतम स्कोर रहा। लेकिन रुकिये? क्या यह केवल संख्याओं के बारे में है? दिल्ली में प्रोटियाज़ के लिए मैच बचाने वाली दीवार जैसी मजबूत रक्षात्मक पारी को कोई कैसे भूल सकता है? क्या कोई एडिलेड-2012 या केप टाउन-2014 को भूल सकता है? आइए क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में एबीडी की पांच स्पेशल पारियों पर एक बार फिर से नजर डालते हैं-
278* बनाम पाकिस्तान, अबुधाबी (नवंबर 2010)
तनवीर अहमद ने प्रोटियाज़ की बल्लेबाजी लाइनअप को बिखेर दिया था क्योंकि उन्होंने अलविरो पीटरसन, ग्रीम स्मिथ और हाशिम अमला को मैच के पहले ही घंटे में पैवेलियन वापस भेजकर दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 3 विकेट पर 33 रन कर दिया। यहां से एबीडी ने कैलिस के साथ 179 रन की साझेदारी करके चीजों को नियंत्रित करने की कोशिश की और चाय काल तक दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 212-3 पहुंच गया। हालांकि कैलिस जल्द ही आउट हो गये लेकिन बाद में डीविलियर्स को अश्वेल प्रिंस और मार्क बाउचर का साथ मिला और पहले दिन मैच की समाप्ति तक दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 311 रन पर 5 विकेट रहा। जिसमें एबीडी ने नाबाद 120 रन की पारी खेली। पाकिस्तान को दूसरे दिन का खेल आगे बढ़ने के लिए शुरुआती विकेट लेने की जरूरत थी, लेकिन इसके बजाय उन्हें ही रनों की मार झेलनी पड़ गयी। एबीडी ने निचले क्रम के बल्लेबाजों में से प्रत्येक के साथ उपयोगी साझेदारी की और नाटकीय रूप से स्कोरिंग दर बढ़ाते हुए दक्षिण अफ्रीका ने दोपहर के लंच और चायकाल के बीच 35 ओवरों में 182 रन बना दिये। आखिरकार 584/9 पर पारी घोषित कर दी गयी, किसी ने इस बात की कल्पना भी नहीं की होगी कि दक्षिण अफ्रीका 3 विकेट पर 33 रन पर होने के बाद इस स्थिति में पहुंच जाएगा और उनमें से लगभग आधे रन एबीडी के बल्ले से आये थे और वह उसके करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 278* था।
217* बनाम भारत, अहमदाबाद ( अप्रैल 2008)
कोई भी प्रशंसक इस बात की कल्पना नहीं करेगा कि दक्षिण अफ्रीका 3 दिनों के भीतर भारत को उसके घरेलू मैदान पर पारी की हार का सामना करा सकता है। भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। डेल स्टेन, मखाया एंटिनी और मोर्ने मॉर्कल ने सहवाग, लक्ष्मण, द्रविड़ और गांगुली से सजी बल्लेबाजी लाइनअप को तहस नहस कर दिया। इन तीन सीमरों के सामने भारतीय बल्लेबाजों की एक ना चली और दोपहर के भोजन के तक दक्षिण अफ्रीका 1/0 पर था। भारतीय पारी केवल 20 ओवरों में 76 रनों पर ऑलआउट हो गयी। केवल एमएस धोनी और इरफान पठान दहाई के आंकड़े तक पहुंच सके। जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने तेजी से शुरुआत की लेकिन बीच में अपना रास्ता खो दिया और एबी डीविलियर्स क्रीज पर उतरे तब उनका स्कोर 117-4 पर था। दक्षिण अफ्रीका ने एक और विकेट नहीं गंवाया और एबीडी व कैलिस की साझेदारी की बदौलत स्टंप तक स्कोर 223/4 तक पहुंचा दिया। दूसरे दिन पर डीविलियर्स ने एक मिशन की तरह मैच की शुरुआत की और जल्दी से कैलिस को शतक बनाने में मदद की और ख़ुद भी ताबड़तोड़ मोड में उतर आये। कैलिस बेहतरीन 115 रन बनाने के बाद पैवेलियन लौट गये लेकिन डीविलियर्स का बल्ला अभी रूकने वाला नहीं था। उन्होंने मैदान के चारों ओर रन बनाये और दूसरे दिन का मैच खत्म होते होते दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 494/7 पर पहुंच गया था और एबीडी 217 रन पर खेल रहे थे। इस पारी के साथ मेजबान टीम लगभग मैच से बाहर हो चुकी थी। भारत को दक्षिण अफ्रीका को फिर से बल्लेबाजी कराने के लिए कम से कम 418 रनों की जरूरत है, लेकिन वह सिर्फ 328 तक ही पहुंच सके और भारतो को एक पारी व 90 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
126* बनाम ऑस्ट्रेलिया, पोर्ट एलिज़ाबेथ ( मार्च 2018)
पोर्ट एलिज़ाबेथ की सतह पर ऑस्ट्रेलिया चायकाल के बाद सिर्फ 243 रनों पर सिमट गया था, लेकिन उन्होंने वापसी की और एडेन मार्क्रम को पैवेलियन भेज दिया और पहले दिन के खेल की समाप्ति तक दक्षिण अफ्रीका ने डीन एल्गर (11) और नाइटवॉचमैन कागिसो रबाडा (17) के साथ 39/1 रन बनाये। दूसरे दिन पर सधी शुरुआत के बाद दक्षिण अफ्रीका को नाटकीय पतन का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने सिर्फ 28 रनों पर 4 विकेट गंवा दिये और चाय ब्रेक तक स्कोर 183/6 हो गया। ऑस्ट्रेलिया को उम्मीद थी कि वह पहली पारी में 100 से कम रनों की बढ़त पर उन्हें रोक देंगे। लेकिन अभी उन्हें डीविलियर्स का सामना करना बाकी था। फिलेंडर और केशव महाराज ने उपयोगी 30 रन बनाये और एक बार फिर से एबीडी का जादू देखने को मिला, 80 की स्ट्राइक रेट के साथ डीविलियर्स 126 रन पर नाबाद रहे और दक्षिण अफ्रीका की पारी 382 रनों पर समाप्त हुई और प्रोटियाज़ को 139 रनों की बढ़त दिला दी। कगिसो रबाडा ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को हाथों हाथ लिया और कंगारूओं को 239 पर समेट दिया। बिना किसी परेशानी के दक्षिण अफ्रीका ने 101 रनों का लक्ष्य हासिल करते हुए मैच अपने नाम किया।
43 बनाम भारत, दिल्ली (दिसंबर 2015)
पिच आर्दश रूप से भारतीय पिच थी और भारत ने पहली पारी में अजिंक्य रहाणे के शतक की बदौलत 334 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों के आगे तुरंत हथियार डाल दिये और रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा के ऑफ स्पिन के आगे एक-एक करके नतमस्तक होते चले गए। एबी डीविलियर्स ने पारी में सबसे ज्यादा 42 रन बनाये जिसकी मदद से अफ्रीकी टीम 49.3 ओवरों में 121 रन तक पहुंच सकी। 213 रनों की संभावित मैच जीतने वाली बढ़त के साथ भारत ने दूसरी पारी में 267 रन जोड़े और अजिंक्य रहाणे ने मैच में दूसरा शतक बना दिया। चौथी पारी में प्रोटियाज़ को 481 रनों का लक्ष्य मिला जिसे बिगड़ती पिच पर बनाना लगभग असंभव था। डीन एल्गर बिना किसी प्रयास के सस्ते में आउट हो गये। बवुमा और अमला ने लगभग 40 ओवर तक गेंदबाजों को रोकने की कोशिश की लेकिन जल्द ही अश्विन ने बवुमा को एक शानदार गेंद पर आउट कर दिया। फिर क्रीज पर डीविलियर्स उतरे और उस दिन दुनिया ने ताबड़तोड़ बल्लेबाज का बेहद रक्षात्मक रवैया दिखा, जिसे शायद ही पहले कभी किसी ने देखा होगा। एबीडी ने 6 घंटे की मैराथन पारी खेलते हुए 297 गेंदों का सामना किया क्योंकि वह मैच को ड्रॉ पर समाप्त करने के लिए मजबूर करना चाहते थे। आमला और डू प्लेसी ने भी लगभग 60 ओवर खेले, लेकिन एक बार फिर भारत और प्रोटियाज़ के बीच एबीडी खड़े थे। और एक शानदार व बेहतरीन कैच के साथ 297 गेंदों वाली इस पारी का अंत हो गया और इस पारी के लिए मैदान पर मौजूद सबने खड़े होकर तालियां बजायी। मैच को खत्म करने के लिए भारत को 18 गेंदों की आवश्यकता पड़ी लेकिन एबीडी की यह पारी जादू के समान थी।
33 बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड ( नवंबर 2012)
यह फाफ डू प्लेसी का पहला मैच था और ऑस्ट्रेलिया इसे प्रोटियाज़ को बुरी वाली हार देकर क्रिकेट में उनका स्वागत करता चाहता था। तीन शतक जिसमें माइकल क्लार्क का दोहरे शतक भी शामिल था इसके साथ कंगारुओं ने 3 सत्रों में 550 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया।वहीं ग्रीम स्मिथ के बेहतरीन शतक और मैच में अपना डेब्यू करने वाले फाफ डू प्लेसी के शानदार 78 रनों के साथ दक्षिण अफ्रीका ने बढ़िया जवाब दिया। हालांकि लगातार विकेट गिरने की वजह से दक्षिण अफ्रीका 388 रनों पर सिमट गया और कंगारुओं को 162 रन की अच्छी खासी बढ़त प्राप्त हो गयी। जब ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 267/8 पर घोषित की, तो दक्षिण अफ्रीका लगभग मैच से बाहर हो चुका था क्योंकि उन्हें मैच जीतने के लिए 430 के लक्ष्य को पार करना था या ड्रॉ करने के लिए साढ़े चार सत्रों तक क्रीज पर टिके रहना था। जो दक्षिण अफ्रीका के लिए मुश्किल चुनौती थी। फिर वहीं हुआ जिसका डर था नाथन लॉयन, बेन हिल्फेनहॉस और पीटर सिडल ने 20 ओवरों में दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 4 विकेट पर 45 रन पहुंचा दिया और ऑस्ट्रेलिया 4 दिनों के भीतर मैच को खत्म करने की उम्मीद कर रहा था। लेकिन एबी अपने दोस्त फाफ डू प्लेसी के साथ मिलकर 89 रनों की साझेदारी की और 68 ओवर का सामना किया। जब तक उन्हें आउट किया गया, तब तक उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी की कमर तोड़ दी थी। डीविलियर्स ने 220 गेंदों का सामना करते हुए महत्वपूर्ण 33 रन बनाये। जैक कैलिस के साथ अपनी साझेदारी में फाफ डू प्लेसी ने अपनी दूसरी पारी में शतक बना दिया और दक्षिण अफ्रीका ने एक हारे हुए मैच को ड्रॉ पर समाप्त किया। लेखक- अनुपम ठाकुर अनुवादक- सौम्या तिवारी